15 April 2023 04:25 PM

जोग संजोग टाइम्स,
चार्जिंग के दौरान मोबाइल फोन की बैटरी फट गई, जिससे घर में आग लग गई। इसमें दो बच्चों समेत तीन लोग घायल हो गए। घर में रखा अनाज और कैश भी जल गया। घटना राजस्थान के लूणकरणसर की है। लूणकरणसर के हंसेरा ग्राम पंचायत के मेघवाल ढाणी में शनिवार सुबह साढ़े दस बजे के करीब यह घटना हुई. हंसेरा के रहने वाले सोहन राम मेघवाल के दोनों दामाद मुकेश व रमेश फसल काटने आए थे। शनिवार की सुबह दोनों दामाद परिवार सहित ढाणी से कुछ दूरी पर स्थित एक खेत में फसल काट रहे थे. ढाणी में मुकेश और रमेश की बहन सुलोचना खाना बना रही थी। पास की अस्थायी झोपड़ियों में पुराने मोबाइल फोन चार्ज हो रहे थे। अचानक एक 4 साल का लड़का झोंपड़ी से बाहर दौड़ता हुआ आया और उसने सुलोचना को बताया कि अंदर आग लग गई है।
झोपड़ी के अंदर दो बच्चे सो रहे थे। झोपड़ी के अंदर मुकेश की तीन माह की तपस्या पुत्री व मगराराम का दो वर्षीय पुत्र सो रहे थे। अंदर चार्ज हो रहे मोबाइल फोन में धमाका हो गया और आग लग गई। झोपड़ी घास की बनी हुई थी। सुलोचना ने तुरंत रमेश और मुकेश को बुलाया। दोनों झोपड़ी की ओर भागे। उनके सामने आग धधक रही थी। मुकेश ने आग की परवाह किए बिना दोनों बच्चों को बाहर निकाल लिया। इसी दौरान मुकेश के दोनों हाथ झुलस गए। दोनों बच्चे भी आग की चपेट में आ गए।
जोग संजोग टाइम्स,
चार्जिंग के दौरान मोबाइल फोन की बैटरी फट गई, जिससे घर में आग लग गई। इसमें दो बच्चों समेत तीन लोग घायल हो गए। घर में रखा अनाज और कैश भी जल गया। घटना राजस्थान के लूणकरणसर की है। लूणकरणसर के हंसेरा ग्राम पंचायत के मेघवाल ढाणी में शनिवार सुबह साढ़े दस बजे के करीब यह घटना हुई. हंसेरा के रहने वाले सोहन राम मेघवाल के दोनों दामाद मुकेश व रमेश फसल काटने आए थे। शनिवार की सुबह दोनों दामाद परिवार सहित ढाणी से कुछ दूरी पर स्थित एक खेत में फसल काट रहे थे. ढाणी में मुकेश और रमेश की बहन सुलोचना खाना बना रही थी। पास की अस्थायी झोपड़ियों में पुराने मोबाइल फोन चार्ज हो रहे थे। अचानक एक 4 साल का लड़का झोंपड़ी से बाहर दौड़ता हुआ आया और उसने सुलोचना को बताया कि अंदर आग लग गई है।
झोपड़ी के अंदर दो बच्चे सो रहे थे। झोपड़ी के अंदर मुकेश की तीन माह की तपस्या पुत्री व मगराराम का दो वर्षीय पुत्र सो रहे थे। अंदर चार्ज हो रहे मोबाइल फोन में धमाका हो गया और आग लग गई। झोपड़ी घास की बनी हुई थी। सुलोचना ने तुरंत रमेश और मुकेश को बुलाया। दोनों झोपड़ी की ओर भागे। उनके सामने आग धधक रही थी। मुकेश ने आग की परवाह किए बिना दोनों बच्चों को बाहर निकाल लिया। इसी दौरान मुकेश के दोनों हाथ झुलस गए। दोनों बच्चे भी आग की चपेट में आ गए।

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