20 February 2024 04:06 PM
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक (यूएसबीआरएल) पर देश की सबसे लंबी रेलवे सुरंग का उद्घाटन किया और कश्मीर घाटी की पहली विद्युतीकृत रेलगाड़ी को हरी झंडी दिखाई।
एक रेलवे अधिकारी ने कहा, ''प्रधानमंत्री मोदी जम्मू में मौजूद थे और उन्होंने डिजिटल तरीके से एक साथ दो विद्युतीकृत रेलगाड़ियों को हरी झंडी दिखाई - जिनमें एक श्रीनगर से संगलदान तक और दूसरी संगलदान से श्रीनगर तक चलेगी।'' उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने 48.1 किलोमीटर लंबे बनिहाल-खारी-सुम्बर-संगलदान खंड का भी उद्घाटन किया। अधिकारी ने कहा, ''इस खंड पर यह सबसे लंबी सुरंग है, जो 12.77 किलोमीटर लंबी है और 'टी-50' के नाम से जानी जाती है।''
उत्तर रेलवे के अनुसार, अब ट्रेन बारामूला से बनिहाल होते हुए संगलदान तक चल सकती हैं, जो पहले अंतिम गंतव्य स्टेशन या शुरुआती स्टेशन हुआ करता था। 'टी-50' को बनिहाल-खारी-सुम्बर-संगलदान खंड पर पड़ने वाली 11 सुरंगों में से सबसे चुनौतीपूर्ण माना जाता है।
परियोजना से जुड़े रेलवे अधिकारियों के अनुसार, सुरंग का काम 2010 के आसपास शुरू हुआ था और इसे चालू करने में लगभग 14 साल लग गए। एक अधिकारी ने कहा, ''आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए सुरंग के अंदर सभी सुरक्षा उपाय किए गए हैं। किसी भी आपात स्थिति में यात्रियों को निकालने के लिए 'टी-50' के समानांतर 'बचाव सुरंग' का निर्माण किया गया है।''
अधिकारी ने बताया कि आग लगने की घटना से निपटने के लिए सुरंग के दोनों किनारों पर पानी के पाइप बिछाए गए हैं और हर 375 मीटर पर एक वाल्व लगाया गया है ताकि आग की लपटों को बुझाने के लिए ट्रेन पर दोनों तरफ से पानी का छिड़काव किया जा सके। उन्होंने कहा, ''अन्य लंबी सुरंगों के लिए भी बचाव सुरंगें बनाई गई हैं।''
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक (यूएसबीआरएल) पर देश की सबसे लंबी रेलवे सुरंग का उद्घाटन किया और कश्मीर घाटी की पहली विद्युतीकृत रेलगाड़ी को हरी झंडी दिखाई।
एक रेलवे अधिकारी ने कहा, ''प्रधानमंत्री मोदी जम्मू में मौजूद थे और उन्होंने डिजिटल तरीके से एक साथ दो विद्युतीकृत रेलगाड़ियों को हरी झंडी दिखाई - जिनमें एक श्रीनगर से संगलदान तक और दूसरी संगलदान से श्रीनगर तक चलेगी।'' उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने 48.1 किलोमीटर लंबे बनिहाल-खारी-सुम्बर-संगलदान खंड का भी उद्घाटन किया। अधिकारी ने कहा, ''इस खंड पर यह सबसे लंबी सुरंग है, जो 12.77 किलोमीटर लंबी है और 'टी-50' के नाम से जानी जाती है।''
उत्तर रेलवे के अनुसार, अब ट्रेन बारामूला से बनिहाल होते हुए संगलदान तक चल सकती हैं, जो पहले अंतिम गंतव्य स्टेशन या शुरुआती स्टेशन हुआ करता था। 'टी-50' को बनिहाल-खारी-सुम्बर-संगलदान खंड पर पड़ने वाली 11 सुरंगों में से सबसे चुनौतीपूर्ण माना जाता है।
परियोजना से जुड़े रेलवे अधिकारियों के अनुसार, सुरंग का काम 2010 के आसपास शुरू हुआ था और इसे चालू करने में लगभग 14 साल लग गए। एक अधिकारी ने कहा, ''आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए सुरंग के अंदर सभी सुरक्षा उपाय किए गए हैं। किसी भी आपात स्थिति में यात्रियों को निकालने के लिए 'टी-50' के समानांतर 'बचाव सुरंग' का निर्माण किया गया है।''
अधिकारी ने बताया कि आग लगने की घटना से निपटने के लिए सुरंग के दोनों किनारों पर पानी के पाइप बिछाए गए हैं और हर 375 मीटर पर एक वाल्व लगाया गया है ताकि आग की लपटों को बुझाने के लिए ट्रेन पर दोनों तरफ से पानी का छिड़काव किया जा सके। उन्होंने कहा, ''अन्य लंबी सुरंगों के लिए भी बचाव सुरंगें बनाई गई हैं।''
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