20 December 2022 11:39 AM
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर ,
देश में 14,61,427 कैंसर रोगी, सर्वाधिक 2,10,958 उत्तरप्रदेश में, राजस्थान 74,725 रोगी
देश में कैंसर रोगियों के मामले में प्रदेश 7वें स्थान पर है। नेशनल कैंसर रजिस्ट्री प्रोग्राम के तहत 2022 में देश में 14,61,427 कैंसर रोगी माने गए हैं। सर्वाधिक 2,10,958 रोगी उत्तरप्रदेश के हैं। राजस्थान 74,725 रोगियों के साथ 7वें स्थान पर है। कैंसर से मौतों में राजस्थान 41167 मौतों के साथ 8वें स्थान पर है। राजस्थान में वर्ष 2020 से 2022 के बीच रोगियों की संख्या 5% से ज्यादा बढ़ी है। वर्ष 2020 में 70,987 नए रोगी मिले, जो 2022 में 74,725 हो गए। बीकानेर आचार्य तुलसी कैंसर रिसर्च सेंटर में हर साल सैकड़ों की संख्या में रोगी आ रहे हैं।राजस्थान में 4600 कैंसर रोगी पेलिएटिव केयर वाले
कैंसर के इलाज के दौरान इलाज की लगभग सभी प्रकियाएं पूरी होने के बाद बची हुई जिंदगी गुणवत्तापूर्वक जीवन के लिए महज सिम्टोमैटिक-सपोर्टिंग मेडिसिन दी जाती है। राजस्थान में हर साल औसतन 4652 रोगी इस स्थिति में पहुंचते हैं।खतरा बढ़ा रहे तंबाकू-अल्कोहल, मोटापा, शुगर, सुस्ती : नेशनल नॉन कम्युनिकेबल डिजिज मॉनीटरिंग सर्वे ने 18 से 69 वर्ष के भारतीयों पर किए गए सर्वे में कैंसर, हार्ट, डायबिटीज जैसी नॉन कम्युनिकेबल डिजीज होने के कारण सामने आए-
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर ,
देश में 14,61,427 कैंसर रोगी, सर्वाधिक 2,10,958 उत्तरप्रदेश में, राजस्थान 74,725 रोगी
देश में कैंसर रोगियों के मामले में प्रदेश 7वें स्थान पर है। नेशनल कैंसर रजिस्ट्री प्रोग्राम के तहत 2022 में देश में 14,61,427 कैंसर रोगी माने गए हैं। सर्वाधिक 2,10,958 रोगी उत्तरप्रदेश के हैं। राजस्थान 74,725 रोगियों के साथ 7वें स्थान पर है। कैंसर से मौतों में राजस्थान 41167 मौतों के साथ 8वें स्थान पर है। राजस्थान में वर्ष 2020 से 2022 के बीच रोगियों की संख्या 5% से ज्यादा बढ़ी है। वर्ष 2020 में 70,987 नए रोगी मिले, जो 2022 में 74,725 हो गए। बीकानेर आचार्य तुलसी कैंसर रिसर्च सेंटर में हर साल सैकड़ों की संख्या में रोगी आ रहे हैं।राजस्थान में 4600 कैंसर रोगी पेलिएटिव केयर वाले
कैंसर के इलाज के दौरान इलाज की लगभग सभी प्रकियाएं पूरी होने के बाद बची हुई जिंदगी गुणवत्तापूर्वक जीवन के लिए महज सिम्टोमैटिक-सपोर्टिंग मेडिसिन दी जाती है। राजस्थान में हर साल औसतन 4652 रोगी इस स्थिति में पहुंचते हैं।खतरा बढ़ा रहे तंबाकू-अल्कोहल, मोटापा, शुगर, सुस्ती : नेशनल नॉन कम्युनिकेबल डिजिज मॉनीटरिंग सर्वे ने 18 से 69 वर्ष के भारतीयों पर किए गए सर्वे में कैंसर, हार्ट, डायबिटीज जैसी नॉन कम्युनिकेबल डिजीज होने के कारण सामने आए-
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