16 April 2023 03:42 PM
जोग संजोग टाइम्स,
जयपुर ब्लास्ट मामले के आरोपियों की रिहाई को लेकर विरोध लगातार बढ़ता जा रहा है. रविवार को पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने विस्फोट पीड़ितों से मुलाकात की और दोषियों को कड़ी सजा देने की मांग की. इस दौरान राजे ने हनुमान चालीसा का पाठ किया और चांदपोल हनुमान मंदिर में 80 दीपक जलाकर कहा कि जिन लोगों ने विस्फोटों में निर्दोष लोगों को गलत तरीके से फंसाया था, वे अब कांग्रेस की लापरवाही के कारण छूट रहे हैं। बीजेपी सरकार में आतंकियों को पकड़कर जेल में डाल दिया गया, जहां उन्हें कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई.
राजे ने कहा कि आतंकवादियों के रिहा होने के बाद से विस्फोट पीड़ितों के परिवारों का दर्द दोगुना हो गया है. उनकी पीड़ा को समझते हुए मैंने आज हनुमान मंदिर में न्याय के 80 दीपक जलाए हैं। श्री चांदपोल हनुमान मंदिर पहुंचकर राजे ने न्याय के 80 दीपक जलाए और हनुमान चालीसा का पाठ किया। मेरी हनुमान जी से यही प्रार्थना है कि 13 मई 2008 को जयपुर में सिलसिलेवार बम धमाकों में 80 निर्दोष लोगों की निर्मम हत्या करने वाले आतंकवादियों को जल्द से जल्द मौत की सजा दी जाए।
इस दौरान राजे ने विस्फोट पीड़ित परिवारों से भी मुलाकात की और उन्हें न्याय दिलाने का आश्वासन दिया। परिजनों ने कहा कि जब भाजपा सरकार ने उन आतंकियों को पकड़कर निचली अदालत से मौत की सजा सुनाई तो हमें उम्मीद थी कि हमें न्याय मिलेगा. लेकिन अब जैसे-जैसे उन्हें एक-एक करके रिहा किया जा रहा है, हमारी उम्मीद टूटती जा रही है.
जयपुर ब्लास्ट केस राजस्थान की राजधानी जयपुर में 13 मई, 2008 को हुए नौ समकालिक बम विस्फोटों की एक श्रृंखला को संदर्भित करता है। विस्फोट जौहरी बाजार, त्रिपोलिया बाजार और मानक चौक जैसे भीड़भाड़ वाले इलाकों में हुए, जिसमें 80 लोग मारे गए और 200 से अधिक घायल हो गए। राजस्थान आतंकवाद विरोधी दस्ते (एटीएस) ने कुछ पाकिस्तानी नागरिकों सहित कई लोगों को गिरफ्तार किया और उनके खिलाफ चार्जशीट दायर की। .
हालाँकि, मुकदमे में लंबा समय लगा, और अप्रैल 2021 में, राजस्थान उच्च न्यायालय ने अभियुक्तों को यह कहते हुए जमानत दे दी कि अभियोजन पक्ष उनके खिलाफ सबूत पेश करने में विफल रहा है। अदालत ने यह भी कहा कि आरोपी 12 साल से अधिक समय से जेल में हैं, और उनका मुकदमा शुरू भी नहीं हुआ था। इस फैसले के बाद आरोपी जेल से छूटने लगा।
आरोपियों की रिहाई से लोगों में हड़कंप मच गया है और लोग न्याय की मांग कर रहे हैं। कई लोगों ने कांग्रेस सरकार पर मुकदमे में देरी और बाद में अभियुक्तों की रिहाई के लिए जिम्मेदार होने का आरोप लगाया है। भाजपा ने भी सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि वह अभियुक्तों को दोषी ठहराने के लिए पर्याप्त सबूत पेश करने में विफल रही।
निष्कर्ष के तौर पर, जयपुर विस्फोट मामले में आरोपियों की रिहाई ने सार्वजनिक रूप से हंगामा खड़ा कर दिया है, जिसमें लोग पीड़ितों के परिवारों के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के हनुमान मंदिर जाने और न्याय की उनकी मांग ने पीड़ित परिवारों में उम्मीद जगा दी है. सरकार को यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि न्याय हो और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिले। मुकदमे में देरी और अभियुक्तों की बाद में रिहाई से न्यायपालिका में विश्वास का नुकसान हुआ है, और सरकार को जनता के विश्वास को बहाल करने के लिए सुधारात्मक कार्रवाई करने की आवश्यकता है।
जोग संजोग टाइम्स,
जयपुर ब्लास्ट मामले के आरोपियों की रिहाई को लेकर विरोध लगातार बढ़ता जा रहा है. रविवार को पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने विस्फोट पीड़ितों से मुलाकात की और दोषियों को कड़ी सजा देने की मांग की. इस दौरान राजे ने हनुमान चालीसा का पाठ किया और चांदपोल हनुमान मंदिर में 80 दीपक जलाकर कहा कि जिन लोगों ने विस्फोटों में निर्दोष लोगों को गलत तरीके से फंसाया था, वे अब कांग्रेस की लापरवाही के कारण छूट रहे हैं। बीजेपी सरकार में आतंकियों को पकड़कर जेल में डाल दिया गया, जहां उन्हें कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई.
राजे ने कहा कि आतंकवादियों के रिहा होने के बाद से विस्फोट पीड़ितों के परिवारों का दर्द दोगुना हो गया है. उनकी पीड़ा को समझते हुए मैंने आज हनुमान मंदिर में न्याय के 80 दीपक जलाए हैं। श्री चांदपोल हनुमान मंदिर पहुंचकर राजे ने न्याय के 80 दीपक जलाए और हनुमान चालीसा का पाठ किया। मेरी हनुमान जी से यही प्रार्थना है कि 13 मई 2008 को जयपुर में सिलसिलेवार बम धमाकों में 80 निर्दोष लोगों की निर्मम हत्या करने वाले आतंकवादियों को जल्द से जल्द मौत की सजा दी जाए।
इस दौरान राजे ने विस्फोट पीड़ित परिवारों से भी मुलाकात की और उन्हें न्याय दिलाने का आश्वासन दिया। परिजनों ने कहा कि जब भाजपा सरकार ने उन आतंकियों को पकड़कर निचली अदालत से मौत की सजा सुनाई तो हमें उम्मीद थी कि हमें न्याय मिलेगा. लेकिन अब जैसे-जैसे उन्हें एक-एक करके रिहा किया जा रहा है, हमारी उम्मीद टूटती जा रही है.
जयपुर ब्लास्ट केस राजस्थान की राजधानी जयपुर में 13 मई, 2008 को हुए नौ समकालिक बम विस्फोटों की एक श्रृंखला को संदर्भित करता है। विस्फोट जौहरी बाजार, त्रिपोलिया बाजार और मानक चौक जैसे भीड़भाड़ वाले इलाकों में हुए, जिसमें 80 लोग मारे गए और 200 से अधिक घायल हो गए। राजस्थान आतंकवाद विरोधी दस्ते (एटीएस) ने कुछ पाकिस्तानी नागरिकों सहित कई लोगों को गिरफ्तार किया और उनके खिलाफ चार्जशीट दायर की। .
हालाँकि, मुकदमे में लंबा समय लगा, और अप्रैल 2021 में, राजस्थान उच्च न्यायालय ने अभियुक्तों को यह कहते हुए जमानत दे दी कि अभियोजन पक्ष उनके खिलाफ सबूत पेश करने में विफल रहा है। अदालत ने यह भी कहा कि आरोपी 12 साल से अधिक समय से जेल में हैं, और उनका मुकदमा शुरू भी नहीं हुआ था। इस फैसले के बाद आरोपी जेल से छूटने लगा।
आरोपियों की रिहाई से लोगों में हड़कंप मच गया है और लोग न्याय की मांग कर रहे हैं। कई लोगों ने कांग्रेस सरकार पर मुकदमे में देरी और बाद में अभियुक्तों की रिहाई के लिए जिम्मेदार होने का आरोप लगाया है। भाजपा ने भी सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि वह अभियुक्तों को दोषी ठहराने के लिए पर्याप्त सबूत पेश करने में विफल रही।
निष्कर्ष के तौर पर, जयपुर विस्फोट मामले में आरोपियों की रिहाई ने सार्वजनिक रूप से हंगामा खड़ा कर दिया है, जिसमें लोग पीड़ितों के परिवारों के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के हनुमान मंदिर जाने और न्याय की उनकी मांग ने पीड़ित परिवारों में उम्मीद जगा दी है. सरकार को यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि न्याय हो और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिले। मुकदमे में देरी और अभियुक्तों की बाद में रिहाई से न्यायपालिका में विश्वास का नुकसान हुआ है, और सरकार को जनता के विश्वास को बहाल करने के लिए सुधारात्मक कार्रवाई करने की आवश्यकता है।
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30 December 2022 01:25 PM
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