26 December 2022 03:42 PM
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर ,प्रदेश सरकार की लापरवाही से प्रदेश के 2.5 लाख घरों में बिजली कनेक्शन के लिए आया बजट लैप्स हो गया है। इसके लिए केंद्र सरकार ने 1022 करोड़ रुपए का बजट दिया था। इससे ढाणियों में बिजली कनेक्शन किए जाने थे। ये खुलासा केंद्र सरकार की जांच में हुआ है। पंडित दीनयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के तहत राज्य सरकार को प्रदेश की ढाणियां रोशन करने के लिए 26 जुलाई 2021 को 1022 करोड़ रुपए का बजट केंद्र ने दिया था। केंद्र सरकार ने दिसंबर तक काम पूरा करने की शर्त रखी थी। तय समय में इस रकम का उपयोग नहीं किया जा सका। इसके बाद प्रदेश सरकार की मांग पर केंद्र ने मार्च तक का समय दिया। इसके बावजूद काम शुरू नहीं हो सका। इस योजना के तहत गांवों में किसानों को मुफ्त विद्युत कनेक्शन दिए जाने थे। जबकि खुद के खर्च पर कनेक्शन कराने पर 70 हजार से एक लाख रुपए लगते हैं।
वर्ष 2018 तक इस योजना के तहत घरेलू कनेक्शन किए गए। फिर भी प्रदेश की अधिकांश ढाणियों के करीब ढाई लाख लोग कनेक्शन से वंचित रह गए। नोखा विधायक बिहारी लाल बिश्नोई ने ये मामला विधानसभा में उठाया। उन्होंने कहा कि नोखा में 8000 लोग कनेक्शन से वंचित हैं। इस शिकायत पर 2020 में केंद्र सरकार की टीम ने जांच की। शिकायत सही मिलने पर पूरे प्रदेश का सर्वे हुआ। इसमें सामने आया कि करीब ढाई घरों तक कनेक्शन नहीं हो सका।
26 जुलाई 2021 को केन्द्र ने राजस्थान को 1022 करोड़ का बजट दिया और कहा कि इससे ढाणियों के वंचित लोगों को कनेक्शन दिए जाएं। इसमें से 433-433 करोड़ जोधपुर, अजमेर और शेष राशि जयपुर डिस्कॉम को मिली। पांच महीने तक तत्कालीन ऊर्जा मंत्री डॉ. बीडी कल्ला ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। दिसंबर 2021 में भंवर सिंह भाटी के पास ये महकमा आया। भाटी को जनवरी में इसके बारे में पता चला। काम शुरू होता उससे पहले बजट ही लैप्स हो गया।
ऊर्जा मंत्री ने आरडीएसएस योजना में घरेलू कनेक्शन देने की मांग उठाई
केन्द्र सरकार जल्दी ही आरडीएसएस योजना लॉन्च करने की तैयारी में है। इसके तहत नए जीएसएस और फीडर बनेंगे। पुराने फीडर सुधरेंगे। ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने केन्द्र सरकार को पत्र लिखकर मांग की है कि वंचित घरेलू कनेक्शन को भी इस योजना में शामिल किया जाए। इस पर सैद्धांतिक सहमति हो चुकी है। अगर केन्द्र ने इसे शामिल कर लिया तो ढाई लाख लोगों को राहत मिलेगी ।
सबसे ज्यादा बाड़मेर में 46 हजार वंचित, बीकानेर में 28 हजार लोग इंतजार में : 2021 में हुए सर्वे के मुताबिक राज्य में सर्वाधिक बाड़मेर के 46000 लोग बिजली कनेक्शन से वंचित हैं। बीकानेर में ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी के विधानसभा क्षेत्र कोलायत में ही 14 हजार लोग वंचित हैं। नोखा में 8500 लोग कनेक्शन के इंतजार में हैं। जोधपुर और अजमेर डिस्कॉम के अधीन सर्वाधिक मामले हैं, जबकि जयपुर डिस्कॉम में ऐसे कनेक्शन की मांग कम है।
प्रदेश सरकार सेल्फ फाइनेंस स्कीम के तहत देती है कनेक्शन : वंचित ढाणियों के लोगों को कनेक्शन देने के लिए राज्य सरकार ने 2012 में मुख्यमंत्री घरेलू विद्युतीकरण योजना लागू की थी। इसमें एक व्यक्ति पर 70 हजार से एक लाख रुपए तक का वित्तीय भार आता है। ऐसे में लोगों के लिए केन्द्रीय योजना बहुत लाभदायक थी।
राजस्थान में सबसे पहले मैंने ये मुद्दा उठाया। लेकिन बीडी कल्ला खुद को शहरी मंत्री ही समझते हैं। उन्हें गांव की चिंता नहीं है। अब भंवर सिंह भाटी को तो ग्रामीणों की पीड़ा समझनी चाहिए। -बिहारीलाल बिश्नोई, विधायक नोखा
भाटी बोले-केंद्रीय मंत्री शेखावत, मेघवाल और चौधरी भी जिम्मेदार - भंवरसिंह भाटी, ऊर्जा मंत्री
Q. एक तरफ राज्य सरकार केन्द्र पर आरोप लगाती है कि पैसा नहीं मिलता पर आपको जो 1022 करोड़ गरीबों के कनेक्शन के लिए मिले वो लैप्स कैसे हो गए?
A. योजना मंजूर हुई तब मैं ऊर्जा मंत्री नहीं था। मेरे पास दिसंबर में विभाग आया। जनवरी में मैंने इसे समझा, लेकिन तब तक समय समाप्त हो रहा था। मैंने केन्द्र से जून तक समय बढ़ाने के लिए कहा, लेकिन उन्होंने मार्च तक का समय दिया। समय कम होने के कारण काम नहीं हो पाया, इसलिए पैसा लैप्स हो गया।
Q. आपको नहीं लगता कि इस योजना का पैसा लैप्स होने से गरीबों का अहित हुआ?
A. जब योजना समाप्त होने वाली थी तो मैं खुद केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री से मिला। गजेंद्र सिंह शेखावत, अर्जुनराम मेघवाल और कैलाश चौधरी से कहा। किसी ने सहयोग नहीं किया। मेरे से चूक हुई पर जिम्मेवारी इन मंत्रियों की भी तो बनती है।
Q. अब वंचित लोगों के लिए क्या प्लान है?
A. आरडीएसएस योजना आ रही है। हमने केन्द्रीय ऊर्जा मंत्रालय से बात की है। उन्होंने इसमें घरेलू कनेक्शन की स्कीम शामिल करने पर सैद्धांतिक सहमति दी है। अब प्रस्ताव बना रहे हैं।
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर ,प्रदेश सरकार की लापरवाही से प्रदेश के 2.5 लाख घरों में बिजली कनेक्शन के लिए आया बजट लैप्स हो गया है। इसके लिए केंद्र सरकार ने 1022 करोड़ रुपए का बजट दिया था। इससे ढाणियों में बिजली कनेक्शन किए जाने थे। ये खुलासा केंद्र सरकार की जांच में हुआ है। पंडित दीनयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के तहत राज्य सरकार को प्रदेश की ढाणियां रोशन करने के लिए 26 जुलाई 2021 को 1022 करोड़ रुपए का बजट केंद्र ने दिया था। केंद्र सरकार ने दिसंबर तक काम पूरा करने की शर्त रखी थी। तय समय में इस रकम का उपयोग नहीं किया जा सका। इसके बाद प्रदेश सरकार की मांग पर केंद्र ने मार्च तक का समय दिया। इसके बावजूद काम शुरू नहीं हो सका। इस योजना के तहत गांवों में किसानों को मुफ्त विद्युत कनेक्शन दिए जाने थे। जबकि खुद के खर्च पर कनेक्शन कराने पर 70 हजार से एक लाख रुपए लगते हैं।
वर्ष 2018 तक इस योजना के तहत घरेलू कनेक्शन किए गए। फिर भी प्रदेश की अधिकांश ढाणियों के करीब ढाई लाख लोग कनेक्शन से वंचित रह गए। नोखा विधायक बिहारी लाल बिश्नोई ने ये मामला विधानसभा में उठाया। उन्होंने कहा कि नोखा में 8000 लोग कनेक्शन से वंचित हैं। इस शिकायत पर 2020 में केंद्र सरकार की टीम ने जांच की। शिकायत सही मिलने पर पूरे प्रदेश का सर्वे हुआ। इसमें सामने आया कि करीब ढाई घरों तक कनेक्शन नहीं हो सका।
26 जुलाई 2021 को केन्द्र ने राजस्थान को 1022 करोड़ का बजट दिया और कहा कि इससे ढाणियों के वंचित लोगों को कनेक्शन दिए जाएं। इसमें से 433-433 करोड़ जोधपुर, अजमेर और शेष राशि जयपुर डिस्कॉम को मिली। पांच महीने तक तत्कालीन ऊर्जा मंत्री डॉ. बीडी कल्ला ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। दिसंबर 2021 में भंवर सिंह भाटी के पास ये महकमा आया। भाटी को जनवरी में इसके बारे में पता चला। काम शुरू होता उससे पहले बजट ही लैप्स हो गया।
ऊर्जा मंत्री ने आरडीएसएस योजना में घरेलू कनेक्शन देने की मांग उठाई
केन्द्र सरकार जल्दी ही आरडीएसएस योजना लॉन्च करने की तैयारी में है। इसके तहत नए जीएसएस और फीडर बनेंगे। पुराने फीडर सुधरेंगे। ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने केन्द्र सरकार को पत्र लिखकर मांग की है कि वंचित घरेलू कनेक्शन को भी इस योजना में शामिल किया जाए। इस पर सैद्धांतिक सहमति हो चुकी है। अगर केन्द्र ने इसे शामिल कर लिया तो ढाई लाख लोगों को राहत मिलेगी ।
सबसे ज्यादा बाड़मेर में 46 हजार वंचित, बीकानेर में 28 हजार लोग इंतजार में : 2021 में हुए सर्वे के मुताबिक राज्य में सर्वाधिक बाड़मेर के 46000 लोग बिजली कनेक्शन से वंचित हैं। बीकानेर में ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी के विधानसभा क्षेत्र कोलायत में ही 14 हजार लोग वंचित हैं। नोखा में 8500 लोग कनेक्शन के इंतजार में हैं। जोधपुर और अजमेर डिस्कॉम के अधीन सर्वाधिक मामले हैं, जबकि जयपुर डिस्कॉम में ऐसे कनेक्शन की मांग कम है।
प्रदेश सरकार सेल्फ फाइनेंस स्कीम के तहत देती है कनेक्शन : वंचित ढाणियों के लोगों को कनेक्शन देने के लिए राज्य सरकार ने 2012 में मुख्यमंत्री घरेलू विद्युतीकरण योजना लागू की थी। इसमें एक व्यक्ति पर 70 हजार से एक लाख रुपए तक का वित्तीय भार आता है। ऐसे में लोगों के लिए केन्द्रीय योजना बहुत लाभदायक थी।
राजस्थान में सबसे पहले मैंने ये मुद्दा उठाया। लेकिन बीडी कल्ला खुद को शहरी मंत्री ही समझते हैं। उन्हें गांव की चिंता नहीं है। अब भंवर सिंह भाटी को तो ग्रामीणों की पीड़ा समझनी चाहिए। -बिहारीलाल बिश्नोई, विधायक नोखा
भाटी बोले-केंद्रीय मंत्री शेखावत, मेघवाल और चौधरी भी जिम्मेदार - भंवरसिंह भाटी, ऊर्जा मंत्री
Q. एक तरफ राज्य सरकार केन्द्र पर आरोप लगाती है कि पैसा नहीं मिलता पर आपको जो 1022 करोड़ गरीबों के कनेक्शन के लिए मिले वो लैप्स कैसे हो गए?
A. योजना मंजूर हुई तब मैं ऊर्जा मंत्री नहीं था। मेरे पास दिसंबर में विभाग आया। जनवरी में मैंने इसे समझा, लेकिन तब तक समय समाप्त हो रहा था। मैंने केन्द्र से जून तक समय बढ़ाने के लिए कहा, लेकिन उन्होंने मार्च तक का समय दिया। समय कम होने के कारण काम नहीं हो पाया, इसलिए पैसा लैप्स हो गया।
Q. आपको नहीं लगता कि इस योजना का पैसा लैप्स होने से गरीबों का अहित हुआ?
A. जब योजना समाप्त होने वाली थी तो मैं खुद केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री से मिला। गजेंद्र सिंह शेखावत, अर्जुनराम मेघवाल और कैलाश चौधरी से कहा। किसी ने सहयोग नहीं किया। मेरे से चूक हुई पर जिम्मेवारी इन मंत्रियों की भी तो बनती है।
Q. अब वंचित लोगों के लिए क्या प्लान है?
A. आरडीएसएस योजना आ रही है। हमने केन्द्रीय ऊर्जा मंत्रालय से बात की है। उन्होंने इसमें घरेलू कनेक्शन की स्कीम शामिल करने पर सैद्धांतिक सहमति दी है। अब प्रस्ताव बना रहे हैं।
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18 September 2025 12:36 PM
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