23 December 2022 03:41 PM
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर ,
45 साल से कम है हार्ट डिजीज से पीड़ित 40 प्रतिशत रोगियों की उम्र
पीबीएम का हल्दीराम हार्ट हॉस्पिटल। ओपीडी में कतार। आईसीसीयू के दो वार्ड फुल। कैथलैब वार्ड सहित दूसरे फ्लोर के जनरल वार्ड में कोई पलंग खाली नहीं। गलियारे में कुछ मरीज एक्स्ट्रा बेड पर लेटे हैं, वहीं कइयों को बेड भी नसीब नहीं। जमीन पर अपनी कंबल बिछाकर लेटे मरीजों को ड्रिप लगी है। कइयों के हाथ में ड्रिप, इंजेक्शन लगे हैं। भर्ती नहीं हैं। ट्रोपोनिन टेस्ट के लिए ब्लड सैंपल दिया है। रिपोर्ट आने का इंतजार है।
यह रिपोर्ट आने के बाद पता चलेगा कि हार्ट अटैक है या नहीं। बिस्तर के लिए हर नए मरीज को परेशान हाेना पड़ रहा है। भर्ती रोगियों में बड़ी संख्या युवाओं की है। इन युवाओं में कई ऐसे हैं जिनमें शुगर, बीपी की बीमारी नहीं। नशा नहीं करते। मोटापा छू तक नहीं गया है। यानी यह हाईरिस्क के तय पैमानों से परे हैं। अचानक इतने ज्यादा हार्ट पेशेंट कैसे? सवाल पर कार्डियोलोजी विभागाध्यक्ष डॉ. पिंटू नाहटा कहते हैं, सर्दी में यूं तो पेशेंट बढ़ते ही हैं, लेकिन इस बार वायरल इन्फेक्शन हार्ट पर असर डाल रहा है। हर दिन बेड बढ़ा रहे हैं। जहां जगह मिल रही है वहां लगा रहे हैं, लेकिन रोगियों की संख्या उससे कहीं ज्यादा बढ़ रही है। हार्ट हॉस्पिटल के प्रबंध प्रभारी डाॅ. देवेन्द्र अग्रवाल ने बताया कि रोज औसतन 350 पेशेंट आउटडोर से लेकर आपातकालीन इकाई तक पहुंच रहे हैं। लगभग 150 मरीज भर्ती हैं। ऐसे में 75 बिस्तर के हॉस्पिटल को लगातार बढ़ाते जा रहे हैं। अब बी-ब्लॉक में एक वार्ड चालू किया है।
दो केस से समझें कैसे युवा भी आ रहे चपेट में
35 वर्ष के शरद सारड़ा। पूरी तरह फिट थे। बीपी, शुगर की शिकायत नहीं। खान-पान अनुशासित। अचानक तबीयत बिगड़ी। सांस फूलने लगी। हल्दीराम मूलचंद कार्डियोवस्कुलर सेंटर में जांच करने पर नसों में ब्लॉकेज की आशंका हुई। एंजियोग्राफी करते ही दो नसों में ब्लॉकेज की पुष्टि हो गई।
श्रीडूंगरगढ़ तहसील के 35 वर्षीय भंवरलाल को याद नहीं कि पहले कभी बीमार हुए। अचानक तबीयत बिगड़ी। एंजियोग्राफी में सामने आया कि एक नस में ब्लॉकेज है। हल्दीराम हार्ट हॉस्पिटल में ही गुरुवार को स्टेंट लगाया। वे कहते हैं कि कभी बीपी या शुगर जैसी बीमारी भी नहीं रही।
एक्सपर्ट : पाेस्ट काेविड इंपैक्ट पर अभी स्टडी नहीं, लेकिन ये भी हो सकती है वजह: डाॅ. नाहटा
45 वर्ष तक की उम्र वालों में बढ़ रहा हार्ट डिजीज निश्चित तौर पर चिंतित करने वालस है। गुरुवार को ही 35 वर्ष के भंवरलाल की एंजियोग्राफी में दो नसों में ब्लॉक मिला जिसमें से एक शत-प्रतिशत ब्लॉक थी। दो स्टेंट लगाए। शरद सारड़ा भी इनके हम उम्र रोगी हैं, जिसमें ब्लॉकेज मिला है। पहले ऐसे इक्का-दुक्का केस आते थे अब लगभग 40 प्रतिशत रोगी इस उम्र के हैं। मोटापा, शुगर, बीपी, नशा, वंशानुगतता जैसे कारण तो हार्ट डिजिज के लिए जिम्मेदार हैं ही। पोस्ट कोविड के लिहाज से स्टडी अभी नहीं हुई है, लेकिन इसके असर से इनकार नहीं किया जा सकता। जल्द इस पर अध्ययन भी करेंगे। (सीनियर प्रोफेसर कार्डियोलोजी एवं विभागाध्यक्ष)
युवा दिलों पर भारी बीमारी
2755 मरीजों की एंजियोग्राफी हुई है हल्दीराम हार्ट हॉस्पिटल में 28 अक्टूबर 21 से 20 दिसंबर 22 तक।
40% से अधिक यानी लगभग 1100 रोगी ऐसे हैं जिनकी उम्र 15 से 45 वर्ष के बीच है।
बीपी, शुगर, नशा, मोटापा, वंशानुगतता जैसे हाईरिस्क वाले कारणों के साथ ही युवाओं में लगभग 20 प्रतिशत ऐसे जिनमें ये कोई कारण मौजूद नहीं। इन्हें या परिवार के दूसरे सदस्यों के कोविड पॉजिटिव होने की पुष्टि जरूर हुई थी।
आशंका : बीपी शुगर, मोटापा, नशा, वंशानुगतता के साथ ही कोविड का भी हो सकता है असर
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर ,
45 साल से कम है हार्ट डिजीज से पीड़ित 40 प्रतिशत रोगियों की उम्र
पीबीएम का हल्दीराम हार्ट हॉस्पिटल। ओपीडी में कतार। आईसीसीयू के दो वार्ड फुल। कैथलैब वार्ड सहित दूसरे फ्लोर के जनरल वार्ड में कोई पलंग खाली नहीं। गलियारे में कुछ मरीज एक्स्ट्रा बेड पर लेटे हैं, वहीं कइयों को बेड भी नसीब नहीं। जमीन पर अपनी कंबल बिछाकर लेटे मरीजों को ड्रिप लगी है। कइयों के हाथ में ड्रिप, इंजेक्शन लगे हैं। भर्ती नहीं हैं। ट्रोपोनिन टेस्ट के लिए ब्लड सैंपल दिया है। रिपोर्ट आने का इंतजार है।
यह रिपोर्ट आने के बाद पता चलेगा कि हार्ट अटैक है या नहीं। बिस्तर के लिए हर नए मरीज को परेशान हाेना पड़ रहा है। भर्ती रोगियों में बड़ी संख्या युवाओं की है। इन युवाओं में कई ऐसे हैं जिनमें शुगर, बीपी की बीमारी नहीं। नशा नहीं करते। मोटापा छू तक नहीं गया है। यानी यह हाईरिस्क के तय पैमानों से परे हैं। अचानक इतने ज्यादा हार्ट पेशेंट कैसे? सवाल पर कार्डियोलोजी विभागाध्यक्ष डॉ. पिंटू नाहटा कहते हैं, सर्दी में यूं तो पेशेंट बढ़ते ही हैं, लेकिन इस बार वायरल इन्फेक्शन हार्ट पर असर डाल रहा है। हर दिन बेड बढ़ा रहे हैं। जहां जगह मिल रही है वहां लगा रहे हैं, लेकिन रोगियों की संख्या उससे कहीं ज्यादा बढ़ रही है। हार्ट हॉस्पिटल के प्रबंध प्रभारी डाॅ. देवेन्द्र अग्रवाल ने बताया कि रोज औसतन 350 पेशेंट आउटडोर से लेकर आपातकालीन इकाई तक पहुंच रहे हैं। लगभग 150 मरीज भर्ती हैं। ऐसे में 75 बिस्तर के हॉस्पिटल को लगातार बढ़ाते जा रहे हैं। अब बी-ब्लॉक में एक वार्ड चालू किया है।
दो केस से समझें कैसे युवा भी आ रहे चपेट में
35 वर्ष के शरद सारड़ा। पूरी तरह फिट थे। बीपी, शुगर की शिकायत नहीं। खान-पान अनुशासित। अचानक तबीयत बिगड़ी। सांस फूलने लगी। हल्दीराम मूलचंद कार्डियोवस्कुलर सेंटर में जांच करने पर नसों में ब्लॉकेज की आशंका हुई। एंजियोग्राफी करते ही दो नसों में ब्लॉकेज की पुष्टि हो गई।
श्रीडूंगरगढ़ तहसील के 35 वर्षीय भंवरलाल को याद नहीं कि पहले कभी बीमार हुए। अचानक तबीयत बिगड़ी। एंजियोग्राफी में सामने आया कि एक नस में ब्लॉकेज है। हल्दीराम हार्ट हॉस्पिटल में ही गुरुवार को स्टेंट लगाया। वे कहते हैं कि कभी बीपी या शुगर जैसी बीमारी भी नहीं रही।
एक्सपर्ट : पाेस्ट काेविड इंपैक्ट पर अभी स्टडी नहीं, लेकिन ये भी हो सकती है वजह: डाॅ. नाहटा
45 वर्ष तक की उम्र वालों में बढ़ रहा हार्ट डिजीज निश्चित तौर पर चिंतित करने वालस है। गुरुवार को ही 35 वर्ष के भंवरलाल की एंजियोग्राफी में दो नसों में ब्लॉक मिला जिसमें से एक शत-प्रतिशत ब्लॉक थी। दो स्टेंट लगाए। शरद सारड़ा भी इनके हम उम्र रोगी हैं, जिसमें ब्लॉकेज मिला है। पहले ऐसे इक्का-दुक्का केस आते थे अब लगभग 40 प्रतिशत रोगी इस उम्र के हैं। मोटापा, शुगर, बीपी, नशा, वंशानुगतता जैसे कारण तो हार्ट डिजिज के लिए जिम्मेदार हैं ही। पोस्ट कोविड के लिहाज से स्टडी अभी नहीं हुई है, लेकिन इसके असर से इनकार नहीं किया जा सकता। जल्द इस पर अध्ययन भी करेंगे। (सीनियर प्रोफेसर कार्डियोलोजी एवं विभागाध्यक्ष)
युवा दिलों पर भारी बीमारी
2755 मरीजों की एंजियोग्राफी हुई है हल्दीराम हार्ट हॉस्पिटल में 28 अक्टूबर 21 से 20 दिसंबर 22 तक।
40% से अधिक यानी लगभग 1100 रोगी ऐसे हैं जिनकी उम्र 15 से 45 वर्ष के बीच है।
बीपी, शुगर, नशा, मोटापा, वंशानुगतता जैसे हाईरिस्क वाले कारणों के साथ ही युवाओं में लगभग 20 प्रतिशत ऐसे जिनमें ये कोई कारण मौजूद नहीं। इन्हें या परिवार के दूसरे सदस्यों के कोविड पॉजिटिव होने की पुष्टि जरूर हुई थी।
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23 April 2023 04:31 PM
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