11 March 2023 04:19 PM
जोग संजोग टाइम्स,
धरना प्रदर्शन की आड़ में महावीर रांका द्वारा कलेक्ट्री परिसर में धरना स्थल को होटलनुमा बनाया हुआ है जहां आज 33वे दिन भी धरना जारी है यहां पर धरना प्रदर्शन के मुख्य उद्देश्य को लोग भूल चुके हैं क्योंकि महावीर रांका द्वारा यहां चाय, नाश्ता व खाना इत्यादि की व्यवस्था अशोक गहलोत से भी बढ़िया अर्थात इंदिरा रसोई के बजाय रांका रसोई अच्छी चल रही है जिससे यहां पर चाटू प्रवृत्ति के लोग डेली अपनी उपस्थिति दर्ज करवाते हैं यहां सत्संग ,सुंदरकांड, होलिका दहन ,25 वीं शादी की सालगिरह जैसे कार्यक्रमों का आयोजन हो चुका है धरना स्थल पर इस प्रकार की परंपरा एक गलत परंपरा है जिसमें अन्य समाज के लोग भी इसकी देखा देखी कर सकते हैं जिसमें बकरीद, इफ्तार पार्टी ,कव्वाली ,ताजिया दफन जैसे कार्यक्रम भी होने लग जाएंगे महावीर रांका द्वारा अपने आगामी चुनावों की मीटिंग अभी की जाने लगी है *यह अपने आप को विधानसभा पूर्व का प्रत्याशी मानते हैं इन्होंने न्यायालय के आदेश की अवहेलना कि आड़ में अपनी नेतागिरी चमकाना चाहते हैं जबकि यह एक विधि की प्रक्रिया है जिसमें लोअर कोर्ट के आदेश को अपर कोर्ट में अपील की जाती है तथा कोर्ट का आदेश न मानने पर कोर्ट ऑफ कंटेंम का प्रावधान भी है तो फिर न्यायालय में मामला विचाराधीन होने पर यह सियासी संग्राम आखिर क्यों ?
संवादाता श्री राम गहलोत , जोग संजोग टाइम्स ,बीकानेर
जोग संजोग टाइम्स,
धरना प्रदर्शन की आड़ में महावीर रांका द्वारा कलेक्ट्री परिसर में धरना स्थल को होटलनुमा बनाया हुआ है जहां आज 33वे दिन भी धरना जारी है यहां पर धरना प्रदर्शन के मुख्य उद्देश्य को लोग भूल चुके हैं क्योंकि महावीर रांका द्वारा यहां चाय, नाश्ता व खाना इत्यादि की व्यवस्था अशोक गहलोत से भी बढ़िया अर्थात इंदिरा रसोई के बजाय रांका रसोई अच्छी चल रही है जिससे यहां पर चाटू प्रवृत्ति के लोग डेली अपनी उपस्थिति दर्ज करवाते हैं यहां सत्संग ,सुंदरकांड, होलिका दहन ,25 वीं शादी की सालगिरह जैसे कार्यक्रमों का आयोजन हो चुका है धरना स्थल पर इस प्रकार की परंपरा एक गलत परंपरा है जिसमें अन्य समाज के लोग भी इसकी देखा देखी कर सकते हैं जिसमें बकरीद, इफ्तार पार्टी ,कव्वाली ,ताजिया दफन जैसे कार्यक्रम भी होने लग जाएंगे महावीर रांका द्वारा अपने आगामी चुनावों की मीटिंग अभी की जाने लगी है
यह अपने आप को विधानसभा पूर्व का प्रत्याशी मानते हैं इन्होंने न्यायालय के आदेश की अवहेलना कि आड़ में अपनी नेतागिरी चमकाना चाहते हैं जबकि यह एक विधि की प्रक्रिया है जिसमें लोअर कोर्ट के आदेश को अपर कोर्ट में अपील की जाती है तथा कोर्ट का आदेश न मानने पर कोर्ट ऑफ कंटेंम का प्रावधान भी है तो फिर न्यायालय में मामला विचाराधीन होने पर यह सियासी संग्राम आखिर क्यों ?
संवादाता श्री राम गहलोत , जोग संजोग टाइम्स ,बीकानेर
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