08 June 2022 08:51 PM
जोग संजोग टाइम्स,
रिजर्व बैंक मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी की बैठक में लिए गए फैसले के बारे में बताते हुए गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि सेंट्रल बैंक ने ऑटो डेबिट यानी रेकरिंग पेमेंट (Recurring payments) के लिए खुद-ब-खुद होने वाले भुगतान की लिमिट को 5000 रुपए से बढ़ाकर 15000 रुपए कर दिया है. यह ट्रांजैक्शन कार्ड या फिर UPI की मदद से पूरी की जाती है. आरबीआई ने 1 अक्टूबर 2021 को क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड और यूपीआई की मदद से रेकरिंग पेमेंट (Auto debit mandates) के लिए ओटीपी ऑथेंटिकेशन जरूरी किया था. वर्तमान नियम के अनुसार, अगर 5000 से कम रुपए का रेकरिंग ट्रांजैक्शन किया जाता है तो इसके लिए वन टाइम ऑथेंटिकेशन की जरूरत होती है. उसके बाद यह मंथली आधार पर ऑटो मोड में काम करता है.
हालांकि, उससे ज्यादा वेल्यु का ट्रांजेक्शन करने पर ओटीपी अनिवार्य होता है. अब इस लिमिट को 15000 रुपए कर दिया गया है. इसका मतलब, पंद्रह हजार रुपए तक का रेकरिंग ट्रांजेक्शन के लिए हर बार ओटीपी की जरूरत नहीं होगी. उससे ज्यादा का ट्रांजेक्शन करने पर ओटीपी की जरूरत होगी.
ग्राहकों की बढ़ेगी सुविधा
शक्तिकांत दास ने कहा कि रेकरिंग पेमेंट के लिए बिना ओटीपी की लिमिट 15000 रुपए कर देने से ग्राहकों को सुविधा मिलेगी. रिजर्व बैंक ने पिछले साल इसे ग्राहकों की सुविधा और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लागू किया था. रेकरिंग पेमेंट की मदद से आप मंथली सब्सक्रिप्शन, इंटरनेट रिचार्ज, इंश्योरेंस प्रीमियम जमा करना, एजुकेशन फीस जमा करना जैसे काम करते हैं. इसकी लिमिट को बढ़ाकर 15 हजार करने से ग्राहकों को सुविधा मिलेगी रिजर्व बैंक की तरफ से दी गई सूचना के मुताबिक, अभी तक 6.25 करोड़ मैडेट रजिस्टर की गई है. इसमें 3400 इंटरनेशनल मर्चेंट भी शामिल हैं.
जोग संजोग टाइम्स,
रिजर्व बैंक मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी की बैठक में लिए गए फैसले के बारे में बताते हुए गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि सेंट्रल बैंक ने ऑटो डेबिट यानी रेकरिंग पेमेंट (Recurring payments) के लिए खुद-ब-खुद होने वाले भुगतान की लिमिट को 5000 रुपए से बढ़ाकर 15000 रुपए कर दिया है. यह ट्रांजैक्शन कार्ड या फिर UPI की मदद से पूरी की जाती है. आरबीआई ने 1 अक्टूबर 2021 को क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड और यूपीआई की मदद से रेकरिंग पेमेंट (Auto debit mandates) के लिए ओटीपी ऑथेंटिकेशन जरूरी किया था. वर्तमान नियम के अनुसार, अगर 5000 से कम रुपए का रेकरिंग ट्रांजैक्शन किया जाता है तो इसके लिए वन टाइम ऑथेंटिकेशन की जरूरत होती है. उसके बाद यह मंथली आधार पर ऑटो मोड में काम करता है.
हालांकि, उससे ज्यादा वेल्यु का ट्रांजेक्शन करने पर ओटीपी अनिवार्य होता है. अब इस लिमिट को 15000 रुपए कर दिया गया है. इसका मतलब, पंद्रह हजार रुपए तक का रेकरिंग ट्रांजेक्शन के लिए हर बार ओटीपी की जरूरत नहीं होगी. उससे ज्यादा का ट्रांजेक्शन करने पर ओटीपी की जरूरत होगी.
ग्राहकों की बढ़ेगी सुविधा
शक्तिकांत दास ने कहा कि रेकरिंग पेमेंट के लिए बिना ओटीपी की लिमिट 15000 रुपए कर देने से ग्राहकों को सुविधा मिलेगी. रिजर्व बैंक ने पिछले साल इसे ग्राहकों की सुविधा और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लागू किया था. रेकरिंग पेमेंट की मदद से आप मंथली सब्सक्रिप्शन, इंटरनेट रिचार्ज, इंश्योरेंस प्रीमियम जमा करना, एजुकेशन फीस जमा करना जैसे काम करते हैं. इसकी लिमिट को बढ़ाकर 15 हजार करने से ग्राहकों को सुविधा मिलेगी रिजर्व बैंक की तरफ से दी गई सूचना के मुताबिक, अभी तक 6.25 करोड़ मैडेट रजिस्टर की गई है. इसमें 3400 इंटरनेशनल मर्चेंट भी शामिल हैं.
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