30 January 2022 12:55 PM
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर,
मिली जानकारी के अनुसार पूर्व कोटा राजपरिवार के सदस्य एवं पूर्व सांसद बृजराजसिंह का शनिवार को निधन हो गया। सिंह के निधन से बीकानेर के राज परिवार ने अपना निकट संबंधी खाेया है। दरअसल, बृजराजसिंहजी का ननिहाल बीकानेर का राज परिवार है। वे यहां के महाराजा गंगासिंहजी की छोटी बेटी सुशीलाकुमारी के बेटे थे। इस लिहाज से बीकानेर उनकी ननिहाल है। बीकानेर रियासत के इनके ममेरे भाई डा.करणीसिंह और येदोनों लंबे समय तक एक साथ सांसद भी रहे।
इनके जन्म की खुशी में चंबल पुल का टैक्स समाप्त कर दिया था
पूर्व महाराव बृजराज सिंह कला के पारखी थे। उन्होंने आर्टिकल्स ऑन डिफेंस, हिस्ट्री टूरिज्म एंंड ऑन कंजर्वेशन, द किंगडम देट वाज काेटा सहित कई पुस्तकें लिखी। उनकी निजी लाइब्रेरी में पांच हजार से अधिक किताबें हैं। इतिहासविद् फिराेज अहमद बताते हैं की पूर्व महाराव बृजराज सिंह हाड़ौती व राजस्थानी भाषा के पैरोकार और काेटा चित्र शैली के काफी जानकार रहे हैं।
उन्होंने आमजन के लिए गढ़ पैलेस में राव माधोसिंह म्यूजियम ट्रस्ट की स्थापना की। इन्हें शास्त्रीय संगीत से गहरा लगाव था। हाड़ोती रियासत की परंपरा में शुमार दशहरा पर पुन: दरीखाने की परंपरा को शुरू किया।उन्होंने एमबीएस अस्पताल में रोगियों की सुविधा के लिए कोटज वार्ड का निर्माण करवाया। 21 फरवरी 1934 काे जब उनका जन्म हुआ तो महाराव भीमसिंह ने चंबल पुल पर लगने वाला टैक्स समाप्त कर दिया था।
बीकानेर राज परिवार को एक सप्ताह में दूसरा शोक
पूर्व बीकानेर रियासत ने एक सप्ताह में अपने दूसरे निकट संबंधी को खोया है। इससे पहले डूंगरपुर रियासत की पूर्व महारानी देव कंवर का निधन हो गया था। वे भी बीकानेर रियासत के महाराजा गंगासिंह जी की पौत्री एवं प्रिंस बिजयसिंह की पुत्री थी।
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर,
मिली जानकारी के अनुसार पूर्व कोटा राजपरिवार के सदस्य एवं पूर्व सांसद बृजराजसिंह का शनिवार को निधन हो गया। सिंह के निधन से बीकानेर के राज परिवार ने अपना निकट संबंधी खाेया है। दरअसल, बृजराजसिंहजी का ननिहाल बीकानेर का राज परिवार है। वे यहां के महाराजा गंगासिंहजी की छोटी बेटी सुशीलाकुमारी के बेटे थे। इस लिहाज से बीकानेर उनकी ननिहाल है। बीकानेर रियासत के इनके ममेरे भाई डा.करणीसिंह और येदोनों लंबे समय तक एक साथ सांसद भी रहे।
इनके जन्म की खुशी में चंबल पुल का टैक्स समाप्त कर दिया था
पूर्व महाराव बृजराज सिंह कला के पारखी थे। उन्होंने आर्टिकल्स ऑन डिफेंस, हिस्ट्री टूरिज्म एंंड ऑन कंजर्वेशन, द किंगडम देट वाज काेटा सहित कई पुस्तकें लिखी। उनकी निजी लाइब्रेरी में पांच हजार से अधिक किताबें हैं। इतिहासविद् फिराेज अहमद बताते हैं की पूर्व महाराव बृजराज सिंह हाड़ौती व राजस्थानी भाषा के पैरोकार और काेटा चित्र शैली के काफी जानकार रहे हैं।
उन्होंने आमजन के लिए गढ़ पैलेस में राव माधोसिंह म्यूजियम ट्रस्ट की स्थापना की। इन्हें शास्त्रीय संगीत से गहरा लगाव था। हाड़ोती रियासत की परंपरा में शुमार दशहरा पर पुन: दरीखाने की परंपरा को शुरू किया।उन्होंने एमबीएस अस्पताल में रोगियों की सुविधा के लिए कोटज वार्ड का निर्माण करवाया। 21 फरवरी 1934 काे जब उनका जन्म हुआ तो महाराव भीमसिंह ने चंबल पुल पर लगने वाला टैक्स समाप्त कर दिया था।
बीकानेर राज परिवार को एक सप्ताह में दूसरा शोक
पूर्व बीकानेर रियासत ने एक सप्ताह में अपने दूसरे निकट संबंधी को खोया है। इससे पहले डूंगरपुर रियासत की पूर्व महारानी देव कंवर का निधन हो गया था। वे भी बीकानेर रियासत के महाराजा गंगासिंह जी की पौत्री एवं प्रिंस बिजयसिंह की पुत्री थी।
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