05 March 2023 01:57 PM
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर ,
बीकानेर के डॉ. करणी सिंह स्टेडियम में चल रहा राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव अब अपने अंतिम चरण में है। शनिवार को कवि सम्मेलन, सूफी गायन, कत्थक नृत्य जैसी अनेक रंगारंग प्रस्तुतियों के बाद रविवार को भी अनेक आयोजन होगे।
उस्मान मीर ने मन मोहा
उस्मान मीर के भजनों ने मन मोह लिया।
शनिवार रात सूफी गायक उस्मान मीर ने अपने सुरों से श्रीकृष्ण को मंच पर साकार कर दिया। उन्होंने जैसे ही बांसुरी पर दो बैरन भाई काहे हमें दुख देत... शुरू किया, वैसे ही स्टेडियम तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। उन्होंने श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम... गाने में बीकानेर में वृंदावन का एहसास करा दिया। प्रेम की माला रंग दे गाने ने श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर दिया। उन्होंने "है जिंदगी कितनी खूबसूरत... से श्रोताओं का मन मोह लिया। अमीर में जब एक राधा एक मीरा भजन गाया तो तमाम शामियान पर मानो श्याम का रंग सर चढ़कर बोला। मीर ने अपने सुरों की साधना से स्टेडियम में कृष्ण की आराधना को सजीव कर दिया।
केंद्रीय राज्य मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने होली से जुड़े कार्यक्रम का लुत्फ उठाया।
खूब जमा संस्कृति के रंग, होली के संग का रंग
शनिवार रात ही 'संस्कृति के रंग होली के संग' कार्यक्रम में भगवान जगन्नाथ की होली को साकार करता ओडिशा का गोटीपुआ नृत्य, महाराष्ट्र की मस्ती, उमंग और लावण्यता को दर्शाता लावणी डांस, असम का लोक नृत्य बीहू, गुजरात के आदिवासी क्षेत्रों में होली के दौरान कई दिन तक चलने वाला राठवा डांस, हरियाणा का फाग नृत्य, गुजरात का मणिहारो रास जैसी प्रस्तुतियों ने होली की उमंग बढ़ा दी। इनके साथ ही शोखावाटी अंचल का चंग नृत्य, बाड़मेर और जालोर की गेर, आंगी गेर, ब्रज की होली जैसी पेशकश से होली का रंग दर्शकों के सिर चढ़कर बोला। इतना ही नहीं, राजस्थान का चरी नृत्य, पंजाब का भांगड़ा डांस भी होली की मस्ती को द्विगुणित कर दिया।
इस दौरान कृष्ण और राधा संग फूलों की होली खेली गई।
रविवार को भी जमेगा रंग
इन सभी नृत्यों और धमाकेदार प्रस्तुतियों के साथ ही रविवार को भी जब मंच पर दो क्विंटल फूलों से होली खेली जाएगी, तब दर्शकों के मन का मयूर नाच उठेगा, होली की मस्ती में झूम उठेगा।
अलग अलग प्रदेशों से आए कलाकारों ने एक के बाद एक शानदार प्रस्तुति दी।
भारतीय संस्कृति का मूल तत्व है अद्वैत: नन्दितेश निलय
विचारक, लेखक एवं चिंतक नन्दितेश निलय ने कहा कि भारतीय संस्कृति का मूल तत्व अद्वैत है अर्थात सब एक हैं, समान है। हमारे सांस्कृतिक मूल्य सद्भाव, सदाचार और प्रेम का संदेश देते हैं। इसी विचार को हम आत्मसात कर आगे बढ़ेंगे और समूचे विश्व का मार्गदर्शन करेंगे। वे डॉ. करणी सिंह स्टेडियम में चल रहे राष्ट्रीय संस्कति महोत्सव में शनिवार शाम भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों पर आधारित व्याख्यान दे रहे थे। उन्होंने सभ्यता और संस्कृति का परिचय देते हुए समाज के मूल्यों की ओर इशारा किया। सभ्यता वो सब कुछ है, जो हमने हासिल किया, और इसमें व्याप्त भाव ही संस्कृति है। अगर हमने शिक्षा हासिल की तो हमारा व्यवहार और मूल्य ही हमारी संस्कृति है। आज हमने तकनीक को हासिल किया है, फोन, लैपटॉप, सब कुछ हासिल किया है पर हम उसको जैसे प्रयोग में लाते हैं।
इस दौरान राजस्थान के कलाकारों ने भी परंपरागत लोक नृत्य पेश किया।
आज आएंगे केंद्रीय मंत्री रूपाला
केंद्रीय मत्स्य एवं पशुपालन मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला रविवार को राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव में आएंगे। रूपाला रविवार शाम शाम 5.20 बजे डॉ. करणी सिंह स्टेडियम में चल रहे राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव में पहुंचेंगे। इससे पूर्व वे सुबह 11 बजे बीकानेर एयरपोर्ट पर उतरेंगे।
पंजाबी कलाकारों ने भंगड़ा किया तो हर कोई झूम उठा।
रविवार के कार्यक्रम : डॉ. करणी सिंह स्टेडियम, बीकानेर
शाम 6.30 बजे — होली पर कॉन्सर्ट
कलाकार: रश्मि अग्रवाल, सुभद्रा देसाई, विद्या देसाई
शाम 7.30 बजे — होली कॉन्सर्ट— पद्मश्री सोमा घोष
शाम 8.00 बजे — 'संस्कृति के रंग होली के संग' की प्रस्तुति
शाम 8.50 बजे — सलमान अली का सूफी गायन
कुछ कलाकारों की प्रस्तुति से हर कोई हतप्रभ था। लय और ताल पर सबके कदम एक साथ थिरक रहे थे।
अंतरराष्ट्रीय कथक नृत्यांगना वीणा जोशी के साथ स्थानीय कलाकारों ने भी प्रस्तुति दी। स्कूली छात्रा दिव्यांशी व्यास भी मंच पर नजर आई।
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर ,
बीकानेर के डॉ. करणी सिंह स्टेडियम में चल रहा राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव अब अपने अंतिम चरण में है। शनिवार को कवि सम्मेलन, सूफी गायन, कत्थक नृत्य जैसी अनेक रंगारंग प्रस्तुतियों के बाद रविवार को भी अनेक आयोजन होगे।
उस्मान मीर ने मन मोहा
उस्मान मीर के भजनों ने मन मोह लिया।
शनिवार रात सूफी गायक उस्मान मीर ने अपने सुरों से श्रीकृष्ण को मंच पर साकार कर दिया। उन्होंने जैसे ही बांसुरी पर दो बैरन भाई काहे हमें दुख देत... शुरू किया, वैसे ही स्टेडियम तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। उन्होंने श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम... गाने में बीकानेर में वृंदावन का एहसास करा दिया। प्रेम की माला रंग दे गाने ने श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर दिया। उन्होंने "है जिंदगी कितनी खूबसूरत... से श्रोताओं का मन मोह लिया। अमीर में जब एक राधा एक मीरा भजन गाया तो तमाम शामियान पर मानो श्याम का रंग सर चढ़कर बोला। मीर ने अपने सुरों की साधना से स्टेडियम में कृष्ण की आराधना को सजीव कर दिया।
केंद्रीय राज्य मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने होली से जुड़े कार्यक्रम का लुत्फ उठाया।
खूब जमा संस्कृति के रंग, होली के संग का रंग
शनिवार रात ही 'संस्कृति के रंग होली के संग' कार्यक्रम में भगवान जगन्नाथ की होली को साकार करता ओडिशा का गोटीपुआ नृत्य, महाराष्ट्र की मस्ती, उमंग और लावण्यता को दर्शाता लावणी डांस, असम का लोक नृत्य बीहू, गुजरात के आदिवासी क्षेत्रों में होली के दौरान कई दिन तक चलने वाला राठवा डांस, हरियाणा का फाग नृत्य, गुजरात का मणिहारो रास जैसी प्रस्तुतियों ने होली की उमंग बढ़ा दी। इनके साथ ही शोखावाटी अंचल का चंग नृत्य, बाड़मेर और जालोर की गेर, आंगी गेर, ब्रज की होली जैसी पेशकश से होली का रंग दर्शकों के सिर चढ़कर बोला। इतना ही नहीं, राजस्थान का चरी नृत्य, पंजाब का भांगड़ा डांस भी होली की मस्ती को द्विगुणित कर दिया।
इस दौरान कृष्ण और राधा संग फूलों की होली खेली गई।
रविवार को भी जमेगा रंग
इन सभी नृत्यों और धमाकेदार प्रस्तुतियों के साथ ही रविवार को भी जब मंच पर दो क्विंटल फूलों से होली खेली जाएगी, तब दर्शकों के मन का मयूर नाच उठेगा, होली की मस्ती में झूम उठेगा।
अलग अलग प्रदेशों से आए कलाकारों ने एक के बाद एक शानदार प्रस्तुति दी।
भारतीय संस्कृति का मूल तत्व है अद्वैत: नन्दितेश निलय
विचारक, लेखक एवं चिंतक नन्दितेश निलय ने कहा कि भारतीय संस्कृति का मूल तत्व अद्वैत है अर्थात सब एक हैं, समान है। हमारे सांस्कृतिक मूल्य सद्भाव, सदाचार और प्रेम का संदेश देते हैं। इसी विचार को हम आत्मसात कर आगे बढ़ेंगे और समूचे विश्व का मार्गदर्शन करेंगे। वे डॉ. करणी सिंह स्टेडियम में चल रहे राष्ट्रीय संस्कति महोत्सव में शनिवार शाम भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों पर आधारित व्याख्यान दे रहे थे। उन्होंने सभ्यता और संस्कृति का परिचय देते हुए समाज के मूल्यों की ओर इशारा किया। सभ्यता वो सब कुछ है, जो हमने हासिल किया, और इसमें व्याप्त भाव ही संस्कृति है। अगर हमने शिक्षा हासिल की तो हमारा व्यवहार और मूल्य ही हमारी संस्कृति है। आज हमने तकनीक को हासिल किया है, फोन, लैपटॉप, सब कुछ हासिल किया है पर हम उसको जैसे प्रयोग में लाते हैं।
इस दौरान राजस्थान के कलाकारों ने भी परंपरागत लोक नृत्य पेश किया।
आज आएंगे केंद्रीय मंत्री रूपाला
केंद्रीय मत्स्य एवं पशुपालन मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला रविवार को राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव में आएंगे। रूपाला रविवार शाम शाम 5.20 बजे डॉ. करणी सिंह स्टेडियम में चल रहे राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव में पहुंचेंगे। इससे पूर्व वे सुबह 11 बजे बीकानेर एयरपोर्ट पर उतरेंगे।
पंजाबी कलाकारों ने भंगड़ा किया तो हर कोई झूम उठा।
रविवार के कार्यक्रम : डॉ. करणी सिंह स्टेडियम, बीकानेर
शाम 6.30 बजे — होली पर कॉन्सर्ट
कलाकार: रश्मि अग्रवाल, सुभद्रा देसाई, विद्या देसाई
शाम 7.30 बजे — होली कॉन्सर्ट— पद्मश्री सोमा घोष
शाम 8.00 बजे — 'संस्कृति के रंग होली के संग' की प्रस्तुति
शाम 8.50 बजे — सलमान अली का सूफी गायन
कुछ कलाकारों की प्रस्तुति से हर कोई हतप्रभ था। लय और ताल पर सबके कदम एक साथ थिरक रहे थे।
अंतरराष्ट्रीय कथक नृत्यांगना वीणा जोशी के साथ स्थानीय कलाकारों ने भी प्रस्तुति दी। स्कूली छात्रा दिव्यांशी व्यास भी मंच पर नजर आई।
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