02 September 2021 11:15 AM
देश के ज़्यादातर हिस्सों में 1 सितंबर से स्कूलों को खोलने के बाद कई विशेषज्ञ स्कूलों को सितंबर से खोलने के निर्णय से संतुष्ट नही है। देश की नामी हॉस्पिटल मेदांता के डॉक्टर नरेश त्रेहान स्कूलों को वैक्सीन न आने तक खोलने के पक्ष में नही है वही एम्स दिल्ली के निदेशक रणदीप गुलेरिया स्कूलों को पुनः ओपन करने के पक्ष में है । भारत सरकार भी द्वंद्व में है कि स्कूल तो खोल दिए है लेकिन कोविड की जद में बच्चे आ गए तो हालात बेकाबू हो जाएंगे।
बच्चो की हेल्थ को प्राथमिकता देते हुए भारत सरकार ने कार्बेवैक्स टीके की 30 करोड़ खुराक के लिए 1500 करोड़ का अग्रिम भुगतान भी कर दिया है। कार्बेवैक्स देश में प्रोटीन से बनने वाली बच्चों के लिए पहली कोरोना वैक्सीन है। इस टीके को भारत मे सितंबर के अंत तक भारत सरकार लॉन्च कर सकती है। ये टीका 5 साल से 18 साल के बच्चों के लिए बाज़ार में आएगा। सरकार ने इस वैक्सीन के दूसरे और तीसरे ट्रायल को मंजूरी भी दे दी है। सब कुछ ठीक रहा तो गांधी जयंती से पूर्व देश में बच्चो के लिए वैक्सीन उपलब्ध होगी।
देश के ज़्यादातर हिस्सों में 1 सितंबर से स्कूलों को खोलने के बाद कई विशेषज्ञ स्कूलों को सितंबर से खोलने के निर्णय से संतुष्ट नही है। देश की नामी हॉस्पिटल मेदांता के डॉक्टर नरेश त्रेहान स्कूलों को वैक्सीन न आने तक खोलने के पक्ष में नही है वही एम्स दिल्ली के निदेशक रणदीप गुलेरिया स्कूलों को पुनः ओपन करने के पक्ष में है । भारत सरकार भी द्वंद्व में है कि स्कूल तो खोल दिए है लेकिन कोविड की जद में बच्चे आ गए तो हालात बेकाबू हो जाएंगे।
बच्चो की हेल्थ को प्राथमिकता देते हुए भारत सरकार ने कार्बेवैक्स टीके की 30 करोड़ खुराक के लिए 1500 करोड़ का अग्रिम भुगतान भी कर दिया है। कार्बेवैक्स देश में प्रोटीन से बनने वाली बच्चों के लिए पहली कोरोना वैक्सीन है। इस टीके को भारत मे सितंबर के अंत तक भारत सरकार लॉन्च कर सकती है। ये टीका 5 साल से 18 साल के बच्चों के लिए बाज़ार में आएगा। सरकार ने इस वैक्सीन के दूसरे और तीसरे ट्रायल को मंजूरी भी दे दी है। सब कुछ ठीक रहा तो गांधी जयंती से पूर्व देश में बच्चो के लिए वैक्सीन उपलब्ध होगी।
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