25 October 2022 07:37 PM
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर,
अगर आपके पैर दर्द करते हैं, तो आपके लिए सतर्क होने का समय है। यह दिल से जुड़ी बीमारी भी हो सकती है। राजस्थान में एक ऐसा मामला सामने आया है, जब 66 साल के बुजुर्ग काे पैर में इतना दर्द था कि उनसे चलते नहीं बनता था। जांच की तो पता चला कि पैरों में खून पहुंचाने वाली धमनी ब्लॉक है। यही नहीं, आगे की जांच में पता चला कि हार्ट की मेट आर्टरी भी ब्लॉक है।
मामला जयपुर के सवाई मान सिंह अस्पताल का है। यहां बूंदी के प्रभु प्रजापत पैर के दर्द से परेशान होकर आए थे। ऐसे में डॉक्टर के सामने दो रास्ते थे। पहला, पैर का ऑपरेशन करें, लेकिन इससे बुजुर्ग की ऑपरेशन के दौरान ही हार्ट फेल होने से मौत हो जाती। दूसरा, पुरानी तकनीक से हार्ट का ऑपरेशन, लेकिन इससे दोनों पैर काटने का खतरा बढ़ जाता।
ऐसे में एक नया तरीका अपनाया गया, डॉक्टर्स ने दाेनों के बाइपास ऑपरेशन एक साथ किए। एसएमएस सिटी सर्जरी डिपार्टमेंट के सीनियर प्रोफेसर डॉ. अनिल शर्मा का दावा है कि ये पहला मामला है, जब दोनों सर्जरी एक साथ एक ही ऑपरेशन के जरिए की गई हो। इस पूरे ऑपरेशन को करने में 7 घंटे का समय लगा। इसमें सबसे पहले मरीज के तीन जगहों पर छोटे-छोटे चीरे लगाए गए।
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर,
अगर आपके पैर दर्द करते हैं, तो आपके लिए सतर्क होने का समय है। यह दिल से जुड़ी बीमारी भी हो सकती है। राजस्थान में एक ऐसा मामला सामने आया है, जब 66 साल के बुजुर्ग काे पैर में इतना दर्द था कि उनसे चलते नहीं बनता था। जांच की तो पता चला कि पैरों में खून पहुंचाने वाली धमनी ब्लॉक है। यही नहीं, आगे की जांच में पता चला कि हार्ट की मेट आर्टरी भी ब्लॉक है।
मामला जयपुर के सवाई मान सिंह अस्पताल का है। यहां बूंदी के प्रभु प्रजापत पैर के दर्द से परेशान होकर आए थे। ऐसे में डॉक्टर के सामने दो रास्ते थे। पहला, पैर का ऑपरेशन करें, लेकिन इससे बुजुर्ग की ऑपरेशन के दौरान ही हार्ट फेल होने से मौत हो जाती। दूसरा, पुरानी तकनीक से हार्ट का ऑपरेशन, लेकिन इससे दोनों पैर काटने का खतरा बढ़ जाता।
ऐसे में एक नया तरीका अपनाया गया, डॉक्टर्स ने दाेनों के बाइपास ऑपरेशन एक साथ किए। एसएमएस सिटी सर्जरी डिपार्टमेंट के सीनियर प्रोफेसर डॉ. अनिल शर्मा का दावा है कि ये पहला मामला है, जब दोनों सर्जरी एक साथ एक ही ऑपरेशन के जरिए की गई हो। इस पूरे ऑपरेशन को करने में 7 घंटे का समय लगा। इसमें सबसे पहले मरीज के तीन जगहों पर छोटे-छोटे चीरे लगाए गए।
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