26 February 2022 12:21 PM
सत्ताधारी पार्टी में इन दिनों अंदरखाने बहुत कुछ चल रहा है। युवा नेता ने 5 राज्यों के चुनावों में हाईकमान के आस-पास फिर पकड़ मजबूत बनाने का मैसेज दिया है। सरकार के एक मंत्री इन दिनों लगातार युवा नेता से बिगड़े संबंध ठीक करने में लग गए हैं। मिलने का वक्त भी मांगा लेकिन अभी तक युवा नेता ने ग्रीन सिग्नल नहीं दिया है। जानकारों का कहना है कि राजनीति में दोस्ती-दुश्मनी स्थायी नहीं होती। युवा नेता और मंत्री के बिगड़े संबंध कब ठीक हो जाएं कहा नहीं जा सकता।
बड़े नेता की मांग सुन अचंभे में आंदोलनकारी
सरकारी भर्तियों से जुड़े आंदोलन करने वाले नेता पहुंच गए एक नेताजी के पास। मांग रखी कि आरएएस परीक्षा आगे खिसकाई जाए। इससे पहले आंदोलन करने वाले भी कई नेताओं के पास घूमे। आंदोलकारियों के पास विपक्ष से एक बड़े नेता का मैसेज आया और उनकी मांग मनवाने की गारंटी दी, लेकिन शर्त रख दी कि बाकी किसी नेता के पास नहीं जाओगे। अब आंदोलनकारी एक के भरोसे कैसे रह सकते हैं? आरएएस परीक्षा आगे खिसक गई लेकिन कोर्ट से। बड़े नेता की शर्त और गारंटी दोनों चर्चा में है।
सदन के कैमरे की नजर से विपक्ष गायब
एक कहावत है कि आईना झूठ नहीं बोलेता, उसी की तर्ज पर फिर कहा जाने लगा कि कैमरा झूठ नहीं बोलता। अब ये धारणाएं बदल गई हैं। कैमरे का एंगल अगर एक ही रहे तो कैमरा झूठ बोलने के साथ पक्षपाती भी हो जाता है। विधानसभा की कार्यवाही जब से लाइव हुई है, इसे एक उपलब्धि के तौर पर पेश किया। इस बार कैमरे का एंगल बदला हुआ है। सदन में पांच दिन रीट पर हंगामा हुआ लेकिन सदन का कैमरा विपक्ष की तरफ घूमा ही नहीं। जो सदन में घट रहा है अगर वही लाइव में नहीं दिखे तो उसका अर्थ ही नहीं रह जाता है। संसदीय मामलों के जानकारों से लेकर हर किसी को सदन के कैमरे का एकतरफा एंगल पसंद नहीं आ रहा है।
मुखिया के सलाहकार के गदगद होने का राज
प्रदेश के मुखिया के एक सलाहकार बजट के बाद से बहुत खुश हैं। उनके क्षेत्र को बहुत कुछ मिल गया हो ऐसा भी नहीं हैं। खुशी का कारण है कि उनके उठाए गए मुद्दे को बजट में पूरा कर दिया है जो असंभव था। दरअसल, नई पेंशन स्कीम की जगह पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने को लेकर मौजूदा सलाहकार ने इस सरकार के बनते ही पहले विधानसभा सत्र में ही सवाल लगा दिया था। अब तीन साल बाद पुरानी पेंशन लागू होने की बजट घोषणा करने के बाद सलाहकार की खुशी का ठिकाना नहीं है। वे बताते हैं कि यह ब्रेन चाइल्ड तो उन्हीं का था। यह अलग बात है कि उन्हें इसका क्रेडिट शायद ही कोई दे।
पावरफुल सलाहकार पावरलेस महसूस कर रहे
सरकार के एक पावरफुल सलाहकार पद मिलने के बावजूद कुछ परेशान हैं। सलाहकार को सचिवालय से बाहर योजना भवन का चैंबर मिला है, जबकि सलाहकार सचिवालय में चैंबर चाहते हैं। क्योंकि सचिवालय में पावर कॉरिडोर्स का जो अहसास होता है वह उससे बाहर नहीं होता। ऐसे में पावर सेंटर में फिर से चैंबर की तलाशी जारी है। अब ब्यूरोक्रेसी में रहकर पावर सेंटर का अहसास करने वालों का बाहर कहां मन लगता है। सलाहकार को जल्द ही अब पावर कॉरिडोर में ही चैंबर देने की तैयारी शुरू हो गई है।
युवा हिंदूवादी नेता का ऑडियो चर्चा में
एक क्रांतिकारी हिंदूवादी नेता का ऑडियो चर्चा बना हुआ है। ऑडियो में नेताजी वीआईपी सिक्योरिटी को लेकर बहस करते सुने जा रहे हैं। सामने एक हैड कॉन्स्टेबल बताया जा रहा है। नेताजी ने पड़ोसी राज्य से राजस्थान आने के लिए वीआईपी सिक्योरिटी सैक्शन में मेल किया। फिर, कई फोन करवाए। हेड कॉन्स्टेबल ने उन्हें साफ मना कर दिया। नेताजी ने सीएम और डीजीपी तक शिकायत की लेकिन, हेड कॉन्स्टेबल अड़ गया। वीआईपी सिक्योरिटी के चक्कर में नेताजी को हेड कॉन्स्टेबल ने आईना दिखा दिया।
आईफोन के एक्सट्रा लाभार्थी कौन?
बजट वाले दिन सरकार ने सभी विधायकों को आईफोन-13 गिफ्ट में दिए। विपक्षी पार्टी की ‘गिफ्ट लौटाओ’ रणनीति के बीच अब जानकार इनकी खरीद तक भी पहुंच गए हैं। 250 आईफोन की खरीद होने की चर्चा है। विधायक तो सीएम सहित 200 ही होते हैं। अब आईफोन के एक्स्ट्रा लाभार्थियों को लेकर चर्चा है। एक्स्ट्रा आईफोन भी तो गिफ्ट के लिए ही खरीदें हैं। अब बचे हुए लाभार्थी भी सामने आ जाएंगे।
सत्ताधारी पार्टी में इन दिनों अंदरखाने बहुत कुछ चल रहा है। युवा नेता ने 5 राज्यों के चुनावों में हाईकमान के आस-पास फिर पकड़ मजबूत बनाने का मैसेज दिया है। सरकार के एक मंत्री इन दिनों लगातार युवा नेता से बिगड़े संबंध ठीक करने में लग गए हैं। मिलने का वक्त भी मांगा लेकिन अभी तक युवा नेता ने ग्रीन सिग्नल नहीं दिया है। जानकारों का कहना है कि राजनीति में दोस्ती-दुश्मनी स्थायी नहीं होती। युवा नेता और मंत्री के बिगड़े संबंध कब ठीक हो जाएं कहा नहीं जा सकता।
बड़े नेता की मांग सुन अचंभे में आंदोलनकारी
सरकारी भर्तियों से जुड़े आंदोलन करने वाले नेता पहुंच गए एक नेताजी के पास। मांग रखी कि आरएएस परीक्षा आगे खिसकाई जाए। इससे पहले आंदोलन करने वाले भी कई नेताओं के पास घूमे। आंदोलकारियों के पास विपक्ष से एक बड़े नेता का मैसेज आया और उनकी मांग मनवाने की गारंटी दी, लेकिन शर्त रख दी कि बाकी किसी नेता के पास नहीं जाओगे। अब आंदोलनकारी एक के भरोसे कैसे रह सकते हैं? आरएएस परीक्षा आगे खिसक गई लेकिन कोर्ट से। बड़े नेता की शर्त और गारंटी दोनों चर्चा में है।
सदन के कैमरे की नजर से विपक्ष गायब
एक कहावत है कि आईना झूठ नहीं बोलेता, उसी की तर्ज पर फिर कहा जाने लगा कि कैमरा झूठ नहीं बोलता। अब ये धारणाएं बदल गई हैं। कैमरे का एंगल अगर एक ही रहे तो कैमरा झूठ बोलने के साथ पक्षपाती भी हो जाता है। विधानसभा की कार्यवाही जब से लाइव हुई है, इसे एक उपलब्धि के तौर पर पेश किया। इस बार कैमरे का एंगल बदला हुआ है। सदन में पांच दिन रीट पर हंगामा हुआ लेकिन सदन का कैमरा विपक्ष की तरफ घूमा ही नहीं। जो सदन में घट रहा है अगर वही लाइव में नहीं दिखे तो उसका अर्थ ही नहीं रह जाता है। संसदीय मामलों के जानकारों से लेकर हर किसी को सदन के कैमरे का एकतरफा एंगल पसंद नहीं आ रहा है।
मुखिया के सलाहकार के गदगद होने का राज
प्रदेश के मुखिया के एक सलाहकार बजट के बाद से बहुत खुश हैं। उनके क्षेत्र को बहुत कुछ मिल गया हो ऐसा भी नहीं हैं। खुशी का कारण है कि उनके उठाए गए मुद्दे को बजट में पूरा कर दिया है जो असंभव था। दरअसल, नई पेंशन स्कीम की जगह पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने को लेकर मौजूदा सलाहकार ने इस सरकार के बनते ही पहले विधानसभा सत्र में ही सवाल लगा दिया था। अब तीन साल बाद पुरानी पेंशन लागू होने की बजट घोषणा करने के बाद सलाहकार की खुशी का ठिकाना नहीं है। वे बताते हैं कि यह ब्रेन चाइल्ड तो उन्हीं का था। यह अलग बात है कि उन्हें इसका क्रेडिट शायद ही कोई दे।
पावरफुल सलाहकार पावरलेस महसूस कर रहे
सरकार के एक पावरफुल सलाहकार पद मिलने के बावजूद कुछ परेशान हैं। सलाहकार को सचिवालय से बाहर योजना भवन का चैंबर मिला है, जबकि सलाहकार सचिवालय में चैंबर चाहते हैं। क्योंकि सचिवालय में पावर कॉरिडोर्स का जो अहसास होता है वह उससे बाहर नहीं होता। ऐसे में पावर सेंटर में फिर से चैंबर की तलाशी जारी है। अब ब्यूरोक्रेसी में रहकर पावर सेंटर का अहसास करने वालों का बाहर कहां मन लगता है। सलाहकार को जल्द ही अब पावर कॉरिडोर में ही चैंबर देने की तैयारी शुरू हो गई है।
युवा हिंदूवादी नेता का ऑडियो चर्चा में
एक क्रांतिकारी हिंदूवादी नेता का ऑडियो चर्चा बना हुआ है। ऑडियो में नेताजी वीआईपी सिक्योरिटी को लेकर बहस करते सुने जा रहे हैं। सामने एक हैड कॉन्स्टेबल बताया जा रहा है। नेताजी ने पड़ोसी राज्य से राजस्थान आने के लिए वीआईपी सिक्योरिटी सैक्शन में मेल किया। फिर, कई फोन करवाए। हेड कॉन्स्टेबल ने उन्हें साफ मना कर दिया। नेताजी ने सीएम और डीजीपी तक शिकायत की लेकिन, हेड कॉन्स्टेबल अड़ गया। वीआईपी सिक्योरिटी के चक्कर में नेताजी को हेड कॉन्स्टेबल ने आईना दिखा दिया।
आईफोन के एक्सट्रा लाभार्थी कौन?
बजट वाले दिन सरकार ने सभी विधायकों को आईफोन-13 गिफ्ट में दिए। विपक्षी पार्टी की ‘गिफ्ट लौटाओ’ रणनीति के बीच अब जानकार इनकी खरीद तक भी पहुंच गए हैं। 250 आईफोन की खरीद होने की चर्चा है। विधायक तो सीएम सहित 200 ही होते हैं। अब आईफोन के एक्स्ट्रा लाभार्थियों को लेकर चर्चा है। एक्स्ट्रा आईफोन भी तो गिफ्ट के लिए ही खरीदें हैं। अब बचे हुए लाभार्थी भी सामने आ जाएंगे।
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