17 June 2025 09:00 AM
बीकानेर। चकगर्बी क्षेत्र में बने मकानों को बीडीए प्रशासन द्वारा अवैध बताकर तोडऩे और अन्य मकान मालिकों को नोटिस थमाने के विरोध में चल रहा धरना आखिरकार प्रशासन व आन्दोलनकारियों के बीच बनी सहमति के बाद समाप्त हो गया। आन्दोलनकारियों के शिष्टमंडल की प्रशासन से हुई वार्ता में जिला प्रशासन का आशियाने नहीं तोडऩे का आश्वासन दिया। साथ ही नियमन की विधिवत् प्रक्रिया पर भी बीडीए ने सहमति जताई। अधिकारियों ने बताया कि चक्रगर्बी का भू मानचित्र शीघ्र ही लागू होगा। प्रशासन के सकारात्मक आश्वासन के बाद आंदोलन स्थगित कर दिया गया।
वार्ता में ये रहे शामिल
शाम को कलक्टर सभागार में हुई वार्ता में जिला प्रशासन की तरफ से कलेक्टर नम्रता,एडीएम रमेश देव और तहसीलदार बीकानेर राजकुमारी विश्नोई के अलावा कांग्रेस नेता मदन गोपाल मेघवाल,यशपाल गहलोत,रामनिवास कूकना,भंवर कूकना,बिशनाराम सिहाग,सुभाष स्वामी,प्रफुल हटीला,भाजपा.नेता सुरेन्द्र सिंह शेखावत,अशोक भाटी,कुन्दन सिंह राठौड़,पुनीत ढाल,कन्हैया लाल कड़ेला,संघर्ष समिति के राजाराम धानका,संदीप चौधरी,राधे श्याम घायल,फऱमान कोहरी,नारायण सिंह शेखावत, विजय सिंह राठौड़,कर्णपाल सिंह,ठेकेदार रफीक भाई गीगासर शामिल रहे।
दिन में किया कलेक्ट्रेट का घेराव
इससे पहले दोपहर में चकगर्बी से पैदल कूच कर कलेक्ट्रेट परिसर पहुंचे आन्दोलनकारियों ने प्रशासन के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया।प्रदर्शनकारियों ने प्रशासन पर गरीब विरोधी कार्रवाई का आरोप लगाते हुए जमकर नारेबाजी की। धरने का नेतृत्व कांग्रेस नेता रामनिवास कूकणा,यूथ कांग्रेस देहात अध्यक्ष भंवरलाल कूकणा,भाजपा नेता सुरेन्द्र सिंह शेखावत और कांग्रेस नेता सुभाष स्वामी सहित कई नेताओं ने किया।प्रदर्शनकारी नेताओं ने कहा कि गरीब लोगों ने कॉलोनाइजर्स से पट्टे लेकर अपनी खून-पसीने की कमाई से मकान बनाए,जिनकी रजिस्ट्री तक हो चुकी है। अब बीडीए प्रशासन उन आशियानों को तोड़ रहा है,जबकि असली दोषी वे कॉलोनाइजऱ हैं जिन्होंने सरकारी ज़मीन पर अवैध क ॉलोनियां काटी और गरीबों को झांसे में लिया। प्रदर्शन कर रहे नेताओं का आरोप है कि प्रशासन ने उस वक्त आंखें मूंद रखी थी जब ये कॉलोनियां विक सित की जा रही थीं, और अब मकान बन जाने के बाद प्रशासन उन्हें गिरा रहा है,जो सरासर अन्याय है।प्रदर्शनकारियों की मांग है कि सबसे पहले उन कॉलोनाइजर्स के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई हो,जिन्होंने सरकारी ज़मीन पर कब्जा कर कॉलोनी कटी। साथ ही,जिन गरीब लोगों ने वैध प्रक्रिया से मकान बनवाए हैं,उनके आशियानों को संरक्षित किया जाए।प्रशासनिक अधिकारियों के साथ वार्ता की मांग पर अड़े प्रदर्शनकारी नेताओं ने चेतावनी दी कि यदि गरीबों के मकानों को तोडऩे की कार्रवाई रोकी नहीं गई,तो आंदोलन और उग्र किया जाएगा।
बीकानेर। चकगर्बी क्षेत्र में बने मकानों को बीडीए प्रशासन द्वारा अवैध बताकर तोडऩे और अन्य मकान मालिकों को नोटिस थमाने के विरोध में चल रहा धरना आखिरकार प्रशासन व आन्दोलनकारियों के बीच बनी सहमति के बाद समाप्त हो गया। आन्दोलनकारियों के शिष्टमंडल की प्रशासन से हुई वार्ता में जिला प्रशासन का आशियाने नहीं तोडऩे का आश्वासन दिया। साथ ही नियमन की विधिवत् प्रक्रिया पर भी बीडीए ने सहमति जताई। अधिकारियों ने बताया कि चक्रगर्बी का भू मानचित्र शीघ्र ही लागू होगा। प्रशासन के सकारात्मक आश्वासन के बाद आंदोलन स्थगित कर दिया गया।
वार्ता में ये रहे शामिल
शाम को कलक्टर सभागार में हुई वार्ता में जिला प्रशासन की तरफ से कलेक्टर नम्रता,एडीएम रमेश देव और तहसीलदार बीकानेर राजकुमारी विश्नोई के अलावा कांग्रेस नेता मदन गोपाल मेघवाल,यशपाल गहलोत,रामनिवास कूकना,भंवर कूकना,बिशनाराम सिहाग,सुभाष स्वामी,प्रफुल हटीला,भाजपा.नेता सुरेन्द्र सिंह शेखावत,अशोक भाटी,कुन्दन सिंह राठौड़,पुनीत ढाल,कन्हैया लाल कड़ेला,संघर्ष समिति के राजाराम धानका,संदीप चौधरी,राधे श्याम घायल,फऱमान कोहरी,नारायण सिंह शेखावत, विजय सिंह राठौड़,कर्णपाल सिंह,ठेकेदार रफीक भाई गीगासर शामिल रहे।
दिन में किया कलेक्ट्रेट का घेराव
इससे पहले दोपहर में चकगर्बी से पैदल कूच कर कलेक्ट्रेट परिसर पहुंचे आन्दोलनकारियों ने प्रशासन के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया।प्रदर्शनकारियों ने प्रशासन पर गरीब विरोधी कार्रवाई का आरोप लगाते हुए जमकर नारेबाजी की। धरने का नेतृत्व कांग्रेस नेता रामनिवास कूकणा,यूथ कांग्रेस देहात अध्यक्ष भंवरलाल कूकणा,भाजपा नेता सुरेन्द्र सिंह शेखावत और कांग्रेस नेता सुभाष स्वामी सहित कई नेताओं ने किया।प्रदर्शनकारी नेताओं ने कहा कि गरीब लोगों ने कॉलोनाइजर्स से पट्टे लेकर अपनी खून-पसीने की कमाई से मकान बनाए,जिनकी रजिस्ट्री तक हो चुकी है। अब बीडीए प्रशासन उन आशियानों को तोड़ रहा है,जबकि असली दोषी वे कॉलोनाइजऱ हैं जिन्होंने सरकारी ज़मीन पर अवैध क ॉलोनियां काटी और गरीबों को झांसे में लिया। प्रदर्शन कर रहे नेताओं का आरोप है कि प्रशासन ने उस वक्त आंखें मूंद रखी थी जब ये कॉलोनियां विक सित की जा रही थीं, और अब मकान बन जाने के बाद प्रशासन उन्हें गिरा रहा है,जो सरासर अन्याय है।प्रदर्शनकारियों की मांग है कि सबसे पहले उन कॉलोनाइजर्स के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई हो,जिन्होंने सरकारी ज़मीन पर कब्जा कर कॉलोनी कटी। साथ ही,जिन गरीब लोगों ने वैध प्रक्रिया से मकान बनवाए हैं,उनके आशियानों को संरक्षित किया जाए।प्रशासनिक अधिकारियों के साथ वार्ता की मांग पर अड़े प्रदर्शनकारी नेताओं ने चेतावनी दी कि यदि गरीबों के मकानों को तोडऩे की कार्रवाई रोकी नहीं गई,तो आंदोलन और उग्र किया जाएगा।
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