06 June 2023 03:57 PM

*मृदा व जल परीक्षण एवं उपकरण पर सात दिवसीय प्रशिक्षण शुरू*
बीकानेर, 6 जून। कृषि महाविद्यालय के मृदा विज्ञान व कृषि रसायन विभाग द्वारा मृदा व जल परीक्षण एवं उपकरण पर सात दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम मंगलवार को प्रारंभ हुआ।
प्रशिक्षण समन्वयक डॉ. योगेश शर्मा ने बताया कि प्रशिक्षणार्थियों को मृदा के विभिन्न पोषक तत्वों के परीक्षण तथा उपकरणों की प्रायोगिक जानकारी दी जाएगी।प्रशिक्षण में राजस्थान व अन्य राज्यों के 50 प्रशिक्षणार्थी भाग ले रहे हैं।
उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि जिला कलेक्टर भगवती प्रसाद कलाल थे। उन्होंने कहा कि जैविक खेती पर नए शोध होने चाहिए, जिससे अच्छे परिणाम प्राप्त हो सकें। उन्होंने कृषि में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के प्रयोग पर जोर दिया |
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अंजुम कायल ने कृषि में संसाधनों के अनुकूलतम उपयोग की आवश्यकता बताई।
कुलपति डॉ. अरुण कुमार ने कहा कि मृदा में पोषक तत्वों की कमी से पौधों के साथ मनुष्यों में होने वाली बीमारियों के बारे में शोध करने की आवश्यकता है। उन्होंने जैविक खेती के दौरान विभिन्न फसलो में की जाने वाली क्रियाओं का पैकेज विकसित करने की आवश्यकता जताई।
कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. आई.पी. सिंह ने स्वागत उद्बोधन दिया तथा प्रशिक्षण के दौरान ज्यादा से ज्यादा प्रायोगिक सत्र रखे जाने की बात कही। कार्यक्रम में अधिष्ठाता, निदेशक एवं अधिकारी मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन अंजू खंगारोत ने किया। डॉ. रणजीत सिंह ने धन्यवाद दिया।
मृदा व जल परीक्षण एवं उपकरण पर सात दिवसीय प्रशिक्षण शुरू
बीकानेर, 6 जून। कृषि महाविद्यालय के मृदा विज्ञान व कृषि रसायन विभाग द्वारा मृदा व जल परीक्षण एवं उपकरण पर सात दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम मंगलवार को प्रारंभ हुआ।
प्रशिक्षण समन्वयक डॉ. योगेश शर्मा ने बताया कि प्रशिक्षणार्थियों को मृदा के विभिन्न पोषक तत्वों के परीक्षण तथा उपकरणों की प्रायोगिक जानकारी दी जाएगी।प्रशिक्षण में राजस्थान व अन्य राज्यों के 50 प्रशिक्षणार्थी भाग ले रहे हैं।
उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि जिला कलेक्टर भगवती प्रसाद कलाल थे। उन्होंने कहा कि जैविक खेती पर नए शोध होने चाहिए, जिससे अच्छे परिणाम प्राप्त हो सकें। उन्होंने कृषि में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के प्रयोग पर जोर दिया |
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अंजुम कायल ने कृषि में संसाधनों के अनुकूलतम उपयोग की आवश्यकता बताई।
कुलपति डॉ. अरुण कुमार ने कहा कि मृदा में पोषक तत्वों की कमी से पौधों के साथ मनुष्यों में होने वाली बीमारियों के बारे में शोध करने की आवश्यकता है। उन्होंने जैविक खेती के दौरान विभिन्न फसलो में की जाने वाली क्रियाओं का पैकेज विकसित करने की आवश्यकता जताई।
कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. आई.पी. सिंह ने स्वागत उद्बोधन दिया तथा प्रशिक्षण के दौरान ज्यादा से ज्यादा प्रायोगिक सत्र रखे जाने की बात कही। कार्यक्रम में अधिष्ठाता, निदेशक एवं अधिकारी मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन अंजू खंगारोत ने किया। डॉ. रणजीत सिंह ने धन्यवाद दिया।
RELATED ARTICLES
30 October 2025 02:43 PM
© Copyright 2021-2025, All Rights Reserved by Jogsanjog Times| Designed by amoadvisor.com