10 April 2022 09:39 AM
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि मेरी खुद की खूब रगड़ाई हुई है। NSUI से प्रदेशाध्यक्ष तक खूब रगड़ाई होने के बाद ही मैं तीसरी बार मुख्यमंत्री बना हूं। यहां NSUI के 52वें स्थापना दिवस पर पहुंचे गहलोत ने पत्रकारों से बातचीत में गजेंद्र सिंह शेखावत पर भी तंज कसा। उन्होंने कहा कि NSUI के कार्यकर्ताओं को भी समझना होगा कि वो पार्टी के लिए मेहनत करें। संगठन में काम करें। संगठन में रगड़ाई होने पर ही आप आगे बढ़ सकते हैं। मैं तब चुनाव लड़ा था जब पार्टी में कोई लड़ने के लिए तैयार नहीं था। तब भी मैं महज कुछ हजार वोट से हारा था। तब बड़े नेताओं ने सोचा कि ये युवा काम का है, जब बड़े नेता 30 हजार वोट से हारे तब मैं कुछ हजार वोट से हारा। मैंने स्वयं को साबित किया तब जाकर इंदिरा गांधी के साथ, राजीव गांधी के साथ मंत्री रहने का अवसर मिला।
गजेंद्र सिंह तय करें राजनीति पर
ईस्टर्न कैनाल के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जल संसाधन मंत्रालय जैसा महत्वपूर्ण विभाग ऐसे इंसान को कैसे दिया? वो खुद राजस्थान के मुद्दे पर नहीं बोल रहे। उन्हें ये तक नहीं पता कि प्रधानमंत्री जी ने क्या कहा और क्या नहीं कहा? उन्हें राजनीति अब छोड़नी है या नहीं? ये वो खुद तय करें। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य के 25 सांसद है लेकिन कोई काम नहीं कर रहे।
मोदी फिर से बोलें
गहलोत ने कहा कि देश में जगह जगह हो रहे उपद्रव पर देश के प्रधानमंत्री को बोलना चाहिए। पहले उन्होंने कहा था कि असामाजिक तत्वों को बर्दाश्त नहीं करेंगे लेकिन इसके बाद आज तक नहीं बोलें। देश के हालात बिगड़ रहे हैं, उसे सुधारना होगा।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि मेरी खुद की खूब रगड़ाई हुई है। NSUI से प्रदेशाध्यक्ष तक खूब रगड़ाई होने के बाद ही मैं तीसरी बार मुख्यमंत्री बना हूं। यहां NSUI के 52वें स्थापना दिवस पर पहुंचे गहलोत ने पत्रकारों से बातचीत में गजेंद्र सिंह शेखावत पर भी तंज कसा। उन्होंने कहा कि NSUI के कार्यकर्ताओं को भी समझना होगा कि वो पार्टी के लिए मेहनत करें। संगठन में काम करें। संगठन में रगड़ाई होने पर ही आप आगे बढ़ सकते हैं। मैं तब चुनाव लड़ा था जब पार्टी में कोई लड़ने के लिए तैयार नहीं था। तब भी मैं महज कुछ हजार वोट से हारा था। तब बड़े नेताओं ने सोचा कि ये युवा काम का है, जब बड़े नेता 30 हजार वोट से हारे तब मैं कुछ हजार वोट से हारा। मैंने स्वयं को साबित किया तब जाकर इंदिरा गांधी के साथ, राजीव गांधी के साथ मंत्री रहने का अवसर मिला।
गजेंद्र सिंह तय करें राजनीति पर
ईस्टर्न कैनाल के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जल संसाधन मंत्रालय जैसा महत्वपूर्ण विभाग ऐसे इंसान को कैसे दिया? वो खुद राजस्थान के मुद्दे पर नहीं बोल रहे। उन्हें ये तक नहीं पता कि प्रधानमंत्री जी ने क्या कहा और क्या नहीं कहा? उन्हें राजनीति अब छोड़नी है या नहीं? ये वो खुद तय करें। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य के 25 सांसद है लेकिन कोई काम नहीं कर रहे।
मोदी फिर से बोलें
गहलोत ने कहा कि देश में जगह जगह हो रहे उपद्रव पर देश के प्रधानमंत्री को बोलना चाहिए। पहले उन्होंने कहा था कि असामाजिक तत्वों को बर्दाश्त नहीं करेंगे लेकिन इसके बाद आज तक नहीं बोलें। देश के हालात बिगड़ रहे हैं, उसे सुधारना होगा।
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