20 August 2021 05:06 PM
बीकानेर। बिजली कंपनियों की वित्तीय हालत सुधारने के लिए अब प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने की तैयारी की जा रही है। शुरुआत में सभी प्रशासनिक कार्यालयों में प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। बाद में आम उपभोक्ताओं को भी इससे जोड़ा जाएगा।
मिली जानकारी के अनुसार अभी हाल ही में बिजली मंत्रालय की ओर से सरकार के सभी केन्द्रीय मंत्रालयों को इस बारे में सलाह दी गई है कि वो अपने प्रशासनिक नियंत्रण वाले संगठनों को प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने के निर्देश दें। प्रीपेेड स्मार्ट मीटर लगाए जाने के बाद यह उम्मीद की जा रही है कि इससे बिजली वितरण कंपनियों के वित्तीय हालतों में सुधार हो सकेगा।
जितना पैसा उतनी बिजली
प्रीपेड मीटर ठीक उसी तरह से काम करता है जैसे प्रीपेड मोबाइल। मतलब जितना पैसा उतनी बिजली। हालांकि देश के कई हिस्सों में प्रीपेड मीटर का इस्तेमाल अभी हो रहा है। जिसे रिचार्ज करना होता है। केंद्र सरकार के दफ्तरों में प्रीपेड मीटर लगने के बाद इसे देश भर में लागू किया जाएगा। सभी बिजली उपभोक्ताओं के घरों में प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगा दिए जाएंगे।
दरअसल, इस योजना के तहत चरणबद्ध तरीके से कृषि उपभोक्ताओं को छोड़कर सभी बिजली उपभोक्ताओं के लिए प्रीपेड स्मार्ट मीटर की व्यवस्था करना है। केंद्र और राज्य सरकारों के सभी विभागों सहित शहरी और ग्रामीण स्थानीय निकाय और सरकारी बोर्ड और निगमों में प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने को प्राथमिकता दी जाएगी। इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि सरकारी विभाग इसके लिए उचित बजट रखें और बिजली सेवाओं का जब भी उपयोग करें उसका भुगतान करें।
बकाया भुगतान करने में मदद मिलेगी
इससे उनके अपने विभागों द्वारा बकाया बिजली बिलों का भुगतान करने में मदद मिलेगी। बताया जा रहा है कि अभी प्रदेश भर में ऐेसे बहुत से कार्यालय और निकाय ऐसे हैं जिन पर बिजली कंपनियों का काफी बकाया पड़ा है। प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाए जाने के बाद बिजली कंपनियों का बकाया नहीं रहेगा और उनकी वित्तीय हालत में सुधार की संभावनाएं काफी बढ़ जाएंगी।
बीकानेर। बिजली कंपनियों की वित्तीय हालत सुधारने के लिए अब प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने की तैयारी की जा रही है। शुरुआत में सभी प्रशासनिक कार्यालयों में प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। बाद में आम उपभोक्ताओं को भी इससे जोड़ा जाएगा।
मिली जानकारी के अनुसार अभी हाल ही में बिजली मंत्रालय की ओर से सरकार के सभी केन्द्रीय मंत्रालयों को इस बारे में सलाह दी गई है कि वो अपने प्रशासनिक नियंत्रण वाले संगठनों को प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने के निर्देश दें। प्रीपेेड स्मार्ट मीटर लगाए जाने के बाद यह उम्मीद की जा रही है कि इससे बिजली वितरण कंपनियों के वित्तीय हालतों में सुधार हो सकेगा।
जितना पैसा उतनी बिजली
प्रीपेड मीटर ठीक उसी तरह से काम करता है जैसे प्रीपेड मोबाइल। मतलब जितना पैसा उतनी बिजली। हालांकि देश के कई हिस्सों में प्रीपेड मीटर का इस्तेमाल अभी हो रहा है। जिसे रिचार्ज करना होता है। केंद्र सरकार के दफ्तरों में प्रीपेड मीटर लगने के बाद इसे देश भर में लागू किया जाएगा। सभी बिजली उपभोक्ताओं के घरों में प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगा दिए जाएंगे।
दरअसल, इस योजना के तहत चरणबद्ध तरीके से कृषि उपभोक्ताओं को छोड़कर सभी बिजली उपभोक्ताओं के लिए प्रीपेड स्मार्ट मीटर की व्यवस्था करना है। केंद्र और राज्य सरकारों के सभी विभागों सहित शहरी और ग्रामीण स्थानीय निकाय और सरकारी बोर्ड और निगमों में प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने को प्राथमिकता दी जाएगी। इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि सरकारी विभाग इसके लिए उचित बजट रखें और बिजली सेवाओं का जब भी उपयोग करें उसका भुगतान करें।
बकाया भुगतान करने में मदद मिलेगी
इससे उनके अपने विभागों द्वारा बकाया बिजली बिलों का भुगतान करने में मदद मिलेगी। बताया जा रहा है कि अभी प्रदेश भर में ऐेसे बहुत से कार्यालय और निकाय ऐसे हैं जिन पर बिजली कंपनियों का काफी बकाया पड़ा है। प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाए जाने के बाद बिजली कंपनियों का बकाया नहीं रहेगा और उनकी वित्तीय हालत में सुधार की संभावनाएं काफी बढ़ जाएंगी।
RELATED ARTICLES
15 February 2022 11:26 AM
© Copyright 2021-2025, All Rights Reserved by Jogsanjog Times| Designed by amoadvisor.com