16 August 2021 11:08 AM
नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं (Road Accidents) पर अंकुश लगाने के लिए दोपहिया वाहनों के डिजाइन और पीछे बैठने के नियमों में बदलाव (New Rules) कर दिया है. सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने आपकी सुरक्षा के मद्देनजर कुछ नए नियम लागू किए हैं. नए नियमों के मुताबिक, बाइक चलाने वाले के पीछे बैठने वाले लोगों को कुछ नए नियमों (Bike Ride Rules) का पालन करना होगा. आइए जानते हैं कि नए नियम इस बारे में क्या कहते हैं.
बाइक राइडर और पीछे की सीट के बीच हैंड होल्ड
सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय के नए नियमों के मुताबिक, अब बाइक के पीछे की सीट के दोनों तरफ हैंड होल्ड जरूरी है. हैंड होल्ड पीछे बैठे सवारी की सुरक्षा के लिए है. बाइक ड्राइवर के अचानक ब्रेक लगाने पर हैंड होल्ड सवारी के लिए काफी मददगार साबित होता है. अभी तक अधिकतर बाइक में ये सुविधा नहीं होती थी. इसके साथ ही बाइक के पीछे बैठने वाले के लिए दोनों तरफ पायदान अनिवार्य कर दिया गया है. इसके अलावा बाइक के पिछले पहिये के बाएं हिस्से का कम से कम आधा हिस्सा सुरक्षित तरीके से कवर होगा ताकि पीछे बैठने वाले के कपड़े पिछले पहिये में ना उलझे.
मोटरसाइकिल में अब लगाना होगा हल्का कंटेनर
केंद्र ने बाइक में हल्का कंटेनर लगाने का निर्देश भी जारी किया है. इस कंटेनर की लंबाई 550 मिमी, चौड़ाई 510 मिली और ऊंचाई 500 मिमी से अधिक नहीं होगी. अगर कंटेनर को पिछली सवारी के स्थान पर लगाया जाता है तो सिर्फ ड्राइवर को ही बाइक पर बैठने की मंजूरी होगी. दूसरे शब्दों में समझें तो कोई दूसरी सवारी बाइक पर नहीं बैठ सकेगी. अगर दूसरी सवारी बाइक पर बैठती है तो नियम का उल्लंघन माना जाएगा. वहीं, पिछली सवारी के बैठने की जगह के पीछे कंटेनर लगाने पर दूसरे व्यक्ति को बैठने की इजाजत होगी.
बाइक के टायरों लेकर जारी की नई गाइडलाइन
सरकार ने टायर को लेकर भी नई गाइडलाइन जारी की है. इसके तहत अधिकतम 3.5 टन वजन तक के वाहनों के लिए टायर प्रेशर मॉनिटरिंग सिस्टम का सुझाव दिया गया है. इस सिस्टम में सेंसर के जरिये ड्राइवर को जानकारी मिलती है कि गाड़ी के टायर में हवा का प्रेशर कितना है. साथ ही टायर मरम्मत किट की भी अनुशंसा की गई है. इसके लागू होने के बाद गाड़ी में एक्स्ट्रा टायर की जरूरत नहीं होगी. सरकार समय-समय पर सड़क सुरक्षा के नियमों में बदलाव करती रहती है. बीते कुछ साल में सड़क सुरक्षा के नियमों को सख्त करने पर जोर दिया गया है.
नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं (Road Accidents) पर अंकुश लगाने के लिए दोपहिया वाहनों के डिजाइन और पीछे बैठने के नियमों में बदलाव (New Rules) कर दिया है. सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने आपकी सुरक्षा के मद्देनजर कुछ नए नियम लागू किए हैं. नए नियमों के मुताबिक, बाइक चलाने वाले के पीछे बैठने वाले लोगों को कुछ नए नियमों (Bike Ride Rules) का पालन करना होगा. आइए जानते हैं कि नए नियम इस बारे में क्या कहते हैं.
बाइक राइडर और पीछे की सीट के बीच हैंड होल्ड
सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय के नए नियमों के मुताबिक, अब बाइक के पीछे की सीट के दोनों तरफ हैंड होल्ड जरूरी है. हैंड होल्ड पीछे बैठे सवारी की सुरक्षा के लिए है. बाइक ड्राइवर के अचानक ब्रेक लगाने पर हैंड होल्ड सवारी के लिए काफी मददगार साबित होता है. अभी तक अधिकतर बाइक में ये सुविधा नहीं होती थी. इसके साथ ही बाइक के पीछे बैठने वाले के लिए दोनों तरफ पायदान अनिवार्य कर दिया गया है. इसके अलावा बाइक के पिछले पहिये के बाएं हिस्से का कम से कम आधा हिस्सा सुरक्षित तरीके से कवर होगा ताकि पीछे बैठने वाले के कपड़े पिछले पहिये में ना उलझे.
मोटरसाइकिल में अब लगाना होगा हल्का कंटेनर
केंद्र ने बाइक में हल्का कंटेनर लगाने का निर्देश भी जारी किया है. इस कंटेनर की लंबाई 550 मिमी, चौड़ाई 510 मिली और ऊंचाई 500 मिमी से अधिक नहीं होगी. अगर कंटेनर को पिछली सवारी के स्थान पर लगाया जाता है तो सिर्फ ड्राइवर को ही बाइक पर बैठने की मंजूरी होगी. दूसरे शब्दों में समझें तो कोई दूसरी सवारी बाइक पर नहीं बैठ सकेगी. अगर दूसरी सवारी बाइक पर बैठती है तो नियम का उल्लंघन माना जाएगा. वहीं, पिछली सवारी के बैठने की जगह के पीछे कंटेनर लगाने पर दूसरे व्यक्ति को बैठने की इजाजत होगी.
बाइक के टायरों लेकर जारी की नई गाइडलाइन
सरकार ने टायर को लेकर भी नई गाइडलाइन जारी की है. इसके तहत अधिकतम 3.5 टन वजन तक के वाहनों के लिए टायर प्रेशर मॉनिटरिंग सिस्टम का सुझाव दिया गया है. इस सिस्टम में सेंसर के जरिये ड्राइवर को जानकारी मिलती है कि गाड़ी के टायर में हवा का प्रेशर कितना है. साथ ही टायर मरम्मत किट की भी अनुशंसा की गई है. इसके लागू होने के बाद गाड़ी में एक्स्ट्रा टायर की जरूरत नहीं होगी. सरकार समय-समय पर सड़क सुरक्षा के नियमों में बदलाव करती रहती है. बीते कुछ साल में सड़क सुरक्षा के नियमों को सख्त करने पर जोर दिया गया है.
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