13 June 2022 01:23 PM
जोग संजोग टाइम्स,
गहलोत सरकार के एक और कैबिनेट मंत्री पुत्र चर्चा में है। दरअसल, कैबिनेट मंत्री विश्वेन्द्र सिंह के पुत्र अनिरुद्ध भरतपुर ने गहलोत सरकार के एक हालिया फैसले को लेकर खुलकर अपनी नाराजगी जताई है। मामला भरतपुर क्षेत्र में एक मेडिकल कॉलेज के नामकरण से जुड़ा है।
कैबिनेट फैसले पर जताया ऐतराज
कैबिनेट मंत्री विश्वेन्द्र सिंह के पुत्र अनिरुद्ध गहलोत कैबिनेट के उस हालिया फैसले पर ऐतराज जता रहे हैं, जिसमें भरतपुर के मेडिकल कॉलेज का नाम पूर्व सीएम जगन्नाथ पहाड़िया के नाम पर किए जाना तय हुआ है। अनिरुद्ध ने ट्रीट प्रतिक्रिया में सरकार से इस फैसले पर पुनर्विचार किए जाने की अपील की है।
महाराजा सूरजमल के नाम पर ही कॉलेज
मंत्री पुत्र अनिरुद्ध भरतपुर के मेडिकल कॉलेज का नाम महाराजा सूरजमल पर रखे जाने की पुरजोर मांग उठा रहे हैं। उनका कहना है कि जब जयपुर में सवाई मानसिंह हॉस्पिटल, उदयपुर में महाराणा भोपल हॉस्पिटल, कोटा में महाराव भीमसिंह हॉस्पिटल और जोधपुर में राज दादीसा हॉस्पिटल पूर्व राजघरानों के नाम पर हो सकते हैं, तो भरतपुर में महाराजा सूरजमल जी के नाम पर चिकित्सा कॉलेज नाम रखने में क्या परेशानी है?
उन्होंने कहा कि मैं महाराजा सूरजमल जी की 15वीं पीढ़ी का वंशज हूं और राज्य सरकार के इस फैसले की कड़ी निंदा करता हूं। सरकार को इस फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए। उन्होंने आगे ये भी कहा कि भरतपुर रियासत के महाराजा स्वर्गीय विरजेंद्र सिंह जी नाम पर समाज में कुछ लोग राजनीति खेल रहे हैं, यह उचित नहीं है, कृपया इसे बंद कर दें।
सरकार ने लिया है ये फैसला
भरतपुर के भुसावर स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय का नामकरण जगन्नाथ पहाड़िया के नाम से करने का निर्णय लिया गया है। सरकार का कहना है कि मंत्रिमंडल ने अपने इस फैसले में स्थानीय जनभावनाओं का ध्यान रखा है। भरतपुर
चिकित्सा महाविद्यालय का नामकरण भी स्वर्गीय पहाड़िया के नाम से करने का सैद्धांतिक निर्णय लिया है। गौरतलब है कि
पहाड़िया राजस्थान के भूतपूर्व मुख्यमंत्री एवं बिहार व हरियाणा के भूतपूर्व राज्यपाल भी रहे हैं।
पहले भी चर्चाओं में रहे हैं अनिरुद्ध
मंत्री अनिरुद्ध भरतपुर इससे पहले भी सरकार और अपने पिता विरोधी प्रतिक्रियाओं को लेकर सुर्खियों में बने रहे हैं। वहीं उनका नाम इसलिए भी चर्चा में बना रहता है क्योंकि वे पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के भी बेहद करीबी माने जाते हैं।
जोग संजोग टाइम्स,
गहलोत सरकार के एक और कैबिनेट मंत्री पुत्र चर्चा में है। दरअसल, कैबिनेट मंत्री विश्वेन्द्र सिंह के पुत्र अनिरुद्ध भरतपुर ने गहलोत सरकार के एक हालिया फैसले को लेकर खुलकर अपनी नाराजगी जताई है। मामला भरतपुर क्षेत्र में एक मेडिकल कॉलेज के नामकरण से जुड़ा है।
कैबिनेट फैसले पर जताया ऐतराज
कैबिनेट मंत्री विश्वेन्द्र सिंह के पुत्र अनिरुद्ध गहलोत कैबिनेट के उस हालिया फैसले पर ऐतराज जता रहे हैं, जिसमें भरतपुर के मेडिकल कॉलेज का नाम पूर्व सीएम जगन्नाथ पहाड़िया के नाम पर किए जाना तय हुआ है। अनिरुद्ध ने ट्रीट प्रतिक्रिया में सरकार से इस फैसले पर पुनर्विचार किए जाने की अपील की है।
महाराजा सूरजमल के नाम पर ही कॉलेज
मंत्री पुत्र अनिरुद्ध भरतपुर के मेडिकल कॉलेज का नाम महाराजा सूरजमल पर रखे जाने की पुरजोर मांग उठा रहे हैं। उनका कहना है कि जब जयपुर में सवाई मानसिंह हॉस्पिटल, उदयपुर में महाराणा भोपल हॉस्पिटल, कोटा में महाराव भीमसिंह हॉस्पिटल और जोधपुर में राज दादीसा हॉस्पिटल पूर्व राजघरानों के नाम पर हो सकते हैं, तो भरतपुर में महाराजा सूरजमल जी के नाम पर चिकित्सा कॉलेज नाम रखने में क्या परेशानी है?
उन्होंने कहा कि मैं महाराजा सूरजमल जी की 15वीं पीढ़ी का वंशज हूं और राज्य सरकार के इस फैसले की कड़ी निंदा करता हूं। सरकार को इस फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए। उन्होंने आगे ये भी कहा कि भरतपुर रियासत के महाराजा स्वर्गीय विरजेंद्र सिंह जी नाम पर समाज में कुछ लोग राजनीति खेल रहे हैं, यह उचित नहीं है, कृपया इसे बंद कर दें।
सरकार ने लिया है ये फैसला
भरतपुर के भुसावर स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय का नामकरण जगन्नाथ पहाड़िया के नाम से करने का निर्णय लिया गया है। सरकार का कहना है कि मंत्रिमंडल ने अपने इस फैसले में स्थानीय जनभावनाओं का ध्यान रखा है। भरतपुर
चिकित्सा महाविद्यालय का नामकरण भी स्वर्गीय पहाड़िया के नाम से करने का सैद्धांतिक निर्णय लिया है। गौरतलब है कि
पहाड़िया राजस्थान के भूतपूर्व मुख्यमंत्री एवं बिहार व हरियाणा के भूतपूर्व राज्यपाल भी रहे हैं।
पहले भी चर्चाओं में रहे हैं अनिरुद्ध
मंत्री अनिरुद्ध भरतपुर इससे पहले भी सरकार और अपने पिता विरोधी प्रतिक्रियाओं को लेकर सुर्खियों में बने रहे हैं। वहीं उनका नाम इसलिए भी चर्चा में बना रहता है क्योंकि वे पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के भी बेहद करीबी माने जाते हैं।
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