29 March 2023 01:23 PM
राइट टू एजुकेशन (RTE) कानून के तहत प्राइवेट स्कूल्स में एडमिशन की प्रक्रियां शिक्षा विभाग ने शुरू कर दी है। इसके लिए 29 मार्च से 10 अप्रैल तक ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है। जिन बच्चों को पूर्व में RTE के तहत एडमिशन मिल चुका है, वे फिर से आवेदन नहीं कर सकेंगे। जिन्होंने एडमिशन के लिए आवेदन किया, लेकिन प्रवेश नहीं मिल पाया है। वो आवेदन कर सकते हैं।
प्रारम्भिक शिक्षा निदेशक गौरव अग्रवाल ने इसके आदेश जारी किए हैं। इसके अनुसार बच्चे के परिजन 29 मार्च से दस अप्रैल तक ऑनलाइन आवेदन करेंगे। इसके बाद ऑनलाइन लॉटरी 12 अप्रैल को एनआईसी की ओर से जारी की जाएगी। 12 से 20 अप्रैल तक अभिभावक ऑनलाइन रिपोर्टिंग कर सकेंगे। 12 से 28 अप्रैल तक स्कूल आवेदन पत्रों की छानबीन करेगा। इसके बाद बारह से पांच मई तक अभिभावक अपने रिकार्ड को सुधार सकेगा। अगर कोई गलत डॉक्यूमेंट दिया है तो उसे ठीक कर सकते हैं। नहीं दिया है तो उसे जोड़ सकेंगे। 19 अप्रैल से 20 मई को सीबीओ जांच करेंगे। 23 मई को ऑटो वेरिफाइड किया जाएगा। 24 मई को एनआईसी की ओर से आरटीई सीट्स का चयन किया जाएगा। दरअसल, ये चयन सशुल्क सीट्स के आधार पर होगा।
प्रत्येक स्कूल में 25 प्रतिशत सीट्स, प्रत्येक निजी स्कूल में तीन स्टूडेंट्स के बाद चौथे स्टूडेंट्स का एडमिशन RTE के तहत होगा। इसके लिए सभी स्कूल को सबसे पहले 28 मार्च तक अपनी प्रोफाइल अपडेट करनी होगा। इसी आधार पर आगे की क्लासेज में एडमिशन दिया जाएगा।
वार्ड चयन में बड़ी परेशानी
दरअसल, प्रदेशभर में नगर निगम के वार्ड बार बार बदलते हैं। ऐसे में अभिभावक पुराने वार्ड नंबर के आधार पर स्कूल का चयन कर लेते हैं। बाद में पता चलता है कि उन्होंने जो पांच वार्ड चुने थे, उस वार्ड में स्कूल ही नहीं है। स्कूल अब नए वार्ड में है। ऐसे में वरीयता सूची में नंबर होने के बाद भी उसे एडमिशन नहीं मिल पाता।
प्री प्राइमरी की फीस का भुगतान नहीं
प्रदेशभर के प्राइवेट स्कूल संचालकों को प्री प्राइमरी क्लासेज यानी नर्सरी से यूकेजी तक तीन क्लास में एडमिशन लेने वाले स्टूडेंट्स की फीस का सरकार भुगतान नहीं करेगी। दरअसल, सरकार ने पूर्व में जारी आदेश में स्पष्ट कर दिया था कि निशुल्क प्रवेश के बाद भुगतान की प्रक्रिया पहलीक्लास से ही शुरू होगी।
राइट टू एजुकेशन (RTE) कानून के तहत प्राइवेट स्कूल्स में एडमिशन की प्रक्रियां शिक्षा विभाग ने शुरू कर दी है। इसके लिए 29 मार्च से 10 अप्रैल तक ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है। जिन बच्चों को पूर्व में RTE के तहत एडमिशन मिल चुका है, वे फिर से आवेदन नहीं कर सकेंगे। जिन्होंने एडमिशन के लिए आवेदन किया, लेकिन प्रवेश नहीं मिल पाया है। वो आवेदन कर सकते हैं।
प्रारम्भिक शिक्षा निदेशक गौरव अग्रवाल ने इसके आदेश जारी किए हैं। इसके अनुसार बच्चे के परिजन 29 मार्च से दस अप्रैल तक ऑनलाइन आवेदन करेंगे। इसके बाद ऑनलाइन लॉटरी 12 अप्रैल को एनआईसी की ओर से जारी की जाएगी। 12 से 20 अप्रैल तक अभिभावक ऑनलाइन रिपोर्टिंग कर सकेंगे। 12 से 28 अप्रैल तक स्कूल आवेदन पत्रों की छानबीन करेगा। इसके बाद बारह से पांच मई तक अभिभावक अपने रिकार्ड को सुधार सकेगा। अगर कोई गलत डॉक्यूमेंट दिया है तो उसे ठीक कर सकते हैं। नहीं दिया है तो उसे जोड़ सकेंगे। 19 अप्रैल से 20 मई को सीबीओ जांच करेंगे। 23 मई को ऑटो वेरिफाइड किया जाएगा। 24 मई को एनआईसी की ओर से आरटीई सीट्स का चयन किया जाएगा। दरअसल, ये चयन सशुल्क सीट्स के आधार पर होगा।
प्रत्येक स्कूल में 25 प्रतिशत सीट्स, प्रत्येक निजी स्कूल में तीन स्टूडेंट्स के बाद चौथे स्टूडेंट्स का एडमिशन RTE के तहत होगा। इसके लिए सभी स्कूल को सबसे पहले 28 मार्च तक अपनी प्रोफाइल अपडेट करनी होगा। इसी आधार पर आगे की क्लासेज में एडमिशन दिया जाएगा।
वार्ड चयन में बड़ी परेशानी
दरअसल, प्रदेशभर में नगर निगम के वार्ड बार बार बदलते हैं। ऐसे में अभिभावक पुराने वार्ड नंबर के आधार पर स्कूल का चयन कर लेते हैं। बाद में पता चलता है कि उन्होंने जो पांच वार्ड चुने थे, उस वार्ड में स्कूल ही नहीं है। स्कूल अब नए वार्ड में है। ऐसे में वरीयता सूची में नंबर होने के बाद भी उसे एडमिशन नहीं मिल पाता।
प्री प्राइमरी की फीस का भुगतान नहीं
प्रदेशभर के प्राइवेट स्कूल संचालकों को प्री प्राइमरी क्लासेज यानी नर्सरी से यूकेजी तक तीन क्लास में एडमिशन लेने वाले स्टूडेंट्स की फीस का सरकार भुगतान नहीं करेगी। दरअसल, सरकार ने पूर्व में जारी आदेश में स्पष्ट कर दिया था कि निशुल्क प्रवेश के बाद भुगतान की प्रक्रिया पहलीक्लास से ही शुरू होगी।
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