25 March 2023 12:29 PM
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर ,
बीकानेर के लूणकरनसर में बर्फ ऐसे गिर रही है, जैसे ये पश्चिमी राजस्थान के बजाय कश्मीर का कोई हिस्सा हो। पिछले बीस दिन में तीन बार हुई बर्फबारी ने मौसम भले ही सुहाना कर दिया है लेकिन किसान की हालत खराब कर दी है। हालात ये है कि चने और सरसो की करीब अस्सी फीसदी फसल खराब हो गई है, उधार के रुपयों से खेती करने वाले किसान को कमाई तो दूर उधारी चुकता करने के लिए फिर उधार लेनी पड़ सकती है।
लूणकरनसर के गांव में ओले गिरने से पूरा खेत ही सफेद चादर में लिपट गया।
लूणकरणसर उपखंड क्षेत्र कई गांवों में शुक्रवार को फिर ओलावृष्टि हुई है। शनिवार सुबह कोहरा ऐसे छाया हुआ था, जैसे दिसम्बर के अंतिम दिन चल रहे हों। शुक्रवार को खेतों में ओलों की चादर बिछ गई। कोई पांच-सात मिनट ओलावृष्टि नहीं हुई, बल्कि तब तक आसमान से बर्फ गिरती रही, जब तक किसान के खेत में सफेद चादर ना बिछ गई। बेर के आकार के ओलों से खेत सफेद नजर आए। इसी कारण फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई। बारिश और फिर ओलों के गिरने से फसलों को नुकसान पहुंचा है।
राजपुरा व मनाफरसर ओलावृष्टि का केन्द्र बिंदु रहा। हालांकि टयूबवेल व नहरी क्षेत्र में अनेकों गांवों व चकों में कम ज्यादा ओले गिरने के समाचार है वहीं दर्जनों गांवों में बारिश हुई है।इससे दो दिन पहले खोखराणा-खियेरा,धीरेरा पंचायतों के गांवों में ओलावृष्टि हुई थी।
बेर की आकार के ये ओले फसल पर गिरे तो पूरी फसल को नष्ट कर दिया।
इन गांवों में किसान की फसल बर्बाद
क्षेत्र के मनाफरसर,राजपुरा हुड्डान, करणीसर, तेजाणा,आर.डी 280 समेत करीब आधा दर्जन गांवों में फसलों को नुकसान पहुंचा है। गेहूं ,चना और जौ की फसल के साथ ही सरसों की फसल को भी नुकसान पहुंचाया है।
किसानों ने की मुआवजे की मांग
अचानक से मौसम में बदलाव आने और फसलों में नुकसान होने से किसान चिंतित और परेशान है। किसान अब राज्य सरकार से मुआवजे की मांग कर रहे हैं।
खेत में जहां नजर जाती, वहीं ओले नजर आते।
किसानों ने ये कहा
ओले गिरने पर राजपुरा के किसान माणकचंद हुड्डा ने कहा कि सरसों की फसल को नुकसान पहुंचा है। बेर के आकार के ओले गिरने से सरसों की फलियों के दाने बिखर गए। वहीं मनाफरसर के किसान लेखराम का कहना है कि ओलो की बारिश से फसल नुकसान पहुंचा है। गेंहू की फसल आड़ी पड़ गई है। दाने काले पड़ने का डर है। वहीं जौ, चना और सरसों की फसल को भी नुकसान हुआ हैं। ऐसे में राज्य सरकार को गिरदावरी करवाकर मुआवजा दिलवाना चाहिए।
ऐसे खराब हुई फसल
दरअसल, चने की फसल पानी में भीगे रहने के कारण खराब हो गई। चना खराब होने के बाद बाजार में बेचना तो दूर पशुओं को खिलाने लायक भी नहीं रहता है। ऐसा ही हाल लूणकरनसर में किसानों का हुआ है। इसी तरह सरसों की फसल पर ओले इतने गिरे कि पौधे ही टूट गए। ऐसे में सरसों की फसल खराब हुई।
प्रशासन करा रहा गिरदावरी
उधर, जिला प्रशासन ने खराब हुई फसल की रिपोर्ट लेना शुरू कर दिया है। पता लगाया जा रहा है कि किस क्षेत्र में कितनी और कौनसी फसल बर्बाद हुई है। इसी रिपोर्ट के आधार पर किसान को आगे मुआवजा दिया जा सकता है। फिलहाल फसलों की गिरदावरी की जा रही है।
सुबह कोहरे का दृश्य, अभी धूप नहीं
लूणकरनसर में मौसम ने ऐसा पलटा खाया है कि शनिवार सुबह मुख्य मार्गों पर कोहरा रहा। खेतों में कोहरे के कारण साफ दिखाई नहीं दिया। कोहरे के चलते भारी वाहनों की स्पीड कम रही। उधर, सुबह दस बजे तक भी लूणकरनसर में धूप नजर नहीं आई।
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर ,
बीकानेर के लूणकरनसर में बर्फ ऐसे गिर रही है, जैसे ये पश्चिमी राजस्थान के बजाय कश्मीर का कोई हिस्सा हो। पिछले बीस दिन में तीन बार हुई बर्फबारी ने मौसम भले ही सुहाना कर दिया है लेकिन किसान की हालत खराब कर दी है। हालात ये है कि चने और सरसो की करीब अस्सी फीसदी फसल खराब हो गई है, उधार के रुपयों से खेती करने वाले किसान को कमाई तो दूर उधारी चुकता करने के लिए फिर उधार लेनी पड़ सकती है।
लूणकरनसर के गांव में ओले गिरने से पूरा खेत ही सफेद चादर में लिपट गया।
लूणकरणसर उपखंड क्षेत्र कई गांवों में शुक्रवार को फिर ओलावृष्टि हुई है। शनिवार सुबह कोहरा ऐसे छाया हुआ था, जैसे दिसम्बर के अंतिम दिन चल रहे हों। शुक्रवार को खेतों में ओलों की चादर बिछ गई। कोई पांच-सात मिनट ओलावृष्टि नहीं हुई, बल्कि तब तक आसमान से बर्फ गिरती रही, जब तक किसान के खेत में सफेद चादर ना बिछ गई। बेर के आकार के ओलों से खेत सफेद नजर आए। इसी कारण फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई। बारिश और फिर ओलों के गिरने से फसलों को नुकसान पहुंचा है।
राजपुरा व मनाफरसर ओलावृष्टि का केन्द्र बिंदु रहा। हालांकि टयूबवेल व नहरी क्षेत्र में अनेकों गांवों व चकों में कम ज्यादा ओले गिरने के समाचार है वहीं दर्जनों गांवों में बारिश हुई है।इससे दो दिन पहले खोखराणा-खियेरा,धीरेरा पंचायतों के गांवों में ओलावृष्टि हुई थी।
बेर की आकार के ये ओले फसल पर गिरे तो पूरी फसल को नष्ट कर दिया।
इन गांवों में किसान की फसल बर्बाद
क्षेत्र के मनाफरसर,राजपुरा हुड्डान, करणीसर, तेजाणा,आर.डी 280 समेत करीब आधा दर्जन गांवों में फसलों को नुकसान पहुंचा है। गेहूं ,चना और जौ की फसल के साथ ही सरसों की फसल को भी नुकसान पहुंचाया है।
किसानों ने की मुआवजे की मांग
अचानक से मौसम में बदलाव आने और फसलों में नुकसान होने से किसान चिंतित और परेशान है। किसान अब राज्य सरकार से मुआवजे की मांग कर रहे हैं।
खेत में जहां नजर जाती, वहीं ओले नजर आते।
किसानों ने ये कहा
ओले गिरने पर राजपुरा के किसान माणकचंद हुड्डा ने कहा कि सरसों की फसल को नुकसान पहुंचा है। बेर के आकार के ओले गिरने से सरसों की फलियों के दाने बिखर गए। वहीं मनाफरसर के किसान लेखराम का कहना है कि ओलो की बारिश से फसल नुकसान पहुंचा है। गेंहू की फसल आड़ी पड़ गई है। दाने काले पड़ने का डर है। वहीं जौ, चना और सरसों की फसल को भी नुकसान हुआ हैं। ऐसे में राज्य सरकार को गिरदावरी करवाकर मुआवजा दिलवाना चाहिए।
ऐसे खराब हुई फसल
दरअसल, चने की फसल पानी में भीगे रहने के कारण खराब हो गई। चना खराब होने के बाद बाजार में बेचना तो दूर पशुओं को खिलाने लायक भी नहीं रहता है। ऐसा ही हाल लूणकरनसर में किसानों का हुआ है। इसी तरह सरसों की फसल पर ओले इतने गिरे कि पौधे ही टूट गए। ऐसे में सरसों की फसल खराब हुई।
प्रशासन करा रहा गिरदावरी
उधर, जिला प्रशासन ने खराब हुई फसल की रिपोर्ट लेना शुरू कर दिया है। पता लगाया जा रहा है कि किस क्षेत्र में कितनी और कौनसी फसल बर्बाद हुई है। इसी रिपोर्ट के आधार पर किसान को आगे मुआवजा दिया जा सकता है। फिलहाल फसलों की गिरदावरी की जा रही है।
सुबह कोहरे का दृश्य, अभी धूप नहीं
लूणकरनसर में मौसम ने ऐसा पलटा खाया है कि शनिवार सुबह मुख्य मार्गों पर कोहरा रहा। खेतों में कोहरे के कारण साफ दिखाई नहीं दिया। कोहरे के चलते भारी वाहनों की स्पीड कम रही। उधर, सुबह दस बजे तक भी लूणकरनसर में धूप नजर नहीं आई।
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