30 July 2023 06:08 PM

जोग संजोग टाइम्स बीकानेर ,बीकानेर जिला उद्योग संघ अध्यक्ष द्वारकाप्रसाद पचीसिया ने स्वेच्छिक क्षेत्र विकास केंद्र जयपुर के अध्यक्ष मुमताज मसीह से मिलकर भामाशाहों द्वारा जनहित में किये जाने वाले खर्च एवं राज्य सरकार को हस्तांतरित करने के प्रकल्पों से राजकीय जीएसटी में पूर्ण राहत प्रदान करवाने की राज्य सरकार से अनुशंसा बाबत ज्ञापन सौंपा | ज्ञापन में बताया गया कि राष्ट्र निर्माण में भामाशाहों का सर्वाधिक योगदान आजादी पूर्व से चलता आ रहा है | भामाशाहों के योगदान से निर्माण करने जैसे शिक्षा, चिकित्सा, जल के संचय हेतु कुँए, बावड़ी, तालाब, गौसेवा, सडकें व अन्य क्षेत्रों में अग्रणी भूमिका रही है | वर्तमान में भी भामाशाहों के योगदान से सेवा प्रकल्प निरंतर जारी है | पूर्व में भामाशाहों द्वारा जब भी सेवा प्रकल्प कराए गये तब संबंधित केंद्र व राज्य सरकारों द्वारा किसी भी प्रकार का करारोपण नहीं किया जाता था | वर्तमान में केंद्र व राज्य सरकार द्वारा जीएसटी प्रभावी होने के पश्चात भामाशाहों द्वारा जो जनहित में सेवा कार्य किये जा रहे हैं इस हेतु किये जाने वाले निर्माण करवाकर, उपकरणों, व संयंत्र लगाकर सरकारों को हस्तांतरण कर दिया जाता है, उस पर वर्तमान में जीएसटी व अन्य कर लगाए जाते हैं जो कि सर्वदा अनुचित है | जहां एक और भामाशाह अपनी जन्मभूमि एवं अपनी कर्मभूमि के विकास एवं समाज के हित के लिए अपने खून पसीने से कमाई हुई पूँजी को खर्च कर अपने सामाजिक कर्तव्यों का निर्वहन करना चाहते हैं वहीं दूसरी और सरकारें भामाशाहों के द्वारा करवाए गये जनहित के कार्यों पर जीएसटी जैसे करारोपण कर दान की भावना को आहत पहुंचाते हैं | सामाजिक सरोकार के तहत करवाए गये निर्माण कार्यों एवं निर्माण पश्चात निर्मित भवन राज्य सरकार को सुपुर्द करने के कार्य में जीएसटी जैसे करों को रोपित करना न्यायोचित नहीं है |
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर ,बीकानेर जिला उद्योग संघ अध्यक्ष द्वारकाप्रसाद पचीसिया ने स्वेच्छिक क्षेत्र विकास केंद्र जयपुर के अध्यक्ष मुमताज मसीह से मिलकर भामाशाहों द्वारा जनहित में किये जाने वाले खर्च एवं राज्य सरकार को हस्तांतरित करने के प्रकल्पों से राजकीय जीएसटी में पूर्ण राहत प्रदान करवाने की राज्य सरकार से अनुशंसा बाबत ज्ञापन सौंपा | ज्ञापन में बताया गया कि राष्ट्र निर्माण में भामाशाहों का सर्वाधिक योगदान आजादी पूर्व से चलता आ रहा है | भामाशाहों के योगदान से निर्माण करने जैसे शिक्षा, चिकित्सा, जल के संचय हेतु कुँए, बावड़ी, तालाब, गौसेवा, सडकें व अन्य क्षेत्रों में अग्रणी भूमिका रही है | वर्तमान में भी भामाशाहों के योगदान से सेवा प्रकल्प निरंतर जारी है | पूर्व में भामाशाहों द्वारा जब भी सेवा प्रकल्प कराए गये तब संबंधित केंद्र व राज्य सरकारों द्वारा किसी भी प्रकार का करारोपण नहीं किया जाता था | वर्तमान में केंद्र व राज्य सरकार द्वारा जीएसटी प्रभावी होने के पश्चात भामाशाहों द्वारा जो जनहित में सेवा कार्य किये जा रहे हैं इस हेतु किये जाने वाले निर्माण करवाकर, उपकरणों, व संयंत्र लगाकर सरकारों को हस्तांतरण कर दिया जाता है, उस पर वर्तमान में जीएसटी व अन्य कर लगाए जाते हैं जो कि सर्वदा अनुचित है | जहां एक और भामाशाह अपनी जन्मभूमि एवं अपनी कर्मभूमि के विकास एवं समाज के हित के लिए अपने खून पसीने से कमाई हुई पूँजी को खर्च कर अपने सामाजिक कर्तव्यों का निर्वहन करना चाहते हैं वहीं दूसरी और सरकारें भामाशाहों के द्वारा करवाए गये जनहित के कार्यों पर जीएसटी जैसे करारोपण कर दान की भावना को आहत पहुंचाते हैं | सामाजिक सरोकार के तहत करवाए गये निर्माण कार्यों एवं निर्माण पश्चात निर्मित भवन राज्य सरकार को सुपुर्द करने के कार्य में जीएसटी जैसे करों को रोपित करना न्यायोचित नहीं है |
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