29 April 2022 02:05 PM
जोग संजोग टाइम्स,
फौजी बनकर सरहद की सुरक्षा में कदमताल का सपना देख रहे ये कदम यूं थकने के लिए नहीं थे। पर, सपना टूटा तो शायद हिम्मत हार गए। भिवानी के तालू का पवन 10 साल की उम्र से ही फौज में जाने का सपना देख रहा था तीन भर्तियों में उसने फिजिकल से मेडिकल तक सारे टेस्ट पास कर दिए थे, मगर किस्मत ने साथ नहीं दिया। अब तीन साल से भर्ती नहीं हुई। उसकी उम्र 23 साल के पार हुई तो उसका फौजी बनने का सपना टूट गया। निराश पवन ने गुरुवार तड़के सरकारी स्कूल के मैदान में पेड़ से फंदा लगाकर जान दे दी। वहीं जिस ट्रैक पर दौड़ लगाकर वह भर्ती की तैयारी करता था उसी के रेत पर लिखा था- बापू इस जन्म में फौजी नहीं बन पाया, अगला जन्म लिया तो फीजी जरूर चौकी के जांच अधिकारी वीरेंद्र सिंह ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि बेरोजगारी के चलते युवक ने आत्महत्या की है। सुबह जब गांव के युवा मैदान पर रेस लगाने पहुंचे तो उन्होंने पेड़ पर उसका शव लटकता देखा। इसकी सूचना युवाओं ने पवन के परिजनों व पुलिस को दी। पवन के पिता ने कारवाई करने से मना कर दिया। अधिकारियों के समझाने के बाद भी परिजन नहीं माने तो पुलिस ने शव परिजनों को सौंप दिया।
बेरोजगारी ने मार डाला
इस मौत का गुनहगार कौन?
• हर साल 4.5 लाख युवा सेना भर्ती की तैयारी कर रहे 3 साल से भर्ती न होने से 2 लाख युवा ओवरएज हुए।
• बेरोजगारी में प्रदेश पहले नंबर पर है। पिछले दिनों 41 हजार पदों की भर्ती रद्द हुई तो 12 लाख आवेदकों के सपने टूटे।
• केंद्र सेना भर्ती नहीं करवा रहा और प्रदेश में पेपर लीक और भर्ती रद्द होने से युवा निराश और हताश हैं।
जोग संजोग टाइम्स,
फौजी बनकर सरहद की सुरक्षा में कदमताल का सपना देख रहे ये कदम यूं थकने के लिए नहीं थे। पर, सपना टूटा तो शायद हिम्मत हार गए। भिवानी के तालू का पवन 10 साल की उम्र से ही फौज में जाने का सपना देख रहा था तीन भर्तियों में उसने फिजिकल से मेडिकल तक सारे टेस्ट पास कर दिए थे, मगर किस्मत ने साथ नहीं दिया। अब तीन साल से भर्ती नहीं हुई। उसकी उम्र 23 साल के पार हुई तो उसका फौजी बनने का सपना टूट गया। निराश पवन ने गुरुवार तड़के सरकारी स्कूल के मैदान में पेड़ से फंदा लगाकर जान दे दी। वहीं जिस ट्रैक पर दौड़ लगाकर वह भर्ती की तैयारी करता था उसी के रेत पर लिखा था- बापू इस जन्म में फौजी नहीं बन पाया, अगला जन्म लिया तो फीजी जरूर चौकी के जांच अधिकारी वीरेंद्र सिंह ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि बेरोजगारी के चलते युवक ने आत्महत्या की है। सुबह जब गांव के युवा मैदान पर रेस लगाने पहुंचे तो उन्होंने पेड़ पर उसका शव लटकता देखा। इसकी सूचना युवाओं ने पवन के परिजनों व पुलिस को दी। पवन के पिता ने कारवाई करने से मना कर दिया। अधिकारियों के समझाने के बाद भी परिजन नहीं माने तो पुलिस ने शव परिजनों को सौंप दिया।
बेरोजगारी ने मार डाला
इस मौत का गुनहगार कौन?
• हर साल 4.5 लाख युवा सेना भर्ती की तैयारी कर रहे 3 साल से भर्ती न होने से 2 लाख युवा ओवरएज हुए।
• बेरोजगारी में प्रदेश पहले नंबर पर है। पिछले दिनों 41 हजार पदों की भर्ती रद्द हुई तो 12 लाख आवेदकों के सपने टूटे।
• केंद्र सेना भर्ती नहीं करवा रहा और प्रदेश में पेपर लीक और भर्ती रद्द होने से युवा निराश और हताश हैं।
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