23 April 2022 01:34 PM
जोग संजोग टाइम्स,
अलवर के राजगढ़ में मास्टर प्लान और गौरव पथ के नाम 90 दुकान-मकान और 3 मंदिर तोड़ने पर विवाद थम नहीं रहा है। 5-6 दिन राजगढ़ नगर पालिका की ओर से यह कार्रवाई की गई थी। शुक्रवार को 300 साल पुराने मंदिर को तोड़ने का वीडियो सामने आने के बाद विवाद और राजनीति दोनों ही तेज है।
इधर, घटनाक्रम को लेकर अफवाहों का बाजार भी गर्म है। सोशल मीडियो और दूसरे मीडिया हाउस में बताया गया कि जाकिर की दुकान को छोड़ दिया गया और पास वाले मकान तोड़ दिए गए। मैसेज शेयर किए जा रहे कि मंदिर पर यह कार्रवाई हुई और मस्जिद छोड़ दी गई। दैनिक भास्कर टीम ने मौके पर पहुंचकर इन अफवाहों की जांच-पड़ताल की। पढ़िए- इनसे जुड़े फैक्ट्स और सच।
पहली अफवाह: जाकिर की दुकान छोड़ दी गई
-जहां मकान और दुकान तोड़ी गई, वहां पास में ही जाकिर की दुकान थी। उसे छोड़ पास वाले मकान-दुकानों को तोड़ दिया गया। दिल्ली के जहांगीरपुरी का बदला यहां राजस्थान में लिया गया।
हकीकत: यह सही है कि दुकान जाकिर खान चलाता है। पर दुकान एडवोकेट राहुल दीक्षित के नाम है। जाकिर ने किराए पर ले रखी है। अतिक्रमण के मामले में पहले से ही स्टे ले लिया गया, इस कारण इस दुकान को नहीं तोड़ा गया।
दूसरी अफवाह: मस्जिद को छोड़ मंदिरों को तोड़ा गया
- कई चैनल्स पर यह खबर चलाई गई कि राजगढ़ में मस्जिद को छोड़ दिया गया और मंदिर को तोड़ा गया।
हकीकत: यहां के लोगों से बताया कि इलाके में एक भी मस्जिद नहीं है।
तीसरी अफवाह: 3 मंदिरों को तबाह कर दिया गया
- कार्रवाई में तीन मंदिरों को तबाह कर दिया गया।
हकीकत: सही है तीन मंदिरों पर कार्रवाई हुई। तीनों ही शिवालय हैं, लेकिन केवल एक 300 साल पुराने मंदिर को तोड़ा गया। दो मंदिरों का कुछ हिस्सा ही टूटा। हालांकि इसमें रखी मूर्तियां भी खंडित हुईं।
जाकिर की दुकान के आसपास खड़ा पुलिस जाब्ता।
इधर, ईओ और एसडीएम के खिलाफ मामला दर्ज
मामला बढ़ने के बाद ब्रज कल्याण परिषद की ओर से राजगढ़ थाने में परिवाद पेश किया गया था। उधर, सांसद किरोड़ीलाल मीणा शुक्रवार देर रात तक धरना दिया। इसके बाद नगर पालिका ईओ और एसडीएम केशव मीणा के खिलाफ मंदिर तोड़ने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई।
अतिक्रमण हटने के 5 दिन बाद एक वीडियो सामने आया। इसी वीडियो से यह विवाद बढ़ा।
विधायक और चेयरमैन आमने-सामने
राजगढ़ विधायक जौहरी लाल मीणा का कहना है कि मंदिर और अतिक्रमण भाजपा पार्षद और चेयरमैन के आदेश पर तोड़े गए। इसके लिए प्रशासन और पालिका ही जिम्मेदार है। वहीं, नगर पालिका चेयरमैन सतीश दहारिया ने कहा- नगर पालिका बोर्ड में गौरव पथ बनाने को लेकर प्रस्ताव लिया गया था। उसमें प्रस्ताव में ऐसा नहीं था कि गौरव पथ बनाने के लिए रोड को कितना चौड़ा किया जाएगा। यह भी नहीं बताया गया था कि अतिक्रमण कितनी दूरी तक हटेगा। बोर्ड के प्रस्ताव में मंदिर तोड़ने की बात ही नहीं है। यह सब प्रशासन ने अपनी मर्जी से किया है। अतिक्रमण हटाने के दो-तीन दिन पहले ही पार्षदों ने लिखकर भी दिया था।
3 मंदिरों के तबाह होने की बात सामने आई, जबकि एक मंदिर को ही पूरी तरह से तोड़ा गया।
जोग संजोग टाइम्स,
अलवर के राजगढ़ में मास्टर प्लान और गौरव पथ के नाम 90 दुकान-मकान और 3 मंदिर तोड़ने पर विवाद थम नहीं रहा है। 5-6 दिन राजगढ़ नगर पालिका की ओर से यह कार्रवाई की गई थी। शुक्रवार को 300 साल पुराने मंदिर को तोड़ने का वीडियो सामने आने के बाद विवाद और राजनीति दोनों ही तेज है।
इधर, घटनाक्रम को लेकर अफवाहों का बाजार भी गर्म है। सोशल मीडियो और दूसरे मीडिया हाउस में बताया गया कि जाकिर की दुकान को छोड़ दिया गया और पास वाले मकान तोड़ दिए गए। मैसेज शेयर किए जा रहे कि मंदिर पर यह कार्रवाई हुई और मस्जिद छोड़ दी गई। दैनिक भास्कर टीम ने मौके पर पहुंचकर इन अफवाहों की जांच-पड़ताल की। पढ़िए- इनसे जुड़े फैक्ट्स और सच।
पहली अफवाह: जाकिर की दुकान छोड़ दी गई
-जहां मकान और दुकान तोड़ी गई, वहां पास में ही जाकिर की दुकान थी। उसे छोड़ पास वाले मकान-दुकानों को तोड़ दिया गया। दिल्ली के जहांगीरपुरी का बदला यहां राजस्थान में लिया गया।
हकीकत: यह सही है कि दुकान जाकिर खान चलाता है। पर दुकान एडवोकेट राहुल दीक्षित के नाम है। जाकिर ने किराए पर ले रखी है। अतिक्रमण के मामले में पहले से ही स्टे ले लिया गया, इस कारण इस दुकान को नहीं तोड़ा गया।
दूसरी अफवाह: मस्जिद को छोड़ मंदिरों को तोड़ा गया
- कई चैनल्स पर यह खबर चलाई गई कि राजगढ़ में मस्जिद को छोड़ दिया गया और मंदिर को तोड़ा गया।
हकीकत: यहां के लोगों से बताया कि इलाके में एक भी मस्जिद नहीं है।
तीसरी अफवाह: 3 मंदिरों को तबाह कर दिया गया
- कार्रवाई में तीन मंदिरों को तबाह कर दिया गया।
हकीकत: सही है तीन मंदिरों पर कार्रवाई हुई। तीनों ही शिवालय हैं, लेकिन केवल एक 300 साल पुराने मंदिर को तोड़ा गया। दो मंदिरों का कुछ हिस्सा ही टूटा। हालांकि इसमें रखी मूर्तियां भी खंडित हुईं।
जाकिर की दुकान के आसपास खड़ा पुलिस जाब्ता।
इधर, ईओ और एसडीएम के खिलाफ मामला दर्ज
मामला बढ़ने के बाद ब्रज कल्याण परिषद की ओर से राजगढ़ थाने में परिवाद पेश किया गया था। उधर, सांसद किरोड़ीलाल मीणा शुक्रवार देर रात तक धरना दिया। इसके बाद नगर पालिका ईओ और एसडीएम केशव मीणा के खिलाफ मंदिर तोड़ने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई।
अतिक्रमण हटने के 5 दिन बाद एक वीडियो सामने आया। इसी वीडियो से यह विवाद बढ़ा।
विधायक और चेयरमैन आमने-सामने
राजगढ़ विधायक जौहरी लाल मीणा का कहना है कि मंदिर और अतिक्रमण भाजपा पार्षद और चेयरमैन के आदेश पर तोड़े गए। इसके लिए प्रशासन और पालिका ही जिम्मेदार है। वहीं, नगर पालिका चेयरमैन सतीश दहारिया ने कहा- नगर पालिका बोर्ड में गौरव पथ बनाने को लेकर प्रस्ताव लिया गया था। उसमें प्रस्ताव में ऐसा नहीं था कि गौरव पथ बनाने के लिए रोड को कितना चौड़ा किया जाएगा। यह भी नहीं बताया गया था कि अतिक्रमण कितनी दूरी तक हटेगा। बोर्ड के प्रस्ताव में मंदिर तोड़ने की बात ही नहीं है। यह सब प्रशासन ने अपनी मर्जी से किया है। अतिक्रमण हटाने के दो-तीन दिन पहले ही पार्षदों ने लिखकर भी दिया था।
3 मंदिरों के तबाह होने की बात सामने आई, जबकि एक मंदिर को ही पूरी तरह से तोड़ा गया।
RELATED ARTICLES
24 January 2023 06:41 PM
© Copyright 2021-2025, All Rights Reserved by Jogsanjog Times| Designed by amoadvisor.com