17 August 2021 12:42 PM
सरकार ने निजी विद्यालयों के दबाब में आकर एक बार फिर अभिभावकों के लिए संकट पैदा कर दिया है। कई अभिभावक ऐसे थे जिन्होंने पहले ही अपने बच्चों का प्रवेश बिना टीसी के सरकारी स्कूल में प्रवेश कर लिया। उधर निजी विद्यालयों के संचालकों के लिए संकट पैदा हो गये क्योंकि बच्चे बिना टीसी ही अपना प्रवेश करवा रहे थे। लेकिन सरकार ने तुरंत इस पर निर्णय लेते हुए एक बार फिर उसी प्राइवेट स्कूल में जाना होगा, जहां बिना फीस जमा कराये उन्होंने रिश्ता तोड़ लिया था और सरकारी स्कूल में एडमिशन लिया था। दरअसल, शिक्षा विभाग ने अब ञ्जष्ट की अनिवार्यता लागू करने का आदेश निकालकर यूटर्न लिया है। इस निर्णय से एक ओर जहां प्राइवेट स्कूल संचालक खुश है क्योंकि उनकी लाखों रुपए की डूबी हुई फीस वापस आ जायेगी, वहीं पेरेंसट्स परेशान हैं क्योंकि कोरोना के दौर में हुए आर्थिक नुकसान पर ये निर्णय तकलीफ देने वाला है।
सरकार ने निजी विद्यालयों के दबाब में आकर एक बार फिर अभिभावकों के लिए संकट पैदा कर दिया है। कई अभिभावक ऐसे थे जिन्होंने पहले ही अपने बच्चों का प्रवेश बिना टीसी के सरकारी स्कूल में प्रवेश कर लिया। उधर निजी विद्यालयों के संचालकों के लिए संकट पैदा हो गये क्योंकि बच्चे बिना टीसी ही अपना प्रवेश करवा रहे थे। लेकिन सरकार ने तुरंत इस पर निर्णय लेते हुए एक बार फिर उसी प्राइवेट स्कूल में जाना होगा, जहां बिना फीस जमा कराये उन्होंने रिश्ता तोड़ लिया था और सरकारी स्कूल में एडमिशन लिया था। दरअसल, शिक्षा विभाग ने अब ञ्जष्ट की अनिवार्यता लागू करने का आदेश निकालकर यूटर्न लिया है। इस निर्णय से एक ओर जहां प्राइवेट स्कूल संचालक खुश है क्योंकि उनकी लाखों रुपए की डूबी हुई फीस वापस आ जायेगी, वहीं पेरेंसट्स परेशान हैं क्योंकि कोरोना के दौर में हुए आर्थिक नुकसान पर ये निर्णय तकलीफ देने वाला है।
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