23 June 2024 06:29 PM

बीकानेर। एक जुलाई को देशभर में होने वाले कानूनों में बदलाव को लेकर जिला पुलिस की ओर से एमजीएसयू सभागार में एक सेमिनार आयोजित की गई। जिसमें जिलेभर के पुलिस अधिकारी,लॉ के विद्यार्थी तथा अधिवक्ता मौजूद रहे। इस मौके पर आईजी ओमप्रकाश ने कहा कि समय की मांग को देखते हुए पुराने कानूनों में काफी महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। जिस समय वह कानून बनाए गए थे उस समय तक उनकी उपयोगिता काफी थी, लेकिन आज के समय में वह कानून पूर्ण रूप से समय के अनुरू प नहीं थे।उन्होंने बताया कि अब पुलिस विभाग को परिवर्तित कानूनों के मुताबिक कार्रवाई करनी होगी। गंभीर आपराधिक मामलों में एफएसएल की सहायता लेनी अति आवश्यक है। समय की मांग को देखते हुए डिजिटल व इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों को मान्यता दी गई है। एसपी तेजस्वनी गौतम ने कहा कि तुच्छ मामलों में अपराध करने वालों के लिए कानून में सामाजिक दंड देने का प्रावधान किया गया है। कुछ मामलों में अनुसंधानकर्ताओं को राजपत्रित अधिकारी की पूर्व अनुमति से परिवाद की जांच करने के लिए समय दिए जाने का प्रावधान भी किया गया है। नए कानूनों में कई गंभीर मामलों में सजा को बढ़ाया गया है ताकि आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों को अधिक सजा मिले। ऐसे में कानून प्रावधानों में बदलाव का मायना परिवादी को न्याय मिलने से है।
बीकानेर। एक जुलाई को देशभर में होने वाले कानूनों में बदलाव को लेकर जिला पुलिस की ओर से एमजीएसयू सभागार में एक सेमिनार आयोजित की गई। जिसमें जिलेभर के पुलिस अधिकारी,लॉ के विद्यार्थी तथा अधिवक्ता मौजूद रहे। इस मौके पर आईजी ओमप्रकाश ने कहा कि समय की मांग को देखते हुए पुराने कानूनों में काफी महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। जिस समय वह कानून बनाए गए थे उस समय तक उनकी उपयोगिता काफी थी, लेकिन आज के समय में वह कानून पूर्ण रूप से समय के अनुरू प नहीं थे।उन्होंने बताया कि अब पुलिस विभाग को परिवर्तित कानूनों के मुताबिक कार्रवाई करनी होगी। गंभीर आपराधिक मामलों में एफएसएल की सहायता लेनी अति आवश्यक है। समय की मांग को देखते हुए डिजिटल व इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों को मान्यता दी गई है। एसपी तेजस्वनी गौतम ने कहा कि तुच्छ मामलों में अपराध करने वालों के लिए कानून में सामाजिक दंड देने का प्रावधान किया गया है। कुछ मामलों में अनुसंधानकर्ताओं को राजपत्रित अधिकारी की पूर्व अनुमति से परिवाद की जांच करने के लिए समय दिए जाने का प्रावधान भी किया गया है। नए कानूनों में कई गंभीर मामलों में सजा को बढ़ाया गया है ताकि आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों को अधिक सजा मिले। ऐसे में कानून प्रावधानों में बदलाव का मायना परिवादी को न्याय मिलने से है।
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