23 January 2023 01:03 PM
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर ,
सोलह दिसम्बर को बीकानेर में फायरिंग करने के बाद फरार हुए 3 युवकों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। ये चारों युवक फायरिंग के बाद बीकानेर से फरार हो गए। ये चारों जहां भी गए, वहां पुलिस की नजर में थे। पुलिस इनके पीछे-पीछे नहीं भाग रही थी बल्कि साइबर थाने ने इनकी लोकेशन पर हर वक्त नजर रखी। आखिरकार ये थक हार कर बीकानेर आ गए, जहां इन्हें आसानी से दबोच लिया गया।
दरअसल, बीकानेर के गंगा शहर थाना क्षेत्र में रहने वाले इमरान भाटी ने FIR दी थी कि उस पर भवानी सिंह और तीन चार अन्य ने हमला किया। इस दौरान फायरिंग भी की लेकिन इमरान व उसका साथी पवन बाल-बाल बच गए। इस हमले के बाद भवानी सिंह बीकानेर से भागकर नागौर पहुंचा, जहां से मेड़ता चला गया। मेड़ता से मुम्बई गया। जहां एक होटल में कुछ दिन ठहरे। मुम्बई से दिल्ली चले गए, यहां भी होटल में ठहरे। तब तक जेब के रुपए खत्म हो गए। पुलिस की कोई खास हरकत इन्हें नजर नहीं आई तो बीकानेर आ गए। इन्हें ये नहीं पता था कि साइबर पुलिस उन पर नजर रखे हुए हैं। पुलिस ने बड़ी होशियारी के साथ भवानी सिंह व उसके दो साथी शक्ति सिंह व करण सिंह के मोबाइल पर नजर रखी। मोबाइल ट्रेकिंग से उन्हें पता रहा कि वो कहां है? कोटगेट पुलिस के सहयोग से इन तीनों को रविवार को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया और अब सोमवार को अदालत में पेश किया जाएगा।
एक पिस्तौल बरामद
डीएसटी व पुलिस थाना कोटगेट की संयुक्त कार्यवाही से पूर्व में मुल्जिम राजाराम पुत्र रामस्वरूप बिश्नोई उम्र 29 साल निवासी गांव गोडू पुलिस थाना बज्जू को गिरफ्तार कर कब्जा से एक पिस्तौल बरामद की गई। इसी क्रम में पुलिस ने भवानी सोढा, करण सिंह व शक्ति सिंह को पुछताछ के बाद गिरफ्तार किया। करण सिंह और शक्ति सिंह दोनों रामपुरा बस्ती के रहने वाले हैं।
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर ,
सोलह दिसम्बर को बीकानेर में फायरिंग करने के बाद फरार हुए 3 युवकों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। ये चारों युवक फायरिंग के बाद बीकानेर से फरार हो गए। ये चारों जहां भी गए, वहां पुलिस की नजर में थे। पुलिस इनके पीछे-पीछे नहीं भाग रही थी बल्कि साइबर थाने ने इनकी लोकेशन पर हर वक्त नजर रखी। आखिरकार ये थक हार कर बीकानेर आ गए, जहां इन्हें आसानी से दबोच लिया गया।
दरअसल, बीकानेर के गंगा शहर थाना क्षेत्र में रहने वाले इमरान भाटी ने FIR दी थी कि उस पर भवानी सिंह और तीन चार अन्य ने हमला किया। इस दौरान फायरिंग भी की लेकिन इमरान व उसका साथी पवन बाल-बाल बच गए। इस हमले के बाद भवानी सिंह बीकानेर से भागकर नागौर पहुंचा, जहां से मेड़ता चला गया। मेड़ता से मुम्बई गया। जहां एक होटल में कुछ दिन ठहरे। मुम्बई से दिल्ली चले गए, यहां भी होटल में ठहरे। तब तक जेब के रुपए खत्म हो गए। पुलिस की कोई खास हरकत इन्हें नजर नहीं आई तो बीकानेर आ गए। इन्हें ये नहीं पता था कि साइबर पुलिस उन पर नजर रखे हुए हैं। पुलिस ने बड़ी होशियारी के साथ भवानी सिंह व उसके दो साथी शक्ति सिंह व करण सिंह के मोबाइल पर नजर रखी। मोबाइल ट्रेकिंग से उन्हें पता रहा कि वो कहां है? कोटगेट पुलिस के सहयोग से इन तीनों को रविवार को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया और अब सोमवार को अदालत में पेश किया जाएगा।
एक पिस्तौल बरामद
डीएसटी व पुलिस थाना कोटगेट की संयुक्त कार्यवाही से पूर्व में मुल्जिम राजाराम पुत्र रामस्वरूप बिश्नोई उम्र 29 साल निवासी गांव गोडू पुलिस थाना बज्जू को गिरफ्तार कर कब्जा से एक पिस्तौल बरामद की गई। इसी क्रम में पुलिस ने भवानी सोढा, करण सिंह व शक्ति सिंह को पुछताछ के बाद गिरफ्तार किया। करण सिंह और शक्ति सिंह दोनों रामपुरा बस्ती के रहने वाले हैं।
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