10 November 2022 11:34 AM
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर ,
नगर निगम में बनाए जा रहे पट्टाें में धांधली का मामला सामने आया है। जिस पट्टे की फाइल पर तीन बार पूछताछ हुई। मेयर और कमिश्नर ने अलग-अलग टिप्पणी की उस फाइल की नाेटशीट के पन्ने फाड़कर और नया कवर लगाकर नए सिरे से वही फाइल लगा दी गई। हैरानी की बात ये है कि डीटीपी ने भी वापस वही टिप्पणी कर दी है। मामला 99 स्क्वायर मीटर के पट्टे के बजाय 182 स्क्वायर मीटर का पट्टा देने का है।
मामला बीदासर बारी की एक निजी जमीन के पट्टे का है। आवेदक ने मई में 99 स्क्वायर मीटर जमीन के पट्टे में 182 स्क्वायर मीटर के पट्टे का आवेदन किया गया। फाइल मेयर के पास गई ताे दाे अगस्त काे मेयर ने पूछा, अतिरिक्त जमीन बख्त सागर की ताे नहीं। वापस 24 अगस्त काे फिर फाइल मेयर के पास गई ताे सवाल किया कि मूल जमीन के अलावा साइड की जमीन खांचा भूमि की ताे नहीं है। कमिश्नर से मार्क हाेकर 13 सितंबर काे फिर मेयर के पास फाइल पहुंची। फिर उस पर ऑब्जेक्शन किया गया लेकिन हाल ही में जब चाैथी बार फाइल मेयर के पास पहुंची ताे वे भी हैरान रह गई।
पहले इसी फाइल का कवर सफेद था वो ग्रीन हो गया था। जिन कागजों पर मेयर ने टिप्पणी की थी वो पन्ने फाड़ दिए गए। नए सिरे से वापस फाइल तैयार की गई। मेयर ने नाम और जमीन का इलाका देखकर फाइल पकड़ दी। हैरानी की बात ये है कि जो टिप्पणी डीटीपी ने पहले वाली फाइल में की थी वही अब वापस इस फाइल पर की है। मेयर ने इस मामले की जांच करने के लिए कमिश्नर को पत्र लिखा है। कहा है कि आखिर किस कर्मचारी की मिलीभगत से हुआ है। उसकी जांच कर उसके खिलाफ कार्रवाई करें। उल्लेखनीय है कि ऐसी अकेली ये ही फाइल नहीं है। कई और फाइलाें काे खंगाला जा रहा है।
भूमि शाखा के रिकाॅर्ड में फाइल किसी और काे दे दी
पट्टाें की स्थिति : 69 ए- के 1363 आवेदन आए और 1128 पट्टे बनाने का दावा किया गया। कच्ची बस्ती नियमन के 743 आवेदन आए 683 पट्टे बने। समर्पण के बाद पट्टाें के लिए 200 आवेदन आए 190 बनाए। सिवाय चक के 62 आवेदन और सारे पट्टे बनाए। खांचा भूमि के 28 आवेदन 24 बनाए। भू-उपयाेग परिवर्तन के 70 आवेदन 63 बनाए। लीज हाेल्ड से फ्री हाेल्ड के 1052 आवेदन से 950 पट्टे बनाने का दावा नगर निगम ने स्वायत्त शासन विभाग की वेबसाइट पर किया है। हालांकि मेयर ने इस आंकडे पर फिर से सवाल उठाए हैं। कहा, ये फर्जी आंकडे हैं। मेरे पास 500 से ज्यादा फाइलें नहीं पहुंची।
भूमि शाखा में पट्टाें की फाइलाें काे मेयर के पास लाने ले जाने का काम सरकारी कार्मिक का हाेता है। लेकिन यह काम किसी ओर काे साैंप दिया। हैरानी की बात ये है कि इस फाइल के बारे में पट्टाें से जुड़े सारे कार्मिकाें काे पता है। पूछने पर सिर्फ मुस्कुरा देते हैं।
मेयर का लेटर आया है। किसी से भूल हाे सकती है। अगर गड़बड़ है ताे मेयर काे फाइल खारिज कर देनी चाहिए। मेरे ध्यान में आ गया। इसकी जांच कराई जाएगी। - गाेपालराम विरदा, आयुक्त नगर निगम
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर ,
नगर निगम में बनाए जा रहे पट्टाें में धांधली का मामला सामने आया है। जिस पट्टे की फाइल पर तीन बार पूछताछ हुई। मेयर और कमिश्नर ने अलग-अलग टिप्पणी की उस फाइल की नाेटशीट के पन्ने फाड़कर और नया कवर लगाकर नए सिरे से वही फाइल लगा दी गई। हैरानी की बात ये है कि डीटीपी ने भी वापस वही टिप्पणी कर दी है। मामला 99 स्क्वायर मीटर के पट्टे के बजाय 182 स्क्वायर मीटर का पट्टा देने का है।
मामला बीदासर बारी की एक निजी जमीन के पट्टे का है। आवेदक ने मई में 99 स्क्वायर मीटर जमीन के पट्टे में 182 स्क्वायर मीटर के पट्टे का आवेदन किया गया। फाइल मेयर के पास गई ताे दाे अगस्त काे मेयर ने पूछा, अतिरिक्त जमीन बख्त सागर की ताे नहीं। वापस 24 अगस्त काे फिर फाइल मेयर के पास गई ताे सवाल किया कि मूल जमीन के अलावा साइड की जमीन खांचा भूमि की ताे नहीं है। कमिश्नर से मार्क हाेकर 13 सितंबर काे फिर मेयर के पास फाइल पहुंची। फिर उस पर ऑब्जेक्शन किया गया लेकिन हाल ही में जब चाैथी बार फाइल मेयर के पास पहुंची ताे वे भी हैरान रह गई।
पहले इसी फाइल का कवर सफेद था वो ग्रीन हो गया था। जिन कागजों पर मेयर ने टिप्पणी की थी वो पन्ने फाड़ दिए गए। नए सिरे से वापस फाइल तैयार की गई। मेयर ने नाम और जमीन का इलाका देखकर फाइल पकड़ दी। हैरानी की बात ये है कि जो टिप्पणी डीटीपी ने पहले वाली फाइल में की थी वही अब वापस इस फाइल पर की है। मेयर ने इस मामले की जांच करने के लिए कमिश्नर को पत्र लिखा है। कहा है कि आखिर किस कर्मचारी की मिलीभगत से हुआ है। उसकी जांच कर उसके खिलाफ कार्रवाई करें। उल्लेखनीय है कि ऐसी अकेली ये ही फाइल नहीं है। कई और फाइलाें काे खंगाला जा रहा है।
भूमि शाखा के रिकाॅर्ड में फाइल किसी और काे दे दी
पट्टाें की स्थिति : 69 ए- के 1363 आवेदन आए और 1128 पट्टे बनाने का दावा किया गया। कच्ची बस्ती नियमन के 743 आवेदन आए 683 पट्टे बने। समर्पण के बाद पट्टाें के लिए 200 आवेदन आए 190 बनाए। सिवाय चक के 62 आवेदन और सारे पट्टे बनाए। खांचा भूमि के 28 आवेदन 24 बनाए। भू-उपयाेग परिवर्तन के 70 आवेदन 63 बनाए। लीज हाेल्ड से फ्री हाेल्ड के 1052 आवेदन से 950 पट्टे बनाने का दावा नगर निगम ने स्वायत्त शासन विभाग की वेबसाइट पर किया है। हालांकि मेयर ने इस आंकडे पर फिर से सवाल उठाए हैं। कहा, ये फर्जी आंकडे हैं। मेरे पास 500 से ज्यादा फाइलें नहीं पहुंची।
भूमि शाखा में पट्टाें की फाइलाें काे मेयर के पास लाने ले जाने का काम सरकारी कार्मिक का हाेता है। लेकिन यह काम किसी ओर काे साैंप दिया। हैरानी की बात ये है कि इस फाइल के बारे में पट्टाें से जुड़े सारे कार्मिकाें काे पता है। पूछने पर सिर्फ मुस्कुरा देते हैं।
मेयर का लेटर आया है। किसी से भूल हाे सकती है। अगर गड़बड़ है ताे मेयर काे फाइल खारिज कर देनी चाहिए। मेरे ध्यान में आ गया। इसकी जांच कराई जाएगी। - गाेपालराम विरदा, आयुक्त नगर निगम
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