27 January 2022 08:37 PM
जोग संजोग टाइम्स,
जोधपुर, राजस्थान हाई कोर्ट जोधपुर ने रीट भर्ती 2016 (अंग्रेजी विषय) के प्रकरण की सुनवाई के दौरान अहम आदेश पारित करते हुए मूल विग्यप्ति के निर्देशों अनुसार ही आयु गणना करते हुए याचिकाकर्ता की नियुक्ति के आदेश दिए हैं । श्यामलाल सरवटा बनाम राजस्थान सरकार मामले में जस्टिस अरुण भंसाली की अदालत ने अहम आदेश पारित करते हुए वर्ष 2017 में जारी संशोधित विग्यप्ति की बजाय वर्ष 2016 में जारी उक्त भर्ती की मूल विग्यप्ति के अनुसार ही याचिकाकर्ता की आयु गणना करते हुए सभी परिलाभ सहित अभ्यर्थी को चार सप्ताह के अंदर नियुक्ति के आदेश दिए हैं । याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी करते हुए एडवोकेट सुशील बिश्नोई ने कोर्ट को अवगत करवाया कि याचिकाकर्ता वर्ष 2016 में मूल विग्यप्ति जारी होने के समय आयु के हिसाब से पात्र था,लेकिन उक्त भर्ती संशोधित रूप से वर्ष 2017 में पुन: आवेदित हुई जिसमें अभ्यर्थियों की आयु गणना एक जनवरी 2018 तय कर दी गई । गत वर्ष निदेशालय बीकानेर द्वारा उक्त भर्ती की जारी अस्थायी प्रतीक्षा सूचि में याचिकाकर्ता का चयन भी हो गया । लेकिन टोंक जिले में अभ्यर्थी को इस आधार पर नियुक्ति से वँचित कर दिया गया कि संशोधित विग्यप्ति की समयावधि अनुसार वह ओवरएज हो चुका है। हाई कोर्ट ने मामले के तथ्यों पर गौर करते हुए मूल विग्यप्ति 2016 के अनुसार ही आयु सीमा को वैध मानते हुए याचिकाकर्ता श्यामलाल सरवटा को उससे निम्न मेरिट के नियुक्ति पा चुके अभ्यर्थियों के समान परिलाभ सहित चार सप्ताह में नियुक्ति का आदेश जारी किया है।
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जोधपुर, राजस्थान हाई कोर्ट जोधपुर ने रीट भर्ती 2016 (अंग्रेजी विषय) के प्रकरण की सुनवाई के दौरान अहम आदेश पारित करते हुए मूल विग्यप्ति के निर्देशों अनुसार ही आयु गणना करते हुए याचिकाकर्ता की नियुक्ति के आदेश दिए हैं । श्यामलाल सरवटा बनाम राजस्थान सरकार मामले में जस्टिस अरुण भंसाली की अदालत ने अहम आदेश पारित करते हुए वर्ष 2017 में जारी संशोधित विग्यप्ति की बजाय वर्ष 2016 में जारी उक्त भर्ती की मूल विग्यप्ति के अनुसार ही याचिकाकर्ता की आयु गणना करते हुए सभी परिलाभ सहित अभ्यर्थी को चार सप्ताह के अंदर नियुक्ति के आदेश दिए हैं । याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी करते हुए एडवोकेट सुशील बिश्नोई ने कोर्ट को अवगत करवाया कि याचिकाकर्ता वर्ष 2016 में मूल विग्यप्ति जारी होने के समय आयु के हिसाब से पात्र था,लेकिन उक्त भर्ती संशोधित रूप से वर्ष 2017 में पुन: आवेदित हुई जिसमें अभ्यर्थियों की आयु गणना एक जनवरी 2018 तय कर दी गई । गत वर्ष निदेशालय बीकानेर द्वारा उक्त भर्ती की जारी अस्थायी प्रतीक्षा सूचि में याचिकाकर्ता का चयन भी हो गया । लेकिन टोंक जिले में अभ्यर्थी को इस आधार पर नियुक्ति से वँचित कर दिया गया कि संशोधित विग्यप्ति की समयावधि अनुसार वह ओवरएज हो चुका है। हाई कोर्ट ने मामले के तथ्यों पर गौर करते हुए मूल विग्यप्ति 2016 के अनुसार ही आयु सीमा को वैध मानते हुए याचिकाकर्ता श्यामलाल सरवटा को उससे निम्न मेरिट के नियुक्ति पा चुके अभ्यर्थियों के समान परिलाभ सहित चार सप्ताह में नियुक्ति का आदेश जारी किया है।
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