23 August 2021 12:02 PM

बीकानेर,जोग संजोग टाइम्स:-निजी स्कूलों द्वारा मनमानी फीस बसूलने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा फैसला दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि निजी स्कूलों को बच्चों से बसूली गई फीस का हिसाब देना होगा। इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अब निजी स्कूलों को छात्रों के पेरेंट्स को बताता होगा कि किस मद में कितनी फीस ले रहे हैं। इसके साथ ही पेरेंट्स की शिकायतों का भी चार हफ्तों में फैसला करने का आदेश दिया गया है। आदेश जागृत पालक संघ की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि अभिभावकों को फीस की जानकारी देने के बाद स्कूलों से जिला शिक्षा समिति को भी इसकी जानकारी लेनी होगा। इसके बाद स्कूल शिक्षा विभाग को इस जानकारी वेबसाईट पर अपलोड करना होगा। इसके लिए केवल दो हफ्ते का समय दिया गया है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर किसी अभिभावक को स्कूल से कोई शिकायत है तो वह जिला शिक्षा समिति के पास अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है। इसके बाद शिक्षा समिति को 4 हफ्तों के अंदर इस शिकायत का निराकरण करना होगा।
सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था मामला…
सुप्रीम कोर्ट में हाल ही में ट्युशन फीस के नाम पर स्कूल संचालकों द्वारा पूरी फीस वसूले जाने का मामला पहुंचा था। इस मामले पर कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कोर्ट ने फैसला दिया है। इस मामले को लेकर इंदौर के जागृत पालक संघ के अध्यक्ष एडवोकेट चंचल गुप्ता और सचिव सचिन माहेश्वरी के साथ अन्य सदस्य सुप्रीम कोर्ट गए थे। इस मामले पर सुनवाई करते हुए यह फैसला लिया गया है। बता दें कि कोरोना महामारी को लेकर लंबे समय से निजी स्कूलों में छात्रों की ऑनलाइन कक्षाएं चलाई जा रही हैं।
बीकानेर,जोग संजोग टाइम्स:-निजी स्कूलों द्वारा मनमानी फीस बसूलने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा फैसला दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि निजी स्कूलों को बच्चों से बसूली गई फीस का हिसाब देना होगा। इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अब निजी स्कूलों को छात्रों के पेरेंट्स को बताता होगा कि किस मद में कितनी फीस ले रहे हैं। इसके साथ ही पेरेंट्स की शिकायतों का भी चार हफ्तों में फैसला करने का आदेश दिया गया है। आदेश जागृत पालक संघ की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि अभिभावकों को फीस की जानकारी देने के बाद स्कूलों से जिला शिक्षा समिति को भी इसकी जानकारी लेनी होगा। इसके बाद स्कूल शिक्षा विभाग को इस जानकारी वेबसाईट पर अपलोड करना होगा। इसके लिए केवल दो हफ्ते का समय दिया गया है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर किसी अभिभावक को स्कूल से कोई शिकायत है तो वह जिला शिक्षा समिति के पास अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है। इसके बाद शिक्षा समिति को 4 हफ्तों के अंदर इस शिकायत का निराकरण करना होगा।
सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था मामला…
सुप्रीम कोर्ट में हाल ही में ट्युशन फीस के नाम पर स्कूल संचालकों द्वारा पूरी फीस वसूले जाने का मामला पहुंचा था। इस मामले पर कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कोर्ट ने फैसला दिया है। इस मामले को लेकर इंदौर के जागृत पालक संघ के अध्यक्ष एडवोकेट चंचल गुप्ता और सचिव सचिन माहेश्वरी के साथ अन्य सदस्य सुप्रीम कोर्ट गए थे। इस मामले पर सुनवाई करते हुए यह फैसला लिया गया है। बता दें कि कोरोना महामारी को लेकर लंबे समय से निजी स्कूलों में छात्रों की ऑनलाइन कक्षाएं चलाई जा रही हैं।
RELATED ARTICLES
 
        				30 October 2025 02:43 PM
 
        				17 September 2021 10:14 AM
© Copyright 2021-2025, All Rights Reserved by Jogsanjog Times| Designed by amoadvisor.com
