31 January 2023 01:24 PM
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर ,
बीकानेर से बड़े शहरों की ओर जाने वाली रेलगाड़ियों को अब इलेक्ट्रिक इंजन आगे ले जाएंगे। बीकानेर से नागौर तक इलेक्ट्रिफिकेशन का काम पूरा हो चुका है, ऐसे में सोमवार को बीकानेर से नागौर तक इसका ट्रायल सफल रहा और अब लालगढ़ से लूणकरनसर तक का ट्रायल मंगलवार को होगा। ऐसे में लूणकरनसर से नागौर तक का इलेक्ट्रिफिकेशन का काम हो गया है।
रेलवे के आला अधिकारियों ने इस ट्रेक का ट्रायल किया। इस दौरान इलेक्ट्रिक ईंजन 110 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार पर रहा। ट्रेक पर ये स्पीड रही लेकिन रुटीन में ये स्पीड औसत 80 किलोमीटर के आसपास रहने की उम्मीद की जा रही है। दरअसल, रास्ते में कुछ स्टेशन पर ट्रेन रुकती है, वहीं कुछ स्टेशन पर सामने से आने वाली ट्रेन को साइड भी देनी होती है। ऐसे में बीकानेर से नागौर तक पहुंचने में अब कुछ समय कम होगा लेकिन अभी भी एक घंटे में नागौर पहुंचने की उम्मीद नहीं है।
ट्रायल के दौरान उत्तर पश्चिम रेलवे जयपुर के प्रमुख मुख्य बिजली इंजीनियर राजेश मोहन ने नागौर स्टेशन से बीकानेर स्टेशन के मध्य स्थित एल सी गेट नं 39 एवं एल सी गेट नं 16, चिलो स्टेशन पर पावर सब स्टेशन, बदवासी स्टेशन पर ट्रेक्शन सब स्टेशन, अलाई रेलवे स्टेशन, नोखा रेलवे स्टेशन, देशनोक रेलवे स्टेशन का निरीक्षण किया। साथ ही कर्व नंबर - 14 का एवं 33 केवी लाइन का ट्रेक क्रोसिंग एवं 220 केवी लाइन का ट्रेक क्रोसिंग निरीक्षण किया। साथ ही अलाय स्टेशन पर एफओबी एवं देशनोक स्टेशन के आगे आरओबी का निरीक्षण किया। इस दौरान कई आला अधिकारी भी उनके साथ रहे।
अब लालगढ़ से लूणकरनसर का निरीक्षण
बीकानेर से नागौर के बाद अब लालगढ़ से लूणकरनसर तक के इलेक्ट्रिफिकेशन का निरीक्षण मंगलवार को होगा। इस दौरान भी स्पीड चैक की जाएगी कि कितनी देर में लालगढ़ से लूणकरनसर तक का सफर पूरा हुआ। इस इलेक्ट्रिफिकेशन का काम पूरा होने और ट्रालय होने के बाद यहां से इलेक्ट्रिक ईंजन से ही आगे की यात्रा हो सकेगी। दरअसल, जयपुर से अधिकांश ट्रेन इलेक्ट्रिक ईंजन से चलती है लेकिन बीकानेर से जयपुर तक इलेक्ट्रिफिकेशन नहीं था। ऐसे में कई ट्रेन बीकानेर को मिलने में परेशानी हो रही थी, इस इलेक्ट्रिफिकेशन के बाद नए रुट से जुड़ सकेंगे।
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर ,
बीकानेर से बड़े शहरों की ओर जाने वाली रेलगाड़ियों को अब इलेक्ट्रिक इंजन आगे ले जाएंगे। बीकानेर से नागौर तक इलेक्ट्रिफिकेशन का काम पूरा हो चुका है, ऐसे में सोमवार को बीकानेर से नागौर तक इसका ट्रायल सफल रहा और अब लालगढ़ से लूणकरनसर तक का ट्रायल मंगलवार को होगा। ऐसे में लूणकरनसर से नागौर तक का इलेक्ट्रिफिकेशन का काम हो गया है।
रेलवे के आला अधिकारियों ने इस ट्रेक का ट्रायल किया। इस दौरान इलेक्ट्रिक ईंजन 110 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार पर रहा। ट्रेक पर ये स्पीड रही लेकिन रुटीन में ये स्पीड औसत 80 किलोमीटर के आसपास रहने की उम्मीद की जा रही है। दरअसल, रास्ते में कुछ स्टेशन पर ट्रेन रुकती है, वहीं कुछ स्टेशन पर सामने से आने वाली ट्रेन को साइड भी देनी होती है। ऐसे में बीकानेर से नागौर तक पहुंचने में अब कुछ समय कम होगा लेकिन अभी भी एक घंटे में नागौर पहुंचने की उम्मीद नहीं है।
ट्रायल के दौरान उत्तर पश्चिम रेलवे जयपुर के प्रमुख मुख्य बिजली इंजीनियर राजेश मोहन ने नागौर स्टेशन से बीकानेर स्टेशन के मध्य स्थित एल सी गेट नं 39 एवं एल सी गेट नं 16, चिलो स्टेशन पर पावर सब स्टेशन, बदवासी स्टेशन पर ट्रेक्शन सब स्टेशन, अलाई रेलवे स्टेशन, नोखा रेलवे स्टेशन, देशनोक रेलवे स्टेशन का निरीक्षण किया। साथ ही कर्व नंबर - 14 का एवं 33 केवी लाइन का ट्रेक क्रोसिंग एवं 220 केवी लाइन का ट्रेक क्रोसिंग निरीक्षण किया। साथ ही अलाय स्टेशन पर एफओबी एवं देशनोक स्टेशन के आगे आरओबी का निरीक्षण किया। इस दौरान कई आला अधिकारी भी उनके साथ रहे।
अब लालगढ़ से लूणकरनसर का निरीक्षण
बीकानेर से नागौर के बाद अब लालगढ़ से लूणकरनसर तक के इलेक्ट्रिफिकेशन का निरीक्षण मंगलवार को होगा। इस दौरान भी स्पीड चैक की जाएगी कि कितनी देर में लालगढ़ से लूणकरनसर तक का सफर पूरा हुआ। इस इलेक्ट्रिफिकेशन का काम पूरा होने और ट्रालय होने के बाद यहां से इलेक्ट्रिक ईंजन से ही आगे की यात्रा हो सकेगी। दरअसल, जयपुर से अधिकांश ट्रेन इलेक्ट्रिक ईंजन से चलती है लेकिन बीकानेर से जयपुर तक इलेक्ट्रिफिकेशन नहीं था। ऐसे में कई ट्रेन बीकानेर को मिलने में परेशानी हो रही थी, इस इलेक्ट्रिफिकेशन के बाद नए रुट से जुड़ सकेंगे।
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