14 February 2023 01:14 PM
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर ,
नगर निगम की बजट बैठक में साेमवार काे हंगामा, शाेर-शराबे और छींटाकशी के बीच मेयर सुशीला कंवर राजपुराेहित ने 2023-24 का 419.52 कराेड़ रुपए का बजट बिना चर्चा के ध्वनिमत से पारित कर दिया। इसीलिए 12.15 बजे शुरू हुई बैठक ठीक 55 मिनट में खत्म हाे गई। बजट में सवाल उठाना या नारेबाजी करना ताे विपक्ष का काम है लेकिन विपक्ष की आड़ में सत्तापक्ष के पार्षदों ने भी मेयर का बजट नहीं सुना। वे सिर्फ विपक्ष काे जवाब देने और मीडिया लाइम लाइट के चक्कर में शाेर मचाते रहे।
बैठक शुरू हाेते ही कांग्रेस पार्षद जावेद पड़िहार, मनाेज बिश्नाेई, नेता प्रतिपक्ष चेतना चाैधरी, शिवशंकर बिस्सा, अंजना खत्री, शांतिलाल माेदी ने बैनर लहराया। बैनर पर अच्छे दिन आ गए, भ्रष्टाचारी छा गए, शहर के बुरे हाल, महापाैर कर रही कमाल, बीकानेर का बजट, मेरी नई गाड़ी जैसे स्लाेगन थे। टूटी सड़काें के फाेटाे भी थे। बजट भाषण के बीच विपक्षी पार्षदाें ने माइक मांगा, लेकिन मेयर ने माइक रखवा दिए।
इससे गुस्साए विपक्षी पार्षदाें ने साउंड सिस्टम बंद करने की काेशिश की। अंजना खत्री ने मेयर की टेबल ठोंकी। आनंद सिंह साेढ़ा, शहजाद भुट्टा मंच पर चढ़ गए, लेकिन मेयर बजट भाषण पढ़ती रही। 35 मिनट तक हंगामे के बीच मेयर बजट पेश करती रही। अंत में विपक्षी पार्षद बैठे। एक बजे बजट भाषण खत्म हु आ ताे नेता प्रतिपक्ष ने मेयर काे आंकड़ों पर घेरने की काेशिश की, लेकिन सत्तापक्ष ने बाेलने नहीं दिया। इस बीच विपक्ष भी कूद गया। हंगामा हाेते देख 1.10 बजे मेयर ने समर्थक पार्षदाें से हाथ उठवाकर ध्वनिमत से बजट पारित कर दिया और बैठक खत्म हाे गई।
मंच पर चढ़ गए विपक्षी पार्षद, मेयर की टेबल पर मुक्के मारे, मेयर पर भ्रष्टाचार का आरोप, हंगामे में खो गए मुद्दे
हमने तीन साल में काफी काम किए हैं। टिपर रविवार काे भी आएंगे इसके आदेश एक-दाे दिन में हाे जाएंगे। हमारी काेशिश है कि जाे भी घाेषणाएं की उन्हें पूरी कराएं। कुछ मामलाें में दिक्कतें हुई लेकिन अब उम्मीद है कि काम हाेंगे। कुछ अटके कामाें के टेंडर हाे गए। विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लागू हाेने से पहले काफी काम जमीन पर दिखेंगे। - सुशीला कंवर, मेयर
तीन साल से सिर्फ घोषणाएं हाे रही। जमीन पर एक भी काम नहीं। मेयर एक भी वादा एेसा बताएं जाे पूरा किया हाे। मैंने आंकड़ों में आज उनसे जवाब मांगा ताे बचने के लिए बैठक खत्म कर दी। क्योंकि बीते दाे बजट के जाे हालात थे उस पर वे चर्चा नहीं कर रही थीं। आय-व्यय का लेखा-जाेखा में उलझ गईं। - चेतना चाैधरी, नेता प्रतिपक्ष
खर्च में भी फेल रहे
भाजपा के पार्षद ही विपक्ष जैसी भूमिका में
कांग्रेस विपक्ष में हैं। विराेध, हंगामा करना उनका काम है। सत्ता पक्ष के पार्षद और मेयर की जिम्मेवारी है कि वाे उसे नियंत्रित करें। उनके पास प्रशासन का काम और संसाधन है लेकिन मेयर की नजराें में ऊंचा उठने के लिए भाजपा पार्षद विपक्ष से ज्यादा एग्रेसिव नजर आए। पिछली बैठक में अरविंद किशाेर आचार्य ने विपक्ष काे उकसाया था ताे इस इस बार प्रदीप उपाध्याय ही मेयर भाषण के बीच उत्तेजित रहे। जहां मीडिया काे भी फाेटाे खींचने की इजाजत नहीं थी वहां उपाध्याय विपक्षी पार्षदाें की फाेटाे अपने माेबाइल से खींचकर चिढ़ाते रहे। लाॅबी में बैठे मेयर के ससुर गुमानसिंह ने उपाध्याय की हरकत राेकने के लिए आवाज भी लगाई, लेकिन वे नहीं माने। गुमानसिंह का कहना था कि सत्तापक्ष का काम हाेता है हंगामे काे शांत करना, ना कि उसमें घी डालकर बढ़ाना।
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर ,
नगर निगम की बजट बैठक में साेमवार काे हंगामा, शाेर-शराबे और छींटाकशी के बीच मेयर सुशीला कंवर राजपुराेहित ने 2023-24 का 419.52 कराेड़ रुपए का बजट बिना चर्चा के ध्वनिमत से पारित कर दिया। इसीलिए 12.15 बजे शुरू हुई बैठक ठीक 55 मिनट में खत्म हाे गई। बजट में सवाल उठाना या नारेबाजी करना ताे विपक्ष का काम है लेकिन विपक्ष की आड़ में सत्तापक्ष के पार्षदों ने भी मेयर का बजट नहीं सुना। वे सिर्फ विपक्ष काे जवाब देने और मीडिया लाइम लाइट के चक्कर में शाेर मचाते रहे।
बैठक शुरू हाेते ही कांग्रेस पार्षद जावेद पड़िहार, मनाेज बिश्नाेई, नेता प्रतिपक्ष चेतना चाैधरी, शिवशंकर बिस्सा, अंजना खत्री, शांतिलाल माेदी ने बैनर लहराया। बैनर पर अच्छे दिन आ गए, भ्रष्टाचारी छा गए, शहर के बुरे हाल, महापाैर कर रही कमाल, बीकानेर का बजट, मेरी नई गाड़ी जैसे स्लाेगन थे। टूटी सड़काें के फाेटाे भी थे। बजट भाषण के बीच विपक्षी पार्षदाें ने माइक मांगा, लेकिन मेयर ने माइक रखवा दिए।
इससे गुस्साए विपक्षी पार्षदाें ने साउंड सिस्टम बंद करने की काेशिश की। अंजना खत्री ने मेयर की टेबल ठोंकी। आनंद सिंह साेढ़ा, शहजाद भुट्टा मंच पर चढ़ गए, लेकिन मेयर बजट भाषण पढ़ती रही। 35 मिनट तक हंगामे के बीच मेयर बजट पेश करती रही। अंत में विपक्षी पार्षद बैठे। एक बजे बजट भाषण खत्म हु आ ताे नेता प्रतिपक्ष ने मेयर काे आंकड़ों पर घेरने की काेशिश की, लेकिन सत्तापक्ष ने बाेलने नहीं दिया। इस बीच विपक्ष भी कूद गया। हंगामा हाेते देख 1.10 बजे मेयर ने समर्थक पार्षदाें से हाथ उठवाकर ध्वनिमत से बजट पारित कर दिया और बैठक खत्म हाे गई।
मंच पर चढ़ गए विपक्षी पार्षद, मेयर की टेबल पर मुक्के मारे, मेयर पर भ्रष्टाचार का आरोप, हंगामे में खो गए मुद्दे
हमने तीन साल में काफी काम किए हैं। टिपर रविवार काे भी आएंगे इसके आदेश एक-दाे दिन में हाे जाएंगे। हमारी काेशिश है कि जाे भी घाेषणाएं की उन्हें पूरी कराएं। कुछ मामलाें में दिक्कतें हुई लेकिन अब उम्मीद है कि काम हाेंगे। कुछ अटके कामाें के टेंडर हाे गए। विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लागू हाेने से पहले काफी काम जमीन पर दिखेंगे। - सुशीला कंवर, मेयर
तीन साल से सिर्फ घोषणाएं हाे रही। जमीन पर एक भी काम नहीं। मेयर एक भी वादा एेसा बताएं जाे पूरा किया हाे। मैंने आंकड़ों में आज उनसे जवाब मांगा ताे बचने के लिए बैठक खत्म कर दी। क्योंकि बीते दाे बजट के जाे हालात थे उस पर वे चर्चा नहीं कर रही थीं। आय-व्यय का लेखा-जाेखा में उलझ गईं। - चेतना चाैधरी, नेता प्रतिपक्ष
खर्च में भी फेल रहे
भाजपा के पार्षद ही विपक्ष जैसी भूमिका में
कांग्रेस विपक्ष में हैं। विराेध, हंगामा करना उनका काम है। सत्ता पक्ष के पार्षद और मेयर की जिम्मेवारी है कि वाे उसे नियंत्रित करें। उनके पास प्रशासन का काम और संसाधन है लेकिन मेयर की नजराें में ऊंचा उठने के लिए भाजपा पार्षद विपक्ष से ज्यादा एग्रेसिव नजर आए। पिछली बैठक में अरविंद किशाेर आचार्य ने विपक्ष काे उकसाया था ताे इस इस बार प्रदीप उपाध्याय ही मेयर भाषण के बीच उत्तेजित रहे। जहां मीडिया काे भी फाेटाे खींचने की इजाजत नहीं थी वहां उपाध्याय विपक्षी पार्षदाें की फाेटाे अपने माेबाइल से खींचकर चिढ़ाते रहे। लाॅबी में बैठे मेयर के ससुर गुमानसिंह ने उपाध्याय की हरकत राेकने के लिए आवाज भी लगाई, लेकिन वे नहीं माने। गुमानसिंह का कहना था कि सत्तापक्ष का काम हाेता है हंगामे काे शांत करना, ना कि उसमें घी डालकर बढ़ाना।
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20 January 2022 07:58 PM
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