12 August 2023 01:11 PM
जोग संजोग टाइम्स,
बीकानेर की जयनारायण व्यास कॉलोनी में एक युवक की हत्या के मामले में उसकी प्रेमिका का मामला सामने आया है. बताया जा रहा है कि लड़की से बातचीत को लेकर दोनों पक्षों के बीच टकराव हुआ, जिसके बाद बातचीत के लिए चाय की दुकान पर जमावड़ा लग गया। इसी दौरान उनके बीच बहस बढ़ गई और चाकूबाजी की घटना में बदल गई. गुस्सा इस हद तक बढ़ गया कि यश ओझा को चाकू से कई वार के कारण अपनी जान गंवानी पड़ी। इस घटना में एक नाबालिग भी शामिल था, जिसे पुलिस ने छोड़ दिया है, जबकि तीन अन्य को गिरफ्तार कर लिया गया है.
यश ओझा के भाई जितेश ओझा ने थाने में अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करायी है. घटनास्थल पर सीसीटीवी फुटेज मौजूद है, जिसके आधार पर पुलिस ने चार लोगों से पूछताछ की. नाबालिग को कम उम्र के कारण छोड़ दिया गया, जबकि अन्य तीन को हिरासत में ले लिया गया। अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया गया क्योंकि यश का परिवार इन लड़कों को नहीं जानता था। वीडियो सामने आने के बाद पुलिस ने पूछताछ की और उनकी पहचान की. उन्हें हिरासत में लिया गया है, और गिरफ्तारी आसन्न है।
बताया जाता है कि यश ओझा की गर्लफ्रेंड को एक अनजान युवक के मैसेज आ रहे थे, जिस पर यश को आपत्ति थी. जब उन्होंने बात नहीं मानी तो मामले को सुलझाने के लिए पंडारपुरी चाय की दुकान पर उनके बीच बातचीत तय की गई। इसी बातचीत के दौरान एक पक्ष आक्रामक हो गया, जिससे हिंसक झड़प हो गई और चाकूबाजी हो गई। इस दौरान यश को एक घातक घाव लग गया, जिससे उसकी मौत हो गई। चाय की दुकान पर खून-खराबे का भयावह मंजर देखा गया.
दस बजे का नियम
दस बजे तक सभी दुकानें बंद करने का नियम है, लेकिन बीकानेर में इस नियम की पालना नहीं हो रही है. जयनारायण व्यास कॉलोनी में ही नहीं बल्कि शहर के कई इलाकों में देर रात तक दुकानें खुली रहती हैं, जहां लोग नशीले पदार्थ बेचते हैं और मादक द्रव्यों का सेवन करते हैं। इन क्षेत्रों में जयनारायण व्यास कॉलोनी, पंचसती सर्कल, कीर्ति स्तंभ, व्यास कॉलोनी मूर्ति सर्कल, पवनपुरी मुख्य बाजार, उरमूल सर्कल, जस्सूसर गेट अंदर और बाहर, मुक्ता प्रसाद नगर, बंगला नगर, रामपुरा बस्ती, जसोलाई तलाई, दम्मामी चौक और नट्टूसर गेट शामिल हैं। अंदर और बाहर। इन इलाकों में चाय की दुकानों पर रात एक बजे तक भीड़ जमा रहती है.
पिता दुकान पर काम करते हैं
यश ओझा गंगाशहर में रहते थे. उनके पिता, संजय कुमार ओझा, एक साधारण पृष्ठभूमि से आते हैं और सड़क किनारे एक दुकान पर काम करते हैं। वे जैसे-तैसे अपनी गृहस्थी संभाल रहे थे और इसी बीच इस घटना के बाद पूरा परिवार सदमे में है।
जोग संजोग टाइम्स,
बीकानेर की जयनारायण व्यास कॉलोनी में एक युवक की हत्या के मामले में उसकी प्रेमिका का मामला सामने आया है. बताया जा रहा है कि लड़की से बातचीत को लेकर दोनों पक्षों के बीच टकराव हुआ, जिसके बाद बातचीत के लिए चाय की दुकान पर जमावड़ा लग गया। इसी दौरान उनके बीच बहस बढ़ गई और चाकूबाजी की घटना में बदल गई. गुस्सा इस हद तक बढ़ गया कि यश ओझा को चाकू से कई वार के कारण अपनी जान गंवानी पड़ी। इस घटना में एक नाबालिग भी शामिल था, जिसे पुलिस ने छोड़ दिया है, जबकि तीन अन्य को गिरफ्तार कर लिया गया है.
यश ओझा के भाई जितेश ओझा ने थाने में अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करायी है. घटनास्थल पर सीसीटीवी फुटेज मौजूद है, जिसके आधार पर पुलिस ने चार लोगों से पूछताछ की. नाबालिग को कम उम्र के कारण छोड़ दिया गया, जबकि अन्य तीन को हिरासत में ले लिया गया। अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया गया क्योंकि यश का परिवार इन लड़कों को नहीं जानता था। वीडियो सामने आने के बाद पुलिस ने पूछताछ की और उनकी पहचान की. उन्हें हिरासत में लिया गया है, और गिरफ्तारी आसन्न है।
बताया जाता है कि यश ओझा की गर्लफ्रेंड को एक अनजान युवक के मैसेज आ रहे थे, जिस पर यश को आपत्ति थी. जब उन्होंने बात नहीं मानी तो मामले को सुलझाने के लिए पंडारपुरी चाय की दुकान पर उनके बीच बातचीत तय की गई। इसी बातचीत के दौरान एक पक्ष आक्रामक हो गया, जिससे हिंसक झड़प हो गई और चाकूबाजी हो गई। इस दौरान यश को एक घातक घाव लग गया, जिससे उसकी मौत हो गई। चाय की दुकान पर खून-खराबे का भयावह मंजर देखा गया.
दस बजे का नियम
दस बजे तक सभी दुकानें बंद करने का नियम है, लेकिन बीकानेर में इस नियम की पालना नहीं हो रही है. जयनारायण व्यास कॉलोनी में ही नहीं बल्कि शहर के कई इलाकों में देर रात तक दुकानें खुली रहती हैं, जहां लोग नशीले पदार्थ बेचते हैं और मादक द्रव्यों का सेवन करते हैं। इन क्षेत्रों में जयनारायण व्यास कॉलोनी, पंचसती सर्कल, कीर्ति स्तंभ, व्यास कॉलोनी मूर्ति सर्कल, पवनपुरी मुख्य बाजार, उरमूल सर्कल, जस्सूसर गेट अंदर और बाहर, मुक्ता प्रसाद नगर, बंगला नगर, रामपुरा बस्ती, जसोलाई तलाई, दम्मामी चौक और नट्टूसर गेट शामिल हैं। अंदर और बाहर। इन इलाकों में चाय की दुकानों पर रात एक बजे तक भीड़ जमा रहती है.
पिता दुकान पर काम करते हैं
यश ओझा गंगाशहर में रहते थे. उनके पिता, संजय कुमार ओझा, एक साधारण पृष्ठभूमि से आते हैं और सड़क किनारे एक दुकान पर काम करते हैं। वे जैसे-तैसे अपनी गृहस्थी संभाल रहे थे और इसी बीच इस घटना के बाद पूरा परिवार सदमे में है।
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