20 May 2021 11:37 AM

जोग संजोग टाइम्स
जोधपुर. कोरोना की पहली लहर बच्चों को छू तक नहीं पाई थी लेकिन दूसरी लहर बुजुर्गों, युवाओं से होते हुए बच्चों तक पहुंच रही है। शहर के विभिन्न शिशु रोग विशेषज्ञों और सरकारी व निजी अस्पताल की ओपीडी में हर दूसरे बच्चे में कोविड-19 के लक्षण दिखाई दे रहे हैं और जांच में वे पॉजिटिव भी मिल रहे हैं। फिलहाल अच्छी बात यह है कि बच्चे दो-तीन दिन में ओपीडी में ही दवाइयां लिखने से ठीक हो रहे हैं। बच्चों में कोरोना अधिक घातक नहीं हो रहा है और न ही उनमें ऑक्सीजन की कमी हो रही है। ऐसे में बहुत कम बच्चों को भर्ती करना पड़ा है। शहर में अब तक करीब 30 बच्चों को ही एम्स, एमडीएम अस्पताल की जनाना विंग, उम्मेद अस्पताल और एक दर्जन से अधिक विभिन्न निजी अस्पतालों में भर्ती करने की जरुरत पड़ी, लेकिन ये बच्चे भी दो दिन में ही स्वस्थ होकर घर लौट गए। उधर विशेषज्ञों द्वारा तीसरी लहर में बच्चों के चपेट में आने की आशंका जताने के बाद डॉक्टरों ने अभिभावकों को सावधान रहने की सलाह दी है।
घरवाले पॉजिटिव, टेस्ट में बच्चे भी पॉजिटिव अब तक जितने भी बच्चे कोविड-19 पॉजिटिव मिले हैं, उसमें से 70 फीसदी से अधिक बच्चे ऐसे थे, जिनके घर में माता-पिता अथवा दादा-दादी में से कोई पॉजिटिव था। शेष किशोर बच्चों (टीनिएज) ने अपने दोस्तों के साथ एक-दूसरे को वायरस का आदान-प्रदान किया। किशोर बच्चे या तो मास्क लगाते नहीं है। लगा भी रहे हैं तो उनकी नाक खुली रहती है।
जोग संजोग टाइम्स
जोधपुर. कोरोना की पहली लहर बच्चों को छू तक नहीं पाई थी लेकिन दूसरी लहर बुजुर्गों, युवाओं से होते हुए बच्चों तक पहुंच रही है। शहर के विभिन्न शिशु रोग विशेषज्ञों और सरकारी व निजी अस्पताल की ओपीडी में हर दूसरे बच्चे में कोविड-19 के लक्षण दिखाई दे रहे हैं और जांच में वे पॉजिटिव भी मिल रहे हैं। फिलहाल अच्छी बात यह है कि बच्चे दो-तीन दिन में ओपीडी में ही दवाइयां लिखने से ठीक हो रहे हैं। बच्चों में कोरोना अधिक घातक नहीं हो रहा है और न ही उनमें ऑक्सीजन की कमी हो रही है। ऐसे में बहुत कम बच्चों को भर्ती करना पड़ा है। शहर में अब तक करीब 30 बच्चों को ही एम्स, एमडीएम अस्पताल की जनाना विंग, उम्मेद अस्पताल और एक दर्जन से अधिक विभिन्न निजी अस्पतालों में भर्ती करने की जरुरत पड़ी, लेकिन ये बच्चे भी दो दिन में ही स्वस्थ होकर घर लौट गए। उधर विशेषज्ञों द्वारा तीसरी लहर में बच्चों के चपेट में आने की आशंका जताने के बाद डॉक्टरों ने अभिभावकों को सावधान रहने की सलाह दी है।
घरवाले पॉजिटिव, टेस्ट में बच्चे भी पॉजिटिव अब तक जितने भी बच्चे कोविड-19 पॉजिटिव मिले हैं, उसमें से 70 फीसदी से अधिक बच्चे ऐसे थे, जिनके घर में माता-पिता अथवा दादा-दादी में से कोई पॉजिटिव था। शेष किशोर बच्चों (टीनिएज) ने अपने दोस्तों के साथ एक-दूसरे को वायरस का आदान-प्रदान किया। किशोर बच्चे या तो मास्क लगाते नहीं है। लगा भी रहे हैं तो उनकी नाक खुली रहती है।
RELATED ARTICLES
11 February 2022 04:38 PM
© Copyright 2021-2025, All Rights Reserved by Jogsanjog Times| Designed by amoadvisor.com