26 December 2022 03:50 PM
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर ,
बीकानेर से करीब 150 किलोमीटर दूर बीएसएफ की सखी पोस्ट। चारों तरफ तनाव भरा सन्नाटा। तारबंदी के पास राइफल ताने बीएसएफ के जवान सीमा पार पाक रेंजर्स की हरकतों को देख रहे हैं। पाकिस्तानी में भी रेंजर चौकन्ने नजर आ रहे हैं। हर मचान पर एक रेंजर तैनात है। खास बात ये है कि दोनों ही एक-दूसरे के निशाने पर हैं। यह नजारा इन दिनों भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा के बीकानेर सेक्टर का है। अनूपगढ़ में फायरिंग की घटना के बाद भास्कर टीम बॉर्डर पर पहुंची तो अजीब सा सन्नाटा नजर आया। पाक से सटी बीकानेर की 156 किलोमीटर लंबी सीमा की सुरक्षा को देखते हुए टीम आगे बढ़ रही थी। सखी बीओपी पहुंचे तो सीमा पार पाकिस्तान की रहमत और शाहीन बीओपी पर हरकत शुरू हो गई।
उनकी बीओपी से रेंजर हाथ में राइफल लिए दौड़े चले आ रहे थे। कुछ ही क्षण में वॉच टावर पर पहुंचकर उन्होंने पोजिशन ले ली। जीरो लाइन से उनके टावर की दूरी बमुश्किल 100-200 मीटर है। लेकिन हमारी बीएसएफ की राइफल का डायरेक्शन भी ऐसा था कि जरा भी गड़बड़ी नजर आते ही एक ही गोली रेंजर्स को वहीं पर ढेर करने के लिए काफी थी। एलएमजी का मुंह मचान के उस होल की ओर था, जहां रेंजर भी राइफल ताने था।
बीएसएफ के अधिकारियों ने बताया कि कुछ ही दिन पहले यहां से 20-30 किमी की दूरी पर अनूपगढ़ की बिंजौर चौकी पर फायरिंग हुई थी। दो पाक घुसपैठिए किसान के वेश में भारतीय सीमा में दाखिल हो गए थे। लेकिन बीएसएफ की चौकसी के कारण सफल नहीं हो सके। उसके बाद सभी चौकियों पर निगरानी बढ़ा दी गई है। सर्विलांस और एंटी ड्रोन सिस्टम को भी एक्टिवेट कर दिया गया है। डॉग स्क्वायड के साथ 24 घंटे पेट्रोलिंग की जा रही है।
एलएमजी पर लेजर लाइट लगाकर बना दिया एंटी ड्रोन सिस्टम
सीमा पर ड्रोन एक्टिविटी के कारण बीएसएफ की चिंता बढ़ गई है। राजस्थान और पंजाब की सीमा पर इस साल 16 ड्रोन मार गिराए हैं। तस्करी रोकने के लिए बीकानेर सेक्टर की कुछ बीओपी पर एंटी ड्रोन सिस्टम लगाया गया है। लोहे के पाइप पर एलएमजी को इस तरह से फिट किया गया है कि वह 360 डिग्री पर पाकिस्तानी ड्रोन को मार सके। ड्रोन पर रात के समय निशाना साधने के लिए लेजर लाइट लगाई गई है।
यह इनोवेशन सखी बीओपी पर कमांडेंट अमिताभ पंवार का है। उन्होंने एलएमजी पर दूरबीन की जगह लेजर लाइट फिक्स कर दी। यह लाइट डेढ़ किलोमीटर तक इफेक्टिव है। खास बात ये है कि ड्रोन से टकराते ही लाइट फैल जाएगी, जिससे जवान सटीक निशाना लगा सकेगा। एक ट्रक पर भी एंटी ड्रोन सिस्टम लगाया गया है। उसमें राइफल के साथ छोटी फोकस लाइट और लेजर भी है। रात के समय मैदान और आकाश में दूर तक चौकसी के लिए ड्रैगन लाइट भी लगाई गई है। यह भी सर्कस या किसी बड़े समारोह में लगाने वाली फोकस लाइट है, जिसकी रोशनी कई मीटर तक जाती है। इस तरह का प्रयोग अब हर बटालियन में किया जा रहा है।
सीमा पर लगाए जाएंगे थर्मल इमेजिंग कैमरे, कई किलोमीटर दूर से दिख जाएंगे घुसपैठिए
बीएसएफ की सीमा चौकियों पर अब थर्मल इमेजिंग कैमरे लगाए जा रहे हैं। इन कैमरों की मदद से अब दिन के समय भी पाक रेंजर्स की गतिवधियों को देखा जा सकेगा। इससे कई किलोमीटर दूर से ही घुसपैठिए दिख जाएंगे। तस्करी और घुसपैठ रोकने में यह कैमरे मददगार साबित होंगे। फिलहाल कुछ ही बीओपी पर यह कैमरे हैं, लेकिन उनसे रात को ही देखा जा सकता है। नए कैमरे फ्रंटियर को आवंटित किए जा रहे हैं, जो बीकानेर, श्रीगंगानगर, बाड़मेर और जैसलमेर के दोनों सेक्टर पर भेजे जाएंगे। इसके साथ ही हर बीओपी पर सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जाएंगे। इन दोनों तरह के कैमरों को ऐसी तकनीक से जोड़ा जा रहा है कि सेक्टर मुख्यालय पर डीआईजी भी नजर रख सकें। बॉर्डर पर होने वाली हर घटना इन कैमरों में कैद हो जाएगी।
सुरक्षा के लिए फ्रंटियर की एक मात्र ग्राम सुरक्षा कमेटी सखी में
सीमा की सुरक्षा के लिए सखी गांव के प्रमुख लोगों की ग्राम सुरक्षा कमेटी बनाई गई है। राजस्थान फ्रंटियर में ऐसी एक मात्र कमेटी है, जो बीएसएफ को गांव में आने वाले हर अनजान लोगों की जानकारी देती है। इस कमेटी में 38 सदस्य हैं। इन सभी को आई कार्ड दिए गए हैं। कमेटी के मेंबर्स को बटालियन हडक्वार्टर में आने की छूट है। बीएसएफ सिविक एक्शन प्रोग्राम के लिए भी इस कमेटी की मदद लेती है। बल के अधिकारियों ने बताया कि पिछले साल बंधली पोस्ट पर 300 करोड़ की हेरोइन पकड़े जाने के बाद ऐसी कमेटी बनाने का विचार आया था। क्योंकि तस्करी में स्थानीय लोगों का हाथ था। तस्करों को पकड़वाने में गांव वालों ने काफी मदद की थी। जम्मू कश्मीर में ऐसी कमेटियों बनी हुई हैं। कमेटी के सदस्यों को सिंगल पुलिस ऑफिसर कहा जाता है। उन्हें कई तरह के अधिकार मिले हैं।
बॉर्डर पर ड्रोन एक्टिविटी बढ़ते देख चौकसी कड़ी कर दी गई है। हर बटालियन कमांडेंट को सुरक्षा के हर उपाय करने के निर्देश दिए हैं। सखी सहित कुछ बीओपी पर एंटी ड्रोन सिस्टम विकसित किया है। जो काफी कारगर साबित होगा। - पुष्पेन्द्र सिंह राठौड़, डीआईजी, बीएसएफ
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर ,
बीकानेर से करीब 150 किलोमीटर दूर बीएसएफ की सखी पोस्ट। चारों तरफ तनाव भरा सन्नाटा। तारबंदी के पास राइफल ताने बीएसएफ के जवान सीमा पार पाक रेंजर्स की हरकतों को देख रहे हैं। पाकिस्तानी में भी रेंजर चौकन्ने नजर आ रहे हैं। हर मचान पर एक रेंजर तैनात है। खास बात ये है कि दोनों ही एक-दूसरे के निशाने पर हैं। यह नजारा इन दिनों भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा के बीकानेर सेक्टर का है। अनूपगढ़ में फायरिंग की घटना के बाद भास्कर टीम बॉर्डर पर पहुंची तो अजीब सा सन्नाटा नजर आया। पाक से सटी बीकानेर की 156 किलोमीटर लंबी सीमा की सुरक्षा को देखते हुए टीम आगे बढ़ रही थी। सखी बीओपी पहुंचे तो सीमा पार पाकिस्तान की रहमत और शाहीन बीओपी पर हरकत शुरू हो गई।
उनकी बीओपी से रेंजर हाथ में राइफल लिए दौड़े चले आ रहे थे। कुछ ही क्षण में वॉच टावर पर पहुंचकर उन्होंने पोजिशन ले ली। जीरो लाइन से उनके टावर की दूरी बमुश्किल 100-200 मीटर है। लेकिन हमारी बीएसएफ की राइफल का डायरेक्शन भी ऐसा था कि जरा भी गड़बड़ी नजर आते ही एक ही गोली रेंजर्स को वहीं पर ढेर करने के लिए काफी थी। एलएमजी का मुंह मचान के उस होल की ओर था, जहां रेंजर भी राइफल ताने था।
बीएसएफ के अधिकारियों ने बताया कि कुछ ही दिन पहले यहां से 20-30 किमी की दूरी पर अनूपगढ़ की बिंजौर चौकी पर फायरिंग हुई थी। दो पाक घुसपैठिए किसान के वेश में भारतीय सीमा में दाखिल हो गए थे। लेकिन बीएसएफ की चौकसी के कारण सफल नहीं हो सके। उसके बाद सभी चौकियों पर निगरानी बढ़ा दी गई है। सर्विलांस और एंटी ड्रोन सिस्टम को भी एक्टिवेट कर दिया गया है। डॉग स्क्वायड के साथ 24 घंटे पेट्रोलिंग की जा रही है।
एलएमजी पर लेजर लाइट लगाकर बना दिया एंटी ड्रोन सिस्टम
सीमा पर ड्रोन एक्टिविटी के कारण बीएसएफ की चिंता बढ़ गई है। राजस्थान और पंजाब की सीमा पर इस साल 16 ड्रोन मार गिराए हैं। तस्करी रोकने के लिए बीकानेर सेक्टर की कुछ बीओपी पर एंटी ड्रोन सिस्टम लगाया गया है। लोहे के पाइप पर एलएमजी को इस तरह से फिट किया गया है कि वह 360 डिग्री पर पाकिस्तानी ड्रोन को मार सके। ड्रोन पर रात के समय निशाना साधने के लिए लेजर लाइट लगाई गई है।
यह इनोवेशन सखी बीओपी पर कमांडेंट अमिताभ पंवार का है। उन्होंने एलएमजी पर दूरबीन की जगह लेजर लाइट फिक्स कर दी। यह लाइट डेढ़ किलोमीटर तक इफेक्टिव है। खास बात ये है कि ड्रोन से टकराते ही लाइट फैल जाएगी, जिससे जवान सटीक निशाना लगा सकेगा। एक ट्रक पर भी एंटी ड्रोन सिस्टम लगाया गया है। उसमें राइफल के साथ छोटी फोकस लाइट और लेजर भी है। रात के समय मैदान और आकाश में दूर तक चौकसी के लिए ड्रैगन लाइट भी लगाई गई है। यह भी सर्कस या किसी बड़े समारोह में लगाने वाली फोकस लाइट है, जिसकी रोशनी कई मीटर तक जाती है। इस तरह का प्रयोग अब हर बटालियन में किया जा रहा है।
सीमा पर लगाए जाएंगे थर्मल इमेजिंग कैमरे, कई किलोमीटर दूर से दिख जाएंगे घुसपैठिए
बीएसएफ की सीमा चौकियों पर अब थर्मल इमेजिंग कैमरे लगाए जा रहे हैं। इन कैमरों की मदद से अब दिन के समय भी पाक रेंजर्स की गतिवधियों को देखा जा सकेगा। इससे कई किलोमीटर दूर से ही घुसपैठिए दिख जाएंगे। तस्करी और घुसपैठ रोकने में यह कैमरे मददगार साबित होंगे। फिलहाल कुछ ही बीओपी पर यह कैमरे हैं, लेकिन उनसे रात को ही देखा जा सकता है। नए कैमरे फ्रंटियर को आवंटित किए जा रहे हैं, जो बीकानेर, श्रीगंगानगर, बाड़मेर और जैसलमेर के दोनों सेक्टर पर भेजे जाएंगे। इसके साथ ही हर बीओपी पर सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जाएंगे। इन दोनों तरह के कैमरों को ऐसी तकनीक से जोड़ा जा रहा है कि सेक्टर मुख्यालय पर डीआईजी भी नजर रख सकें। बॉर्डर पर होने वाली हर घटना इन कैमरों में कैद हो जाएगी।
सुरक्षा के लिए फ्रंटियर की एक मात्र ग्राम सुरक्षा कमेटी सखी में
सीमा की सुरक्षा के लिए सखी गांव के प्रमुख लोगों की ग्राम सुरक्षा कमेटी बनाई गई है। राजस्थान फ्रंटियर में ऐसी एक मात्र कमेटी है, जो बीएसएफ को गांव में आने वाले हर अनजान लोगों की जानकारी देती है। इस कमेटी में 38 सदस्य हैं। इन सभी को आई कार्ड दिए गए हैं। कमेटी के मेंबर्स को बटालियन हडक्वार्टर में आने की छूट है। बीएसएफ सिविक एक्शन प्रोग्राम के लिए भी इस कमेटी की मदद लेती है। बल के अधिकारियों ने बताया कि पिछले साल बंधली पोस्ट पर 300 करोड़ की हेरोइन पकड़े जाने के बाद ऐसी कमेटी बनाने का विचार आया था। क्योंकि तस्करी में स्थानीय लोगों का हाथ था। तस्करों को पकड़वाने में गांव वालों ने काफी मदद की थी। जम्मू कश्मीर में ऐसी कमेटियों बनी हुई हैं। कमेटी के सदस्यों को सिंगल पुलिस ऑफिसर कहा जाता है। उन्हें कई तरह के अधिकार मिले हैं।
बॉर्डर पर ड्रोन एक्टिविटी बढ़ते देख चौकसी कड़ी कर दी गई है। हर बटालियन कमांडेंट को सुरक्षा के हर उपाय करने के निर्देश दिए हैं। सखी सहित कुछ बीओपी पर एंटी ड्रोन सिस्टम विकसित किया है। जो काफी कारगर साबित होगा। - पुष्पेन्द्र सिंह राठौड़, डीआईजी, बीएसएफ
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04 June 2022 07:19 PM
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