22 March 2023 12:42 PM
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर ,
वेटेरनरी विवि में मंगलवार काे हुए दीक्षांत समाराेह में 461 स्टूडेंट्स काे उपाधियां, 18 काे गाेल्ड मेडल और तीन स्टूडेंट्स काे कुलाधिपति पदक दिए गए। राज्यपाल कलराज मिश्र वर्चुअल जुड़े। अपने उद्बोधन में राज्यपाल मिश्र ने कहा कि भारतीय संस्कृति सदा से पशु-पक्षियों के प्रति प्रेम के अस्तित्व पर आधारित रही है। पशु-पक्षी पूजनीय, वीरता और शुभता के प्रतीक हैं।
पशुधन ने सामाजिक और आर्थिक संपन्नता के नए द्वार खोले हैं। आधुनिक चिकित्सा विज्ञान से पशुचिकित्सा विज्ञान को भी पंख लगे हैं। आगे इस क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर शोध और अनुसंधान भी बढ़ा है। लेकिन आधुनिक विज्ञान के साथ परंपरागत मूल्यों को भी सहेजते हुए आगे बढ़ने की आवश्यकता है। भ्रूण प्रत्यारोपण तकनीक के विकास से देशी गोवंश उत्पादन में अभिवृद्धि हो सकेगी। आईसीएआर के डीडीजी अाैर कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि डॉ. बी.एन. त्रिपाठी ने कहा कि राज्य सरकार एनईपी के दिशा निर्देश को लागू करे क्याेंकि पशुचिकित्सा को बेहतर बनाने के लिए परिवर्तन की जरूरत है। उन्होंने कहा कि 140 करोड़ आबादी वाले देश में पशुधन की खाद्य सुरक्षा में अहम भूमिका है।
दीक्षांत उद्बोधन में पद्मश्री विज्ञान रत्न प्रो. एम.एल. मदन ने कहा कि भारत में पशुधन से जैव विविधता का एक समृद्ध और अनूठा भंडार है जिसकी देश के सामाजिक-आर्थिक पहलुओं में महत्वपूर्ण भूमिका है। पशुधन 2014-15 से 2020-21 तक 7.93 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर से बढ़ा है। कुछ राज्यों में पशुधन योगदान 44 प्रतिशत से अधिक हो गया है। पशुधन में दूध में श्वेत, मांस में लाए मुर्गी पालन में पंख ए और मत्स्य पालन में नीली क्रांति का सूत्रपात हुआ है। अंडों और कुक्कुट जैसे कुछ उप क्षेत्रों में 11 से 17 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि दर्ज हुई है।
विवि के कुलपति सतीश के. गर्ग ने विवि की प्रोग्रेस रिपोर्ट पेश की। शैक्षणिक सत्र 2021-22 में विश्वविद्यालय के विभिन्न संघटक तथा सम्बद्ध शिक्षण संस्थानों द्वारा संचालित विभिन्न पाठ्यक्रमों में कुल 13974 छात्र पंजीकृत थे, जिसमें से 3081 बी.वी.एस.सी एण्ड ए.एच, 120 एम.वी.एस.सी, 57 पी.एच.डी. डिग्री पाठ्यक्रमों में तथा 10716 डिप्लोमा पाठ्यक्रम में पंजीकृत थे।
इनको मिला गोल्ड मेडल
साेनिया शर्मा, अभिषेक शर्मा, सुनील अरोड़ा, अंकिता शर्मा, और कृतिका दियाल ने पीएचडी में स्वर्ण पदक हासिल किया। पंकज चायल, केशव गौड़, नौशाली गुजर, रंजना कुमारी, प्रेम चंद तर्ड़, विक्रम गोदारा, शिखा बिश्नोई, गरिमा राठौड़, मुकनी कुमारी, कनिका यादव, शिवाली खंडेलवाल और टीना गुर्जर ने पीजी में स्वर्ण पदक प्राप्त किए। स्नातक में हार्दिक आर्य को स्वर्ण, पदक पूनम सैनी को रजत पदक और मोनिका चौधरी को कांस्य पदक से सम्मानित किया गया। स्नातकोत्तर शिक्षा में सर्वोत्कृष्ट प्रदर्शन करने पर केशव गौड़ को कुलाधिपति स्वर्ण पदक से अलंकृत किया गया।
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर ,
वेटेरनरी विवि में मंगलवार काे हुए दीक्षांत समाराेह में 461 स्टूडेंट्स काे उपाधियां, 18 काे गाेल्ड मेडल और तीन स्टूडेंट्स काे कुलाधिपति पदक दिए गए। राज्यपाल कलराज मिश्र वर्चुअल जुड़े। अपने उद्बोधन में राज्यपाल मिश्र ने कहा कि भारतीय संस्कृति सदा से पशु-पक्षियों के प्रति प्रेम के अस्तित्व पर आधारित रही है। पशु-पक्षी पूजनीय, वीरता और शुभता के प्रतीक हैं।
पशुधन ने सामाजिक और आर्थिक संपन्नता के नए द्वार खोले हैं। आधुनिक चिकित्सा विज्ञान से पशुचिकित्सा विज्ञान को भी पंख लगे हैं। आगे इस क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर शोध और अनुसंधान भी बढ़ा है। लेकिन आधुनिक विज्ञान के साथ परंपरागत मूल्यों को भी सहेजते हुए आगे बढ़ने की आवश्यकता है। भ्रूण प्रत्यारोपण तकनीक के विकास से देशी गोवंश उत्पादन में अभिवृद्धि हो सकेगी। आईसीएआर के डीडीजी अाैर कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि डॉ. बी.एन. त्रिपाठी ने कहा कि राज्य सरकार एनईपी के दिशा निर्देश को लागू करे क्याेंकि पशुचिकित्सा को बेहतर बनाने के लिए परिवर्तन की जरूरत है। उन्होंने कहा कि 140 करोड़ आबादी वाले देश में पशुधन की खाद्य सुरक्षा में अहम भूमिका है।
दीक्षांत उद्बोधन में पद्मश्री विज्ञान रत्न प्रो. एम.एल. मदन ने कहा कि भारत में पशुधन से जैव विविधता का एक समृद्ध और अनूठा भंडार है जिसकी देश के सामाजिक-आर्थिक पहलुओं में महत्वपूर्ण भूमिका है। पशुधन 2014-15 से 2020-21 तक 7.93 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर से बढ़ा है। कुछ राज्यों में पशुधन योगदान 44 प्रतिशत से अधिक हो गया है। पशुधन में दूध में श्वेत, मांस में लाए मुर्गी पालन में पंख ए और मत्स्य पालन में नीली क्रांति का सूत्रपात हुआ है। अंडों और कुक्कुट जैसे कुछ उप क्षेत्रों में 11 से 17 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि दर्ज हुई है।
विवि के कुलपति सतीश के. गर्ग ने विवि की प्रोग्रेस रिपोर्ट पेश की। शैक्षणिक सत्र 2021-22 में विश्वविद्यालय के विभिन्न संघटक तथा सम्बद्ध शिक्षण संस्थानों द्वारा संचालित विभिन्न पाठ्यक्रमों में कुल 13974 छात्र पंजीकृत थे, जिसमें से 3081 बी.वी.एस.सी एण्ड ए.एच, 120 एम.वी.एस.सी, 57 पी.एच.डी. डिग्री पाठ्यक्रमों में तथा 10716 डिप्लोमा पाठ्यक्रम में पंजीकृत थे।
इनको मिला गोल्ड मेडल
साेनिया शर्मा, अभिषेक शर्मा, सुनील अरोड़ा, अंकिता शर्मा, और कृतिका दियाल ने पीएचडी में स्वर्ण पदक हासिल किया। पंकज चायल, केशव गौड़, नौशाली गुजर, रंजना कुमारी, प्रेम चंद तर्ड़, विक्रम गोदारा, शिखा बिश्नोई, गरिमा राठौड़, मुकनी कुमारी, कनिका यादव, शिवाली खंडेलवाल और टीना गुर्जर ने पीजी में स्वर्ण पदक प्राप्त किए। स्नातक में हार्दिक आर्य को स्वर्ण, पदक पूनम सैनी को रजत पदक और मोनिका चौधरी को कांस्य पदक से सम्मानित किया गया। स्नातकोत्तर शिक्षा में सर्वोत्कृष्ट प्रदर्शन करने पर केशव गौड़ को कुलाधिपति स्वर्ण पदक से अलंकृत किया गया।
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