31 January 2022 02:58 PM
जोग संजोग टाइम्स,
जयपुर, आखिरकार वरिष्ठ आईएएस अधिकारी उषा शर्मा को राज्य का नया मुख्य सचिव बनाया गया है। आज दोपहर 1 बजे कार्मिक विभाग ने इसके आदेश जारी कर दिए हैं। 1985 बैच की आईएएस अधिकारी उषा शर्मा राजस्थान की दूसरी महिला आईएएस अधिकारी हैं जो मुख्य सचिव बनी है। उषा शर्मा मुख्य सचिव के साथ -साथ खान और खनिज निगम लिमिटेड का भी अतिरिक्त कार्यभार आगामी आदेशों तक देखेंगी।
सेवानिवृत्त निरंजन आर्य मुख्यमंत्री के सलाहकार
इधर मुख्य सचिव के पद से सेवानिवृत्त हुए वरिष्ठ आईएएस अधिकारी निरंजन आर्य को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का सलाहकार नियुक्त किया गया है। हालांकि पहले उन्हें राजस्थान लोक सेवा आयोग का चेयरमैन बनाए जाने की अटकलें चल रही थी लेकिन अब मुख्यमंत्री गहलोत का सलाहकार बनाया गया है। इस संबंध में भी कार्मिक विभाग ने आदेश जारी किए हैं।
आदेशों में लिखा गया है कि निरंजन आर्य के वेतन भत्ते और सेवा संबंधी शर्तें अलग से वित्त विभाग की सहमति के बाद जारी की जाएंगी। गौरतलब है कि उषा शर्मा लंबे अरसे से केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर थी राज्य सरकार के आग्रह के बाद रविवार को ही केंद्र सरकार ने उषा शर्मा को उनके मूल कैडर में लौटने के रिलीव आर्डर जारी किए थे।
सीपी जोशी की नजदीकी रिश्तेदार
वहीं वरिष्ठ आईएएस अधिकारी उषा शर्मा विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी की बेहद नजदीक रिश्तेदार हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि उषा शर्मा को मुख्य सचिव बनवाने में सीपी जोशी की भी पर्दे के पीछे बड़ी भूमिका रही है।
इन विभागों में कर चुकी हैं काम
वहीं उषा शर्मा राजस्थान में यूडीएच सचिव, नागरिक उड्डयन सचिव ,पर्यटन सचिव, उद्योग सचिव, जेडीसी, इसके अलावा बूंदी और अजमेर की कलेक्टर भी रह चुकी हैं।
पहले भी चला था नाम
दरअसल मुख्य सचिव के लिए उषा शर्मा का नाम पहले भी मजबूती से चला था लेकिन गहलोत सरकार ने कई वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों पर प्राथमिकता देते हुए निरंजन आर्य को मुख्य सचिव बनाया था। लेकिन इस बार मुख्य सचिव की दौड़ में उषा शर्मा का नाम काफी मजबूती से चल रहा था।
मुख्य सचिव के जरिए सियासी संकेत
जानकारों की माने तो राज्य की दूसरी महिला मुख्य सचिव बनाए जाने के पीछे गहलोत सरकार एक सियासी संकेत भी देने जा रही है। दरअसल उषा शर्मा का कार्यकाल जून 2023 तक है और इसी साल के अंत में राजस्थान में विधानसभा के चुनाव होने हैं। ऐसे में पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव और यूपी की प्रभारी प्रियंका गांधी की ओर से महिलाओं को प्रतिनिधित्व देने का जो संदेश यूपी में दिया गया था उसका असर राजस्थान में भी दिखाई दिया। इसीलिए गहलोत सरकार ने अपने कैबिनेट में 3 महिलाओं को शामिल किया था और अब मुख्य मुख्य सचिव महिला बनाकर विधानसभा चुनाव में सियासी संदेश दिया जाएगा।
जोग संजोग टाइम्स,
जयपुर, आखिरकार वरिष्ठ आईएएस अधिकारी उषा शर्मा को राज्य का नया मुख्य सचिव बनाया गया है। आज दोपहर 1 बजे कार्मिक विभाग ने इसके आदेश जारी कर दिए हैं। 1985 बैच की आईएएस अधिकारी उषा शर्मा राजस्थान की दूसरी महिला आईएएस अधिकारी हैं जो मुख्य सचिव बनी है। उषा शर्मा मुख्य सचिव के साथ -साथ खान और खनिज निगम लिमिटेड का भी अतिरिक्त कार्यभार आगामी आदेशों तक देखेंगी।
सेवानिवृत्त निरंजन आर्य मुख्यमंत्री के सलाहकार
इधर मुख्य सचिव के पद से सेवानिवृत्त हुए वरिष्ठ आईएएस अधिकारी निरंजन आर्य को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का सलाहकार नियुक्त किया गया है। हालांकि पहले उन्हें राजस्थान लोक सेवा आयोग का चेयरमैन बनाए जाने की अटकलें चल रही थी लेकिन अब मुख्यमंत्री गहलोत का सलाहकार बनाया गया है। इस संबंध में भी कार्मिक विभाग ने आदेश जारी किए हैं।
आदेशों में लिखा गया है कि निरंजन आर्य के वेतन भत्ते और सेवा संबंधी शर्तें अलग से वित्त विभाग की सहमति के बाद जारी की जाएंगी। गौरतलब है कि उषा शर्मा लंबे अरसे से केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर थी राज्य सरकार के आग्रह के बाद रविवार को ही केंद्र सरकार ने उषा शर्मा को उनके मूल कैडर में लौटने के रिलीव आर्डर जारी किए थे।
सीपी जोशी की नजदीकी रिश्तेदार
वहीं वरिष्ठ आईएएस अधिकारी उषा शर्मा विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी की बेहद नजदीक रिश्तेदार हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि उषा शर्मा को मुख्य सचिव बनवाने में सीपी जोशी की भी पर्दे के पीछे बड़ी भूमिका रही है।
इन विभागों में कर चुकी हैं काम
वहीं उषा शर्मा राजस्थान में यूडीएच सचिव, नागरिक उड्डयन सचिव ,पर्यटन सचिव, उद्योग सचिव, जेडीसी, इसके अलावा बूंदी और अजमेर की कलेक्टर भी रह चुकी हैं।
पहले भी चला था नाम
दरअसल मुख्य सचिव के लिए उषा शर्मा का नाम पहले भी मजबूती से चला था लेकिन गहलोत सरकार ने कई वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों पर प्राथमिकता देते हुए निरंजन आर्य को मुख्य सचिव बनाया था। लेकिन इस बार मुख्य सचिव की दौड़ में उषा शर्मा का नाम काफी मजबूती से चल रहा था।
मुख्य सचिव के जरिए सियासी संकेत
जानकारों की माने तो राज्य की दूसरी महिला मुख्य सचिव बनाए जाने के पीछे गहलोत सरकार एक सियासी संकेत भी देने जा रही है। दरअसल उषा शर्मा का कार्यकाल जून 2023 तक है और इसी साल के अंत में राजस्थान में विधानसभा के चुनाव होने हैं। ऐसे में पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव और यूपी की प्रभारी प्रियंका गांधी की ओर से महिलाओं को प्रतिनिधित्व देने का जो संदेश यूपी में दिया गया था उसका असर राजस्थान में भी दिखाई दिया। इसीलिए गहलोत सरकार ने अपने कैबिनेट में 3 महिलाओं को शामिल किया था और अब मुख्य मुख्य सचिव महिला बनाकर विधानसभा चुनाव में सियासी संदेश दिया जाएगा।
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