20 October 2022 01:59 PM
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर,राजस्थान, हरियाणा और उत्तर प्रदेश सहित उत्पादक मंडियों में इन दिनों नए बाजरे की आवक शुरू हो गई है। राजस्थान की मंडियों में करीब डेढ़ लाख बोरी बाजरा प्रतिदिन उतर रहा है। आवक दबाव बढ़ने के साथ ही बाजरे के दामों में भी जोरदार गिरावट देखी जा रही है।राजस्थान, हरियाणा और उत्तर प्रदेश सहित उत्पादक मंडियों में इन दिनों नए बाजरे की आवक शुरू हो गई है। राजस्थान की मंडियों में करीब डेढ़ लाख बोरी बाजरा प्रतिदिन उतर रहा है। आवक दबाव बढ़ने के साथ ही बाजरे के दामों में भी जोरदार गिरावट देखी जा रही है। पिछले 15 दिनों में ही इसके दाम 700 रुपए प्रति क्विंटल तक टूट गए है। प्रदेश की मंडियों में नया बाजरा 1600 से लेकर 1900 रुपए प्रति क्विंटल पर घटाकर बेचा जा रहा है। पन्द्रह दिन पहले इसके भाव 2500 रुपए प्रति क्विंटल तक बोले जा रहे थे। राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ के अध्यक्ष बाबूलाल गुप्ता का कहना है कि उत्तर भारत में बारिश कम होने और ऊंचे दाम मिलने के कारण किसानों ने इस साल बाजरे की बिजाई अधिक की थी। बाजरे की फसल भी चौतरफा अच्छी बताई जा रही है।बाजरे की बिजाई किसानों ने अधिक कीइस बार बारिश होने पर हवा नहीं चली है। खेतों में तैयार फसल को खड़ी रहने पर कोई नुकसान नहीं होता है। परिणामस्वरूप बाजरे की खड़ी फसल गिरी नहीं है। गौरतलब है कि राजस्थान, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में बाजरे की बिजाई किसानों ने अधिक की थी। दिवाली बाद उत्तर प्रदेश की इटावा, एटा, मैनपुरी, फरूक्खाबाद, उरई एवं ओरैया लाइन में भी नया बाजरा आने लगेगा। इसी प्रकार प्रयागराज लाइन में नवंबर के पहले सप्ताह में बाजरे का आवक दबाव बनने लगेगा। विशेषज्ञों के अनुसार किसानों ने इस बार हाइब्रिड बीज की बिजाई ज्यादा की है। लिहाजा देश में बाजरे की पैदावार 120 लाख टन के आसपास होने का अनुमान है। बीते सीजन में लगभग 80 लाख टन बाजरे का उत्पादन हुआ था।
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर,राजस्थान, हरियाणा और उत्तर प्रदेश सहित उत्पादक मंडियों में इन दिनों नए बाजरे की आवक शुरू हो गई है। राजस्थान की मंडियों में करीब डेढ़ लाख बोरी बाजरा प्रतिदिन उतर रहा है। आवक दबाव बढ़ने के साथ ही बाजरे के दामों में भी जोरदार गिरावट देखी जा रही है।राजस्थान, हरियाणा और उत्तर प्रदेश सहित उत्पादक मंडियों में इन दिनों नए बाजरे की आवक शुरू हो गई है। राजस्थान की मंडियों में करीब डेढ़ लाख बोरी बाजरा प्रतिदिन उतर रहा है। आवक दबाव बढ़ने के साथ ही बाजरे के दामों में भी जोरदार गिरावट देखी जा रही है। पिछले 15 दिनों में ही इसके दाम 700 रुपए प्रति क्विंटल तक टूट गए है। प्रदेश की मंडियों में नया बाजरा 1600 से लेकर 1900 रुपए प्रति क्विंटल पर घटाकर बेचा जा रहा है। पन्द्रह दिन पहले इसके भाव 2500 रुपए प्रति क्विंटल तक बोले जा रहे थे। राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ के अध्यक्ष बाबूलाल गुप्ता का कहना है कि उत्तर भारत में बारिश कम होने और ऊंचे दाम मिलने के कारण किसानों ने इस साल बाजरे की बिजाई अधिक की थी। बाजरे की फसल भी चौतरफा अच्छी बताई जा रही है।बाजरे की बिजाई किसानों ने अधिक कीइस बार बारिश होने पर हवा नहीं चली है। खेतों में तैयार फसल को खड़ी रहने पर कोई नुकसान नहीं होता है। परिणामस्वरूप बाजरे की खड़ी फसल गिरी नहीं है। गौरतलब है कि राजस्थान, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में बाजरे की बिजाई किसानों ने अधिक की थी। दिवाली बाद उत्तर प्रदेश की इटावा, एटा, मैनपुरी, फरूक्खाबाद, उरई एवं ओरैया लाइन में भी नया बाजरा आने लगेगा। इसी प्रकार प्रयागराज लाइन में नवंबर के पहले सप्ताह में बाजरे का आवक दबाव बनने लगेगा। विशेषज्ञों के अनुसार किसानों ने इस बार हाइब्रिड बीज की बिजाई ज्यादा की है। लिहाजा देश में बाजरे की पैदावार 120 लाख टन के आसपास होने का अनुमान है। बीते सीजन में लगभग 80 लाख टन बाजरे का उत्पादन हुआ था।
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