26 April 2022 04:32 PM
जोग संजोग टाइम्स,
प्रशांत किशोर की कांग्रेस और सहयोगी दलों में एंट्री और उनके फार्मूले पर सुधार करने से पहले ही सवाल उठने लगे हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नजदीकी तकनीकी शिक्षा मंत्री सुभाष गर्ग ने नाम लिए बिना प्रशांत किशोर पर निशाना साधा है। सुभाष गर्ग ने आज सुबह ट्वीट किया- किसी संगठन को मज़बूत व ताकतवर केवल नेतृत्व व कार्यकर्ता ही बना सकते हैं। कोई सलाहकार व सर्विस प्रोवाइडर नहीं। नेतृत्व को चाणक्य की जरूरत है न कि व्यापारी की। गर्ग के इस ट्वीट को प्रशांत किशोर पर हमला माना जा रहा है।
सुभाष गर्ग से जब इस ट्वीट पर पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मायने निकालने के लिए लोग स्वतंत्र हैं। गर्ग ने पीके का नाम नहीं लिया। गर्ग के इस ट्वीट के बाद सियासी हलकों में चर्चाएं शुरू हो गई हैं। सीएम खेमे के मंत्री गर्ग का सलाहकार, सेवा प्रदाता और व्यापारी जैसे शब्द इस्तेमाल करना सीधा प्रशांत किशोर की तरफ इशारा है, क्योंकि हाल के दिनों में राजस्थान में तो ऐसा कोई इशू आया नहीं है। यहां चाणक्य शब्द सीएम अशोक गहलोत के लिए इस्तेमाल किया गया है।
गर्ग का ट्वीट टेस्ट फायर?
सुभाष गर्ग आरएलडी कोटे से गहलोत सरकार में मंत्री हैं। वे लंबे समय से सीएम से जुड़े हुए हैं। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि सीएम खेमे का कोई मंत्री इशारों में बिना किसी सियासी मकसद के ट्वीट नहीं करेगा। जानकार इसे चिंतन शिविर से पहले टेस्ट फायर के तौर पर मान रहे हैं। कांग्रेस में कई वरिष्ठ नेता प्रशांत किशोर के फार्मूले से लेकर उन्हें बड़ी भूमिका दिए जाने से सहमत नहीं है। गर्ग के इस ट्वीट को उन्हीं नेताओं की तरफ से टेस्ट फायर के तौर पर देखा जा रहा है।
विवाद होने पर सफाई की गुंजाइश छोड़ी, इसलिए नाम नहीं लिया
सुभाष गर्ग आरएलडी कोटे से मंत्री हैं, इसलिए कांग्रेस के अनुशासन से बंधे नहीं है। गर्ग ने डिप्लोमेटिक तरीके से बिना नाम लिए हमला बोला है, इसलिए विवाद होने पर यह कहने का रास्ता भी बचता है कि उन्होंने किसी और के लिए यह कहा है। यह पहला मौका नहीं है, जब इशारों में सियासी हमला बोला गया हो। इससे पहले कई नेता इसी तकनीक के जरिए सियासी करंट नापते रहे हैं।
सुभाष गर्ग को सीएम अशोक गहलोत का बेहद नजदीकी माना जाता है।
गहलोत ने कहा था- पीके का बस नाम बड़ा हो गया
20 अप्रैल को सीएम अशोक गहलोत ने दिल्ली दौरे के समय प्रशांत किशोर को प्रोफेशनल सलाहकार बताया था। सोनिया गांधी से मिलने से पहले सीएम अशोक गहलोत ने दिल्ली में प्रशांत किशोर की कांग्रेस में भूमिका को लेकर पूछे सवाल पर कहा था कि पीके 2014 के अंदर पार्लियामेंट में मोदी जी के साथ थे, फिर वो नीतीश जी के साथ गए, फिर वो पंजाब में कांग्रेस के साथ गए। ये तो एक प्रोफेशनल काम है। हम लोग भी लगातार ऐसी एजेंसियों या एक्सपर्ट्स से राय लेते रहते हैं। पीके का बस नाम बड़ा हो गया तो वो चर्चा में आ गया। इतना मैं मानता हूं। कई एजेंसियां और भी हैं। उनसे भी संपर्क होते रहते हैं।
गर्ग के ट्वीट पर कई यूजर्स ने किए तल्ख कमेंट
जोग संजोग टाइम्स,
प्रशांत किशोर की कांग्रेस और सहयोगी दलों में एंट्री और उनके फार्मूले पर सुधार करने से पहले ही सवाल उठने लगे हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नजदीकी तकनीकी शिक्षा मंत्री सुभाष गर्ग ने नाम लिए बिना प्रशांत किशोर पर निशाना साधा है। सुभाष गर्ग ने आज सुबह ट्वीट किया- किसी संगठन को मज़बूत व ताकतवर केवल नेतृत्व व कार्यकर्ता ही बना सकते हैं। कोई सलाहकार व सर्विस प्रोवाइडर नहीं। नेतृत्व को चाणक्य की जरूरत है न कि व्यापारी की। गर्ग के इस ट्वीट को प्रशांत किशोर पर हमला माना जा रहा है।
सुभाष गर्ग से जब इस ट्वीट पर पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मायने निकालने के लिए लोग स्वतंत्र हैं। गर्ग ने पीके का नाम नहीं लिया। गर्ग के इस ट्वीट के बाद सियासी हलकों में चर्चाएं शुरू हो गई हैं। सीएम खेमे के मंत्री गर्ग का सलाहकार, सेवा प्रदाता और व्यापारी जैसे शब्द इस्तेमाल करना सीधा प्रशांत किशोर की तरफ इशारा है, क्योंकि हाल के दिनों में राजस्थान में तो ऐसा कोई इशू आया नहीं है। यहां चाणक्य शब्द सीएम अशोक गहलोत के लिए इस्तेमाल किया गया है।
गर्ग का ट्वीट टेस्ट फायर?
सुभाष गर्ग आरएलडी कोटे से गहलोत सरकार में मंत्री हैं। वे लंबे समय से सीएम से जुड़े हुए हैं। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि सीएम खेमे का कोई मंत्री इशारों में बिना किसी सियासी मकसद के ट्वीट नहीं करेगा। जानकार इसे चिंतन शिविर से पहले टेस्ट फायर के तौर पर मान रहे हैं। कांग्रेस में कई वरिष्ठ नेता प्रशांत किशोर के फार्मूले से लेकर उन्हें बड़ी भूमिका दिए जाने से सहमत नहीं है। गर्ग के इस ट्वीट को उन्हीं नेताओं की तरफ से टेस्ट फायर के तौर पर देखा जा रहा है।
विवाद होने पर सफाई की गुंजाइश छोड़ी, इसलिए नाम नहीं लिया
सुभाष गर्ग आरएलडी कोटे से मंत्री हैं, इसलिए कांग्रेस के अनुशासन से बंधे नहीं है। गर्ग ने डिप्लोमेटिक तरीके से बिना नाम लिए हमला बोला है, इसलिए विवाद होने पर यह कहने का रास्ता भी बचता है कि उन्होंने किसी और के लिए यह कहा है। यह पहला मौका नहीं है, जब इशारों में सियासी हमला बोला गया हो। इससे पहले कई नेता इसी तकनीक के जरिए सियासी करंट नापते रहे हैं।
सुभाष गर्ग को सीएम अशोक गहलोत का बेहद नजदीकी माना जाता है।
गहलोत ने कहा था- पीके का बस नाम बड़ा हो गया
20 अप्रैल को सीएम अशोक गहलोत ने दिल्ली दौरे के समय प्रशांत किशोर को प्रोफेशनल सलाहकार बताया था। सोनिया गांधी से मिलने से पहले सीएम अशोक गहलोत ने दिल्ली में प्रशांत किशोर की कांग्रेस में भूमिका को लेकर पूछे सवाल पर कहा था कि पीके 2014 के अंदर पार्लियामेंट में मोदी जी के साथ थे, फिर वो नीतीश जी के साथ गए, फिर वो पंजाब में कांग्रेस के साथ गए। ये तो एक प्रोफेशनल काम है। हम लोग भी लगातार ऐसी एजेंसियों या एक्सपर्ट्स से राय लेते रहते हैं। पीके का बस नाम बड़ा हो गया तो वो चर्चा में आ गया। इतना मैं मानता हूं। कई एजेंसियां और भी हैं। उनसे भी संपर्क होते रहते हैं।
गर्ग के ट्वीट पर कई यूजर्स ने किए तल्ख कमेंट
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14 April 2022 09:05 PM
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