14 March 2023 12:59 PM
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर ,हर साल बढ़ रही साढ़े तीन प्रतिशत शहरी आबादी और उससे प्रति व्यक्ति प्रति वर्ष 1.3 प्रतिशत बढ़ रहे कचरे के ढेर के कारण अब सरकारों ने ठाेस कचरा प्रबंधन के लिए प्रयास शुरू कर दिए हैं। राजस्थान के 19 शहराें में प्रति दिन 1717 टन कचरे के निस्तारण के लिए सरकार ने एकमुश्त 131.93 कराेड़ रुपए मंजूर किए हैं।
वित्त आयोग की रिपाेर्ट के मुताबिक एक टन कचरे की सफाई 1500 रुपए में हाेती है और एक व्यक्ति एक दिन में 600 ग्राम तक कचरा फैलाता है।पिछले महीने ही इस प्राेजेक्ट की टेक्नीकल स्वीकृति दी गई है। वित्तीय स्वीकृति पहले ही दी जा चुकी है। 19 शहराें में सर्वाधिक राशि बीकानेर नगर निगम काे 33.59 कराेड़ मंजूर किए गए हैं। काेटा उत्तर और काेटा दक्षिण काे मिलाकर 35.30 कराेड़ मंजूर किए गए हैं।
बीकानेर में ये प्लांट वल्लभ गार्डन में बनेगा। जहां पहले से एमआरएफ सेंटर बनकर तैयार है। यहां सूखा-गीला कचरा अलग-अलग करके गीले कचरे से कंपाेस्ट खाद और सूखे कचरे काे कंप्रेश करके दूसरे कामाें में लिया जाएगा। इसमें से प्लास्टिक, मेटल समेत सभी चीजें अलग-अलग की जाएंगी। वल्लभ गार्डन के डंपिंग यार्ड की चारदीवारी बनकर तैयार है।
ये प्राेजेक्ट स्वच्छ भारत मिशन-2 के तहत मंजूर किया गया है। उल्लेखनीय है कि स्वच्छ भारत मिशन में ही पुराने डंपिंग यार्ड काे भी खत्म करने के लिए कराेड़ाें रुपए पहले ही आवंटित किए जा चुके हैं। उसमें भी बीकानेर के शिववैली के पास के डंपिंग यार्ड की सफाई हाेगी।
उसके भी टेंडर हाे चुके हैं और अब राेज उठ रहे कचरे के नियमित निस्तारण के लिए अलग से राशि मंजूर की गई है। केन्द्र सरकार का फाेकस नियमित और पुराने कचरे के निस्तारण और उससे बिजली और खाद पैदा करने से लेकर दूसरे कामाें में ज्यादा है। एसबीएम-2 में इसी पर फाेकस किया गया है।
बीकानेर के वल्लभ गार्डन प्लांट के लिए सर्वाधिक 33.59 कराेड़ मिलेंगे कहां कितने टन का प्लांट और कितनी लागत शहर कचरा लागत बीकानेर 320 टन 33.59 कराेड़ ब्याॅवर 47 टन 4.80 कराेड़ किशनगढ़ 26 टन 2.99 कराेड़ धाैलपुर 69 टन 7.12 कराेड़ नागाैर 51 टन 5.35 कराेड़ हिंडाैन 37 टन 3.89 कराेड़ गंगापुर सिटी 65 टन 6.72 कराेड़ सवाई माधाैपुर 46 टन 4.96 कराेड़ सुजानगढ़ 30 टन 3.27 कराेड़ शहर कचरा लागत भिवाड़ी 56 टन 5.78 कराेड़ चित्ताैड़गढ़ 46 टन 4.99 कराेड़ बूंदी 57 टन 5.89 कराेड़ खाटूश्यामजी 5 टन 51.50 लाख रींगस 10 टन 1.3 कराेड़ जालाैर 20 टन 2.6 कराेड़ सिराेही 13 टन 1.37 कराेड़ बांसवाड़ा 19 टन 2.18 कराेड़ काेटा नार्थ 400 टन 1765 कराेड़
देश के 6 बड़े शहराें में देश का 18% कचरादेश के छह शहराें में ही देश का 18 प्रतिशत कचरा एकत्र हाेता है। मेट्राे शहराें में 17.08 प्रतिशत और 10 लाख से ऊपर अबादी वाले शहर देश का 37 प्रतिशत कचरा पैदा करते हैं। यानी करीब 423 शहराें में 72.5 प्रतिशत कचरा उत्पन्न हाेता है।^एमआरएफ सेंटर बनकर तैयार है। इस प्लांट की जरूरत थी। बहुत पहले प्रस्ताव गया था। हमारी काेशिश है कि राेज आने वाले कचरे का निस्तारण हाे ताकि डंपिंग यार्ड में कचरे का ढेर ना हाे। साथ ही कचरे से आय करने की भी याेजना है।सुशीला कंवर राजपुराेहित, मेयर, बीकानेर
भास्कर नॉलेज देश में एक से 50 लाख तक की आबादी वाली शहराें में प्रति व्यक्ति प्रति दिन 0.2 से 0.6 किलाे कचरा हाेता है।लगभग 1.3% प्रतिशत कचरा बढ़ रहा है और तीन से साढ़े तीन प्रतिशत प्रतिवर्ष शहरी आबादी बढ़ रही है।शहराें में प्रति वर्ष 5 प्रतिशत कचरा ज्यादा पैदा हाे रहा है।देश में औसतन कचरा 50 से 90 प्रतिशत एकत्र हाेता है। कचरा प्रबंधन पर प्रति टन 500 से 1500 रुपए का खर्च आता है। जिसमें 60 से 70 प्रतिशत राशि सिर्फ कचरा कलेक्शन पर खर्च हाेती है। 20 से 30 प्रतिशत राशि परिवहन पर और पांच प्रतिशत से ही कम राशि कचरे के निस्तारण पर खर्च हाे रही है।देश में प्रति दिन करीब 42 लाख टन कचरा एकत्र हाेता है। इसमें 30 से 55 प्रतिशत तक जैविक सामग्री यानी सड़न शील हाेती है। 40 से 55 प्रतिशत सूखी सामग्री और पांच से 15 प्रतिशत सामग्री री साइक्लिंग लायक हाेती है।स्रोत : केन्द्रीय वित्त आयोग की रिपाेर्ट)
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर ,हर साल बढ़ रही साढ़े तीन प्रतिशत शहरी आबादी और उससे प्रति व्यक्ति प्रति वर्ष 1.3 प्रतिशत बढ़ रहे कचरे के ढेर के कारण अब सरकारों ने ठाेस कचरा प्रबंधन के लिए प्रयास शुरू कर दिए हैं। राजस्थान के 19 शहराें में प्रति दिन 1717 टन कचरे के निस्तारण के लिए सरकार ने एकमुश्त 131.93 कराेड़ रुपए मंजूर किए हैं।
वित्त आयोग की रिपाेर्ट के मुताबिक एक टन कचरे की सफाई 1500 रुपए में हाेती है और एक व्यक्ति एक दिन में 600 ग्राम तक कचरा फैलाता है।पिछले महीने ही इस प्राेजेक्ट की टेक्नीकल स्वीकृति दी गई है। वित्तीय स्वीकृति पहले ही दी जा चुकी है। 19 शहराें में सर्वाधिक राशि बीकानेर नगर निगम काे 33.59 कराेड़ मंजूर किए गए हैं। काेटा उत्तर और काेटा दक्षिण काे मिलाकर 35.30 कराेड़ मंजूर किए गए हैं।
बीकानेर में ये प्लांट वल्लभ गार्डन में बनेगा। जहां पहले से एमआरएफ सेंटर बनकर तैयार है। यहां सूखा-गीला कचरा अलग-अलग करके गीले कचरे से कंपाेस्ट खाद और सूखे कचरे काे कंप्रेश करके दूसरे कामाें में लिया जाएगा। इसमें से प्लास्टिक, मेटल समेत सभी चीजें अलग-अलग की जाएंगी। वल्लभ गार्डन के डंपिंग यार्ड की चारदीवारी बनकर तैयार है।
ये प्राेजेक्ट स्वच्छ भारत मिशन-2 के तहत मंजूर किया गया है। उल्लेखनीय है कि स्वच्छ भारत मिशन में ही पुराने डंपिंग यार्ड काे भी खत्म करने के लिए कराेड़ाें रुपए पहले ही आवंटित किए जा चुके हैं। उसमें भी बीकानेर के शिववैली के पास के डंपिंग यार्ड की सफाई हाेगी।
उसके भी टेंडर हाे चुके हैं और अब राेज उठ रहे कचरे के नियमित निस्तारण के लिए अलग से राशि मंजूर की गई है। केन्द्र सरकार का फाेकस नियमित और पुराने कचरे के निस्तारण और उससे बिजली और खाद पैदा करने से लेकर दूसरे कामाें में ज्यादा है। एसबीएम-2 में इसी पर फाेकस किया गया है।
बीकानेर के वल्लभ गार्डन प्लांट के लिए सर्वाधिक 33.59 कराेड़ मिलेंगे कहां कितने टन का प्लांट और कितनी लागत शहर कचरा लागत बीकानेर 320 टन 33.59 कराेड़ ब्याॅवर 47 टन 4.80 कराेड़ किशनगढ़ 26 टन 2.99 कराेड़ धाैलपुर 69 टन 7.12 कराेड़ नागाैर 51 टन 5.35 कराेड़ हिंडाैन 37 टन 3.89 कराेड़ गंगापुर सिटी 65 टन 6.72 कराेड़ सवाई माधाैपुर 46 टन 4.96 कराेड़ सुजानगढ़ 30 टन 3.27 कराेड़ शहर कचरा लागत भिवाड़ी 56 टन 5.78 कराेड़ चित्ताैड़गढ़ 46 टन 4.99 कराेड़ बूंदी 57 टन 5.89 कराेड़ खाटूश्यामजी 5 टन 51.50 लाख रींगस 10 टन 1.3 कराेड़ जालाैर 20 टन 2.6 कराेड़ सिराेही 13 टन 1.37 कराेड़ बांसवाड़ा 19 टन 2.18 कराेड़ काेटा नार्थ 400 टन 1765 कराेड़
देश के 6 बड़े शहराें में देश का 18% कचरादेश के छह शहराें में ही देश का 18 प्रतिशत कचरा एकत्र हाेता है। मेट्राे शहराें में 17.08 प्रतिशत और 10 लाख से ऊपर अबादी वाले शहर देश का 37 प्रतिशत कचरा पैदा करते हैं। यानी करीब 423 शहराें में 72.5 प्रतिशत कचरा उत्पन्न हाेता है।^एमआरएफ सेंटर बनकर तैयार है। इस प्लांट की जरूरत थी। बहुत पहले प्रस्ताव गया था। हमारी काेशिश है कि राेज आने वाले कचरे का निस्तारण हाे ताकि डंपिंग यार्ड में कचरे का ढेर ना हाे। साथ ही कचरे से आय करने की भी याेजना है।सुशीला कंवर राजपुराेहित, मेयर, बीकानेर
भास्कर नॉलेज देश में एक से 50 लाख तक की आबादी वाली शहराें में प्रति व्यक्ति प्रति दिन 0.2 से 0.6 किलाे कचरा हाेता है।लगभग 1.3% प्रतिशत कचरा बढ़ रहा है और तीन से साढ़े तीन प्रतिशत प्रतिवर्ष शहरी आबादी बढ़ रही है।शहराें में प्रति वर्ष 5 प्रतिशत कचरा ज्यादा पैदा हाे रहा है।देश में औसतन कचरा 50 से 90 प्रतिशत एकत्र हाेता है। कचरा प्रबंधन पर प्रति टन 500 से 1500 रुपए का खर्च आता है। जिसमें 60 से 70 प्रतिशत राशि सिर्फ कचरा कलेक्शन पर खर्च हाेती है। 20 से 30 प्रतिशत राशि परिवहन पर और पांच प्रतिशत से ही कम राशि कचरे के निस्तारण पर खर्च हाे रही है।देश में प्रति दिन करीब 42 लाख टन कचरा एकत्र हाेता है। इसमें 30 से 55 प्रतिशत तक जैविक सामग्री यानी सड़न शील हाेती है। 40 से 55 प्रतिशत सूखी सामग्री और पांच से 15 प्रतिशत सामग्री री साइक्लिंग लायक हाेती है।स्रोत : केन्द्रीय वित्त आयोग की रिपाेर्ट)
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