14 October 2022 02:34 PM
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर,
फर्जी हस्ताक्षर कर जारी किए लाखों के पीओ,पीबीएम अधीक्षक के फर्जी हस्ताक्षर कर लाखों के फर्जी पर्चेज ऑर्डर जारी करने का मामला सामने आया है। मामला मेडिसिन सप्लाई से जुड़ा है। सूत्रों के मुताबिक संभागीय आयुक्त नीरज के पवन को किसी व्यक्ति ने शिकायत करते हुए चार पीओ(पर्चेज ऑर्डर) दिए थे। इस पर पवन ने पीबीएम अधीक्षक से मामले की जानकारी ली। इन चार पर्चेज ऑर्डर में से दो ऑर्डर फर्जी थे। पीबीएम अधीक्षक ने 64 व 34 लाख की मेडिसिन के पर्चेज ऑर्डर पर हुए हस्ताक्षर फर्जी बताए। वहीं 3500 व 3700 रूपए के अन्य दो पीओ सही बताए। सवाल यह खड़ा हो गया कि आखिर कुल 98 लाख के ये फर्जी पीओ जारी किसने किए? हालांकि दावा किया जा रहा है कि इन फर्जी पीओ का होना कुछ नहीं था। वजह, यह सप्लाई लिस्टेड फर्म करती है। प्रक्रिया के तहत अधीक्षक कार्यालय से पीओ जारी होता है। इसकी एक कॉपी भंडार को जाती है, वहीं दूसरी कॉपी सप्लायर को जाती है। भंडार के पास जब तक अधीक्षक कार्यालय से पीओ की कॉपी नहीं आती, वह ऑर्डर रिसीव ही नहीं करता। इससे भी बड़ी बात है कि पूरा भुगतान अधीक्षक कार्यालय के मार्फत होता है। एक एक कागज़ जांचा जाता है। ऐसे में इन फर्जी पीओ से ना तो माल सप्लाई हो सकता है और ना ही भुगतान प्राप्त किया जा सकता है।ऐसे में सवाल यह भी है कि आखिर फर्जी पीओ किसने और किस उद्देश्य से बनाए होंगे? सूत्रों का कहना है कि किसी मसखरे ने मसखरी की हो अथवा सरफिरे ने पीबीएम अधीक्षक कार्यालय को बदनाम करने के उद्देश्य से ऐसा किया हो।फिलहाल पीबीएम अधीक्षक कार्यालय के सहायक प्रशासनिक अधिकारी के मार्फत सदर थाने में अज्ञात के खिलाफ धोखाधड़ी व कूटरचना का मुकदमा दर्ज करवाया है। मामले की जांच सब इंस्पेक्टर भंवरलाल कर रहे हैं। मामला किसी तरह की साज़िश से भी जुड़ा हो सकता है।
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर,
फर्जी हस्ताक्षर कर जारी किए लाखों के पीओ,पीबीएम अधीक्षक के फर्जी हस्ताक्षर कर लाखों के फर्जी पर्चेज ऑर्डर जारी करने का मामला सामने आया है। मामला मेडिसिन सप्लाई से जुड़ा है। सूत्रों के मुताबिक संभागीय आयुक्त नीरज के पवन को किसी व्यक्ति ने शिकायत करते हुए चार पीओ(पर्चेज ऑर्डर) दिए थे। इस पर पवन ने पीबीएम अधीक्षक से मामले की जानकारी ली। इन चार पर्चेज ऑर्डर में से दो ऑर्डर फर्जी थे। पीबीएम अधीक्षक ने 64 व 34 लाख की मेडिसिन के पर्चेज ऑर्डर पर हुए हस्ताक्षर फर्जी बताए। वहीं 3500 व 3700 रूपए के अन्य दो पीओ सही बताए। सवाल यह खड़ा हो गया कि आखिर कुल 98 लाख के ये फर्जी पीओ जारी किसने किए? हालांकि दावा किया जा रहा है कि इन फर्जी पीओ का होना कुछ नहीं था। वजह, यह सप्लाई लिस्टेड फर्म करती है। प्रक्रिया के तहत अधीक्षक कार्यालय से पीओ जारी होता है। इसकी एक कॉपी भंडार को जाती है, वहीं दूसरी कॉपी सप्लायर को जाती है। भंडार के पास जब तक अधीक्षक कार्यालय से पीओ की कॉपी नहीं आती, वह ऑर्डर रिसीव ही नहीं करता। इससे भी बड़ी बात है कि पूरा भुगतान अधीक्षक कार्यालय के मार्फत होता है। एक एक कागज़ जांचा जाता है। ऐसे में इन फर्जी पीओ से ना तो माल सप्लाई हो सकता है और ना ही भुगतान प्राप्त किया जा सकता है।ऐसे में सवाल यह भी है कि आखिर फर्जी पीओ किसने और किस उद्देश्य से बनाए होंगे? सूत्रों का कहना है कि किसी मसखरे ने मसखरी की हो अथवा सरफिरे ने पीबीएम अधीक्षक कार्यालय को बदनाम करने के उद्देश्य से ऐसा किया हो।फिलहाल पीबीएम अधीक्षक कार्यालय के सहायक प्रशासनिक अधिकारी के मार्फत सदर थाने में अज्ञात के खिलाफ धोखाधड़ी व कूटरचना का मुकदमा दर्ज करवाया है। मामले की जांच सब इंस्पेक्टर भंवरलाल कर रहे हैं। मामला किसी तरह की साज़िश से भी जुड़ा हो सकता है।
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18 September 2025 12:36 PM
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