13 June 2021 03:33 PM
बीकानेर, गंगाशहर के शिवप्रताप पूनमचन्द भड़ राजकीय सैटेलाईट हॉस्पिटल में आपातकालीन सेवाओं और प्रसूति विभाग शुरू करवाने के लिए नगर विकास न्यास के पूर्व अध्यक्ष महावीर रांका ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा व ऊर्जा मंत्री डॉ. बीडी कल्ला को मांगपत्र भेजा है। पूर्व चैयरमेन महावीर रांका ने पत्र में उल्लेख किया है कि भड़ परिवार की ओर से सन् 1963 में इस अस्पताल का निर्माण मैटरनिटी और जनरल हॉस्पिटल के रूप में करवाया गया था
करीब दो दशक तक प्रसूति व आपातकालीन सेवाएं देने के पश्चात् इस हॉस्पिटल में उक्त सुविधाएं बन्द कर दी गई। 80 के दशक में जन जागरूकता के अभाव में इस अस्पताल में मात्र एक चिकित्सा अधिकारी का पद रह गया और बाकी सुविधाएं बन्द हो गई। करीब तीन वर्ष पूर्व इस अस्पताल को सैटेलाइट हॉस्पिटल के रूप में क्रमोन्नत करते हुए सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज के नियन्त्रण में करने के आदेश सरकार द्वारा जारी किये गये।
पूर्व चैयरमेन महावीर रांका ने बताया कि वैश्विक महामारी कोरोना के दौरान भी यहां केवल जांच के अलावा अन्य कोई चिकित्सीय सुविधाएं बढ़ाई नहीं गई। अस्पताल स्थापना के करीब 60 वर्ष बाद भी इस अस्पताल में प्राथमिक चिकित्सा केन्द्र जितनी ही सुविधाएं उपलब्ध है। यहां करीब तीन वर्ष पूर्व बने प्रसूति विभाग, अत्याधुनिक उपकरणों से लैस एंबुलेन्स, सोनोग्राफी और एक्स-रे की नियमित व्यवस्था का अभाव लोगों पर भारी पड़ रहा है।
पूर्व चैयरमेन महावीर रांका ने बताया कि सैटेलाइट हॉस्पिटल के मानदण्डों के अनुसार चिकित्सकों, आपातकालीन प्रसूति विभाग, सभी विभागों के नियमित आउटडोर व 24 घण्टे आपातकालीन सेवाओं की व्यवस्था शुरू करवाया जाए तो क्षेत्र की करीब डेढ़ लाख से ज्यादा संख्या जनसंख्या को स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिलेगा।
बीकानेर, गंगाशहर के शिवप्रताप पूनमचन्द भड़ राजकीय सैटेलाईट हॉस्पिटल में आपातकालीन सेवाओं और प्रसूति विभाग शुरू करवाने के लिए नगर विकास न्यास के पूर्व अध्यक्ष महावीर रांका ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा व ऊर्जा मंत्री डॉ. बीडी कल्ला को मांगपत्र भेजा है। पूर्व चैयरमेन महावीर रांका ने पत्र में उल्लेख किया है कि भड़ परिवार की ओर से सन् 1963 में इस अस्पताल का निर्माण मैटरनिटी और जनरल हॉस्पिटल के रूप में करवाया गया था
करीब दो दशक तक प्रसूति व आपातकालीन सेवाएं देने के पश्चात् इस हॉस्पिटल में उक्त सुविधाएं बन्द कर दी गई। 80 के दशक में जन जागरूकता के अभाव में इस अस्पताल में मात्र एक चिकित्सा अधिकारी का पद रह गया और बाकी सुविधाएं बन्द हो गई। करीब तीन वर्ष पूर्व इस अस्पताल को सैटेलाइट हॉस्पिटल के रूप में क्रमोन्नत करते हुए सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज के नियन्त्रण में करने के आदेश सरकार द्वारा जारी किये गये।
पूर्व चैयरमेन महावीर रांका ने बताया कि वैश्विक महामारी कोरोना के दौरान भी यहां केवल जांच के अलावा अन्य कोई चिकित्सीय सुविधाएं बढ़ाई नहीं गई। अस्पताल स्थापना के करीब 60 वर्ष बाद भी इस अस्पताल में प्राथमिक चिकित्सा केन्द्र जितनी ही सुविधाएं उपलब्ध है। यहां करीब तीन वर्ष पूर्व बने प्रसूति विभाग, अत्याधुनिक उपकरणों से लैस एंबुलेन्स, सोनोग्राफी और एक्स-रे की नियमित व्यवस्था का अभाव लोगों पर भारी पड़ रहा है।
पूर्व चैयरमेन महावीर रांका ने बताया कि सैटेलाइट हॉस्पिटल के मानदण्डों के अनुसार चिकित्सकों, आपातकालीन प्रसूति विभाग, सभी विभागों के नियमित आउटडोर व 24 घण्टे आपातकालीन सेवाओं की व्यवस्था शुरू करवाया जाए तो क्षेत्र की करीब डेढ़ लाख से ज्यादा संख्या जनसंख्या को स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिलेगा।
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