19 May 2021 05:59 PM

जोग संजोग टाइम्स
बीकानेर। जिले के श्रीडूंगरगढ़ क्षेत्र में कोरोना हर दिन और अधिक विकराल होता जा रहा है। क्षेत्र में प्रशासन और चिकित्सा विभाग जहां कम सैम्पल करके तथा रोज आने वाली पॉजिटिव की रिपोर्ट, कोरोना से होने वाली मौतों के बारे में जानकारी मीडिया से साझा नहीं कर आंकड़े छिपाने में लगा है वही बुजुर्ग रोगी अब हॉस्पिटल में भर्ती होने से ही इंकार कर रहे है, तथा घरों में ही उनकी मौत हो रही है। बुधवार को कस्बे के आड़सर बास में ऐसा ही देखने को मिला। जहां एक 68 वर्षीय बुजुर्ग की मृत्यु कोरोना के कारण घर पर ही हो गई है। लगातार बुखार आने पर उनकी कोरोना जांच करवाई गई और गत 14 मई को उनके सैम्पल की रिपोर्ट आई जिसमें उन्हें कोरोना पॉजिटिव घोषित किया गया। अधिक उम्र के कारण उनको रिस्क केटेगरी में माना गया लेकिन उन्होंने खुद ही हॉस्पिटल में भर्ती होने से मना कर दिया। मंगलवार रात को उनका ऑक्सीजन लेवल कम होते होते उनकी मृत्यु हो गई। मृतक के पुत्र भी प्रवासी नागरिक है लेकिन उनके पहुंचने तक कोरोना संक्रमित का शव को रखा नहीं जा सकता तो पूर्व पार्षद एवं सामाजिक कार्यकर्ता अशोक झाबक ने पीपीई किट पहन कर उनका अंतिम संस्कार किया। चिकित्सा विभाग और नगरपालिका के सहयोग से कोरोना प्रोटोकॉल के साथ अंतिम क्रिया की गई।
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बीकानेर। जिले के श्रीडूंगरगढ़ क्षेत्र में कोरोना हर दिन और अधिक विकराल होता जा रहा है। क्षेत्र में प्रशासन और चिकित्सा विभाग जहां कम सैम्पल करके तथा रोज आने वाली पॉजिटिव की रिपोर्ट, कोरोना से होने वाली मौतों के बारे में जानकारी मीडिया से साझा नहीं कर आंकड़े छिपाने में लगा है वही बुजुर्ग रोगी अब हॉस्पिटल में भर्ती होने से ही इंकार कर रहे है, तथा घरों में ही उनकी मौत हो रही है। बुधवार को कस्बे के आड़सर बास में ऐसा ही देखने को मिला। जहां एक 68 वर्षीय बुजुर्ग की मृत्यु कोरोना के कारण घर पर ही हो गई है। लगातार बुखार आने पर उनकी कोरोना जांच करवाई गई और गत 14 मई को उनके सैम्पल की रिपोर्ट आई जिसमें उन्हें कोरोना पॉजिटिव घोषित किया गया। अधिक उम्र के कारण उनको रिस्क केटेगरी में माना गया लेकिन उन्होंने खुद ही हॉस्पिटल में भर्ती होने से मना कर दिया। मंगलवार रात को उनका ऑक्सीजन लेवल कम होते होते उनकी मृत्यु हो गई। मृतक के पुत्र भी प्रवासी नागरिक है लेकिन उनके पहुंचने तक कोरोना संक्रमित का शव को रखा नहीं जा सकता तो पूर्व पार्षद एवं सामाजिक कार्यकर्ता अशोक झाबक ने पीपीई किट पहन कर उनका अंतिम संस्कार किया। चिकित्सा विभाग और नगरपालिका के सहयोग से कोरोना प्रोटोकॉल के साथ अंतिम क्रिया की गई।
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