11 April 2022 05:38 PM

जोग संजोग टाइम्स बीकानेर
मिली जानकारी के अनुसार सिस्टम की शिथिलता का नतीजा किस तरह एक आवेदक पर भारी पड़ती है । जिसके चलते वर्षों तक संघर्ष का ही सहारा रहता है और उम्र के उस पड़ाव में जब जीत मिलती है तो उसका ठिकाना ही नहीं रहता। कुछ ऐसा ही किसमीदेसर निवासी 86 वर्षीय छोटा देवी के साथ हुआ। जब 65 वर्ष के लंबे संघर्ष के बाद आखिरकार उन्हें अपने मकान का पट्टा मिला। जिसे पाकर उनके खुशी का ठिकाना नहीं रहा। नगर निगम के उपमहापौर राजेन्द्र पंवार ने उन्हें उनका मालिकाना हक प्रदान करते हुए पट्टा दिया। इस अवसर पर छोटा देवी ने बताया कि कुंभाराम गहलोत ने 1962 में नगर विकास न्यास में पट्टे के लिये आवेदन लगाया था। 1984 में कुंभाराम की मृत्यु होने के बाद छोटा देवी ने कार्यालयों के खूब चक्कर काटे। लेकिन उन्हें उनका हक नहीं मिला। भोलाराम का जीव बनी फाइल आखिर नगर निगम कार्यालय में मिली। जहां से मनोनीत पार्षद किशन तंवर के प्रयासों से प्रशासनिक प्रक्रिया के बाद आखिर छोटादेवी को आज पट्टा जारी हुआ।
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर
मिली जानकारी के अनुसार सिस्टम की शिथिलता का नतीजा किस तरह एक आवेदक पर भारी पड़ती है । जिसके चलते वर्षों तक संघर्ष का ही सहारा रहता है और उम्र के उस पड़ाव में जब जीत मिलती है तो उसका ठिकाना ही नहीं रहता। कुछ ऐसा ही किसमीदेसर निवासी 86 वर्षीय छोटा देवी के साथ हुआ। जब 65 वर्ष के लंबे संघर्ष के बाद आखिरकार उन्हें अपने मकान का पट्टा मिला। जिसे पाकर उनके खुशी का ठिकाना नहीं रहा। नगर निगम के उपमहापौर राजेन्द्र पंवार ने उन्हें उनका मालिकाना हक प्रदान करते हुए पट्टा दिया। इस अवसर पर छोटा देवी ने बताया कि कुंभाराम गहलोत ने 1962 में नगर विकास न्यास में पट्टे के लिये आवेदन लगाया था। 1984 में कुंभाराम की मृत्यु होने के बाद छोटा देवी ने कार्यालयों के खूब चक्कर काटे। लेकिन उन्हें उनका हक नहीं मिला। भोलाराम का जीव बनी फाइल आखिर नगर निगम कार्यालय में मिली। जहां से मनोनीत पार्षद किशन तंवर के प्रयासों से प्रशासनिक प्रक्रिया के बाद आखिर छोटादेवी को आज पट्टा जारी हुआ।
RELATED ARTICLES
 
        				30 October 2025 02:43 PM
 
        				09 November 2022 05:51 PM
© Copyright 2021-2025, All Rights Reserved by Jogsanjog Times| Designed by amoadvisor.com
