12 June 2021 05:00 PM
नई दिल्ली, प्रेट्र। केंद्र सरकार ने टीवी चैनलों और अखबारों के डिजिटल न्यूज प्लेटफार्म को नए आइटी नियमों के दायरे से बाहर रखने से इन्कार कर दिया है। सरकार ने इनसे आइटी नियम, 2021 के प्रावधानों के अनुपालन के लिए तत्काल कदम उठाने को कहा है।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने कहा कि संगठनों की वेबसाइट को कानून के दायरे में लाने का औचित्य तर्कपूर्ण है। मंत्रालय ने डिजिटल न्यूज पब्लिशर, पब्लिशर ऑफ ऑनलाइन क्यूरेटट कंटेंट या ओटीटी प्लेटफार्म और एसोसिएशन ऑफ डिजिटल मीडिया पब्लिशर को दिए स्पष्टीकरण में यह बात कही।
मंत्रालय ने कहा- कानून में किसी तरह के अपवाद को शामिल करना भेदभाव होगा
मंत्रालय ने कहा कि कानून में किसी तरह के अपवाद को शामिल करना वैसे डिजिटल न्यूज पब्लिशर के साथ भेदभाव होगा, जो पारंपरिक टीवी या प्रिंट मीडिया से नहीं जुड़े हैं।
मंत्रालय ने एनबीए के अनुरोध को अस्वीकार करते हुए कहा- अतिरिक्त नियामक बोझ नहीं
मंत्रालय ने कहा, ‘चूंकि, आचार संहिता यह कहती है कि ऐसे डिजिटल प्लेटफार्म पारंपरिक प्रिंट एवं टीवी मीडिया के लिए मौजूदा मानदंडों/ सामग्री नियमों का पालन करेंगे, इसलिए ऐसी संस्थाओं के लिए कोई अतिरिक्त नियामक बोझ नहीं हैं। इसलिए डिजिटल मीडिया नियमों से बाहर रखने के उनके अनुरोध को स्वीकार नहीं किया जा सकता है।’
नई दिल्ली, प्रेट्र। केंद्र सरकार ने टीवी चैनलों और अखबारों के डिजिटल न्यूज प्लेटफार्म को नए आइटी नियमों के दायरे से बाहर रखने से इन्कार कर दिया है। सरकार ने इनसे आइटी नियम, 2021 के प्रावधानों के अनुपालन के लिए तत्काल कदम उठाने को कहा है।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने कहा कि संगठनों की वेबसाइट को कानून के दायरे में लाने का औचित्य तर्कपूर्ण है। मंत्रालय ने डिजिटल न्यूज पब्लिशर, पब्लिशर ऑफ ऑनलाइन क्यूरेटट कंटेंट या ओटीटी प्लेटफार्म और एसोसिएशन ऑफ डिजिटल मीडिया पब्लिशर को दिए स्पष्टीकरण में यह बात कही।
मंत्रालय ने कहा- कानून में किसी तरह के अपवाद को शामिल करना भेदभाव होगा
मंत्रालय ने कहा कि कानून में किसी तरह के अपवाद को शामिल करना वैसे डिजिटल न्यूज पब्लिशर के साथ भेदभाव होगा, जो पारंपरिक टीवी या प्रिंट मीडिया से नहीं जुड़े हैं।
मंत्रालय ने एनबीए के अनुरोध को अस्वीकार करते हुए कहा- अतिरिक्त नियामक बोझ नहीं
मंत्रालय ने कहा, ‘चूंकि, आचार संहिता यह कहती है कि ऐसे डिजिटल प्लेटफार्म पारंपरिक प्रिंट एवं टीवी मीडिया के लिए मौजूदा मानदंडों/ सामग्री नियमों का पालन करेंगे, इसलिए ऐसी संस्थाओं के लिए कोई अतिरिक्त नियामक बोझ नहीं हैं। इसलिए डिजिटल मीडिया नियमों से बाहर रखने के उनके अनुरोध को स्वीकार नहीं किया जा सकता है।’
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