27 May 2021 02:45 PM
जोग संजोग टाइम्स
सीकर. कोरोना के कहर के बीच अटकी बोर्ड परीक्षाओं को लेकर केन्द्र व राज्य सरकारों के बीच तीन दिन से सियासी माथापच्ची जारी है। राज्य सरकार ने केन्द्र को अपने सुझाव देने के साथ राजस्थान माध्यमिक बोर्ड (Rajasthan Board Exam) की दसवीं व बाहरवीं की बोर्ड परीक्षाओं को लेकर नए सिरे से सेंटरों का गणित लगाना शुरू कर दिया है। सरकार के नए फैसले का प्रदेश के 20 लाख से अधिक विद्यार्थियों को इंंतजार है। इधर, राजस्थान बोर्ड के इतिहास में ऐसा तीसरा मौका आया है जब परीक्षाएं इतनी देरी से होगी। कोरोना की वजह से यह दूसरा मौका है कि परीक्षाएं देरी से होने की वजह से शैक्षिक सत्र पूरी तरह प्रभावित हुआ है। प्रदेश के शिक्षा राज्य मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा (Rajasthan Education Minister Govind Singh Dotasara) का कहना है कि राजस्थान बोर्ड की परीक्षाएं निश्चित तौर पर होगी। विद्यार्थी अपनी पढ़ाई जारी रखें। सूत्रों की मानें तो सरकार की ओर से जून महीने के पहले सप्ताह में परीक्षाओं को लेकर राज्य सरकार पर रिव्यू बैठक हो सकती है। इसमें बोर्ड परीक्षाओं के साथ नए शिक्षा सत्र को लेकर चर्चा होगी। वहीं राज्य सरकार ने केन्द्र को सीबीएसई परीक्षाओं को लेकर भी अपने सुझावों की रिपोर्ट भिजवा दी है।
पिछले साल परीक्षा बीच में अटकी, इस बार शुरू नहीं हो सकी
कोरोना की वजह से पिछले साल बोर्ड परीक्षाएं बीच में अटक गई थी। ऐसा राजस्थान बोर्ड के 64 साल के इतिहास में पहली बार हुआ था। वहीं कोरोना की वजह से पिछले साल भी जून महीने तक परीक्षाओं का दौर जारी रहा था। एक्सपर्ट ने बताया कि राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड का गठन 1957 में हुआ था। इसके बाद वर्ष 2009 में प्रश्न पत्र आऊट होने की वजह से लगभग दस दिन परीक्षा स्थगित रही थी। दस दिन बाद परीक्षाएं पहले की तरह शुरू हो गई। इससे पहले राजस्थान में राजपूताना बोर्ड था, उस समय में भी ऐसा कभी नहीं हुआ।
बिगड़ेगा शैक्षिक कलैण्डर,
कोरोना वायरस की वजह से देशभर में स्कूल-कॉलेजों के साथ प्रतियोगी व प्रवेश परीक्षा कराने वाली एजेन्सियों का गणित पूरी तरह बिगड़ गया है। अब विद्यार्थियों के साथ अभिभावक व स्कूल संचालकों को लॉकडाउन का ताला खुलने का इंतजार है। लॉकडाउन खत्म होने के बाद सभी बोर्ड व विवि नए सिरे से तिथियों का ऐलान करेंगे।
प्रदेश में परीक्षा होगी तो यह बदलाव दिखेंगे
1. नए परीक्षा केन्द्र
राज्य सरकार की ओर से बोर्ड परीक्षाओं के लिए 15 फीसदी से अधिक नए सेंटर बढ़ाए जा सकते हैं। बच्चों को आवामन के लिए सार्वजनिक परिवहन की आवश्यकता नहीं पड़े इसके लिए सबसे नजदीक के विकल्प तलाशे जाएंगे।
2. छोटे प्रश्न पत्रोंं की पहले परीक्षा
सरकार की ओर से इस बार दसवीं व बारहवीं की एक समय में परीक्षा कराने के बजाय अलग-अलग समय में परीक्षा कराने की रणनीति बनाए जाने की संभावना है। पहले चरण में छोटी परीक्षाएं यानि जिनमें कम विद्यार्थी नामांकित है उनकी परीक्षा कराई जाएगी।
3. परीक्षा का समय व कोविड गाइडलाइन
सिलेबस के हिसाब से परीक्षा के समय को कम किए जाने की संभावना है। वहीं कोविड गाइडलाइन की पालना के लिए सेंटरों को अलग से बजट दिया जा सकता है।
जोग संजोग टाइम्स
सीकर. कोरोना के कहर के बीच अटकी बोर्ड परीक्षाओं को लेकर केन्द्र व राज्य सरकारों के बीच तीन दिन से सियासी माथापच्ची जारी है। राज्य सरकार ने केन्द्र को अपने सुझाव देने के साथ राजस्थान माध्यमिक बोर्ड (Rajasthan Board Exam) की दसवीं व बाहरवीं की बोर्ड परीक्षाओं को लेकर नए सिरे से सेंटरों का गणित लगाना शुरू कर दिया है। सरकार के नए फैसले का प्रदेश के 20 लाख से अधिक विद्यार्थियों को इंंतजार है। इधर, राजस्थान बोर्ड के इतिहास में ऐसा तीसरा मौका आया है जब परीक्षाएं इतनी देरी से होगी। कोरोना की वजह से यह दूसरा मौका है कि परीक्षाएं देरी से होने की वजह से शैक्षिक सत्र पूरी तरह प्रभावित हुआ है। प्रदेश के शिक्षा राज्य मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा (Rajasthan Education Minister Govind Singh Dotasara) का कहना है कि राजस्थान बोर्ड की परीक्षाएं निश्चित तौर पर होगी। विद्यार्थी अपनी पढ़ाई जारी रखें। सूत्रों की मानें तो सरकार की ओर से जून महीने के पहले सप्ताह में परीक्षाओं को लेकर राज्य सरकार पर रिव्यू बैठक हो सकती है। इसमें बोर्ड परीक्षाओं के साथ नए शिक्षा सत्र को लेकर चर्चा होगी। वहीं राज्य सरकार ने केन्द्र को सीबीएसई परीक्षाओं को लेकर भी अपने सुझावों की रिपोर्ट भिजवा दी है।
पिछले साल परीक्षा बीच में अटकी, इस बार शुरू नहीं हो सकी
कोरोना की वजह से पिछले साल बोर्ड परीक्षाएं बीच में अटक गई थी। ऐसा राजस्थान बोर्ड के 64 साल के इतिहास में पहली बार हुआ था। वहीं कोरोना की वजह से पिछले साल भी जून महीने तक परीक्षाओं का दौर जारी रहा था। एक्सपर्ट ने बताया कि राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड का गठन 1957 में हुआ था। इसके बाद वर्ष 2009 में प्रश्न पत्र आऊट होने की वजह से लगभग दस दिन परीक्षा स्थगित रही थी। दस दिन बाद परीक्षाएं पहले की तरह शुरू हो गई। इससे पहले राजस्थान में राजपूताना बोर्ड था, उस समय में भी ऐसा कभी नहीं हुआ।
बिगड़ेगा शैक्षिक कलैण्डर,
कोरोना वायरस की वजह से देशभर में स्कूल-कॉलेजों के साथ प्रतियोगी व प्रवेश परीक्षा कराने वाली एजेन्सियों का गणित पूरी तरह बिगड़ गया है। अब विद्यार्थियों के साथ अभिभावक व स्कूल संचालकों को लॉकडाउन का ताला खुलने का इंतजार है। लॉकडाउन खत्म होने के बाद सभी बोर्ड व विवि नए सिरे से तिथियों का ऐलान करेंगे।
प्रदेश में परीक्षा होगी तो यह बदलाव दिखेंगे
1. नए परीक्षा केन्द्र
राज्य सरकार की ओर से बोर्ड परीक्षाओं के लिए 15 फीसदी से अधिक नए सेंटर बढ़ाए जा सकते हैं। बच्चों को आवामन के लिए सार्वजनिक परिवहन की आवश्यकता नहीं पड़े इसके लिए सबसे नजदीक के विकल्प तलाशे जाएंगे।
2. छोटे प्रश्न पत्रोंं की पहले परीक्षा
सरकार की ओर से इस बार दसवीं व बारहवीं की एक समय में परीक्षा कराने के बजाय अलग-अलग समय में परीक्षा कराने की रणनीति बनाए जाने की संभावना है। पहले चरण में छोटी परीक्षाएं यानि जिनमें कम विद्यार्थी नामांकित है उनकी परीक्षा कराई जाएगी।
3. परीक्षा का समय व कोविड गाइडलाइन
सिलेबस के हिसाब से परीक्षा के समय को कम किए जाने की संभावना है। वहीं कोविड गाइडलाइन की पालना के लिए सेंटरों को अलग से बजट दिया जा सकता है।
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