07 June 2021 01:25 PM
जयपुर। राजस्थान प्रशासनिक सेवा (अरएएस) के अफसर मोहन सिंह चारण ने जयपुर के करधनी इलाके में सोमवार को ट्रेन के सामने आकर खुदकुशी कर ली। उनका शव रेलवे ट्रेक पर क्षतविक्षत हालत में देखकर किसी राहगीर ने पुलिस को सूचना दी। इसके बाद करधनी थाना पुलिस मौके पर पहुंची। मौके पर तलाशी के दौरान मृतक अफसर की जेब में एक सुसाइड नोट मिला। जिसमें मानसिक अवसाद में होने और उनकी मौत के बाद किसी को परेशान नहीं करने की बात लिखी है।
करधनी थानाप्रभारी राजेश बाफना ने बताया कि मोहन सिंह चारण (53) गांधी नगर स्थित महिला एवं बाल विकास विभाग में पदस्थापित थे। वे वैशाली नगर इलाके में नेमी सागर कॉलोनी में परिवार के साथ रहते थे। थानाप्रभारी के मुताबिक सुबह करीब 8:30 बजे कनकपुरा फाटक के पास उनका शव रेलवे ट्रेक पर मिलने की सूचना आई थी। तब घटनास्थल पर रेलवे ट्रेक के पास एक कार खड़ी मिली।
इसके रजिस्ट्रेशन नंबरों और जेब में मिले ड्राइविंग लाइसेंस के आधार पर पुलिस ने शव की पहचान कर परिजनों को सूचना दी। इसके बाद मोहन सिंह का बेटा अश्विनी और अन्य लोग मौके पर पहुंचे। तब एक सुसाइड नोट मिला। जिसमें मोबाइल नंबर और पता भी लिखा था।
बेटे ने बताया कि पापा रोजाना की तरह मॉर्निंग वॉक पर जाने की कहकर घर से निकले थे
पुलिस पूछताछ में बेटे अश्विनी ने बताया कि उनके पापा रोजाना सुबह कार लेकर मॉर्निंग वॉक पर जाया करते थे। आज भी वे घर से कार लेकर मॉर्निंग वॉक पर निकले थे। जानकारी के मुताबिक मोहन सिंह चारण रोजाना खिरणी फाटक के आसपास तक मार्निंग वॉक करते थे। फिलहाल क्र्रस् मोहन सिंह के मानसिक अवसाद में होने की वजह सामने नहीं आई है।
घटनास्थल पर शव देखकर पहले पुलिस का मानना था कि संभवतया रेलवे ट्रेक पार करते वक्त मोहन सिंह ट्रेन की चपेट में आ गए। लेकिन उनकी जेब में मिले सुसाइड नोट के बाद साफ हो गया कि उन्होंने खुद ट्रेन के सामने आकर जान दी है। ट्रेन की टक्कर लगने से उनके जूते भी खुल कर दूर जा गिरे। वह प्रमोटिव क्र्रस् थे। इसके पहले नगर निगम जयपुर में भी आयुक्त रह चुके थे।
जयपुर। राजस्थान प्रशासनिक सेवा (अरएएस) के अफसर मोहन सिंह चारण ने जयपुर के करधनी इलाके में सोमवार को ट्रेन के सामने आकर खुदकुशी कर ली। उनका शव रेलवे ट्रेक पर क्षतविक्षत हालत में देखकर किसी राहगीर ने पुलिस को सूचना दी। इसके बाद करधनी थाना पुलिस मौके पर पहुंची। मौके पर तलाशी के दौरान मृतक अफसर की जेब में एक सुसाइड नोट मिला। जिसमें मानसिक अवसाद में होने और उनकी मौत के बाद किसी को परेशान नहीं करने की बात लिखी है।
करधनी थानाप्रभारी राजेश बाफना ने बताया कि मोहन सिंह चारण (53) गांधी नगर स्थित महिला एवं बाल विकास विभाग में पदस्थापित थे। वे वैशाली नगर इलाके में नेमी सागर कॉलोनी में परिवार के साथ रहते थे। थानाप्रभारी के मुताबिक सुबह करीब 8:30 बजे कनकपुरा फाटक के पास उनका शव रेलवे ट्रेक पर मिलने की सूचना आई थी। तब घटनास्थल पर रेलवे ट्रेक के पास एक कार खड़ी मिली।
इसके रजिस्ट्रेशन नंबरों और जेब में मिले ड्राइविंग लाइसेंस के आधार पर पुलिस ने शव की पहचान कर परिजनों को सूचना दी। इसके बाद मोहन सिंह का बेटा अश्विनी और अन्य लोग मौके पर पहुंचे। तब एक सुसाइड नोट मिला। जिसमें मोबाइल नंबर और पता भी लिखा था।
बेटे ने बताया कि पापा रोजाना की तरह मॉर्निंग वॉक पर जाने की कहकर घर से निकले थे
पुलिस पूछताछ में बेटे अश्विनी ने बताया कि उनके पापा रोजाना सुबह कार लेकर मॉर्निंग वॉक पर जाया करते थे। आज भी वे घर से कार लेकर मॉर्निंग वॉक पर निकले थे। जानकारी के मुताबिक मोहन सिंह चारण रोजाना खिरणी फाटक के आसपास तक मार्निंग वॉक करते थे। फिलहाल क्र्रस् मोहन सिंह के मानसिक अवसाद में होने की वजह सामने नहीं आई है।
घटनास्थल पर शव देखकर पहले पुलिस का मानना था कि संभवतया रेलवे ट्रेक पार करते वक्त मोहन सिंह ट्रेन की चपेट में आ गए। लेकिन उनकी जेब में मिले सुसाइड नोट के बाद साफ हो गया कि उन्होंने खुद ट्रेन के सामने आकर जान दी है। ट्रेन की टक्कर लगने से उनके जूते भी खुल कर दूर जा गिरे। वह प्रमोटिव क्र्रस् थे। इसके पहले नगर निगम जयपुर में भी आयुक्त रह चुके थे।
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