23 February 2023 11:50 AM
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर ,
अगर आप काेई बड़ा पार्सल रेलवे से दूसरे शहर में भिजवाना चाहते है। ताे इस काम के लिए अब स्टेशन जाने की जरूरत नहीं है। रेलवे व डाक विभाग के बीच ज्वाइंट पार्सल प्राेजेक्ट काे लेकर एक एमआेयू हुआ है, जिसके मुताबिक डाक विभाग का कर्मचारी घर या संबंधित संस्थान आकर पार्सल क्लेक्ट करेगा। फिर उसे रेलवे के पार्सल प्वाइंट तक पहुंचाएगा।
रेलवे उसे रूटीन की तरह गंतव्य के लिए रवाना करेगा। इससे आम आदमी काे बड़ा पार्सल लेने के लिए स्टेशन जाने की जरूरत नहीं हाेगी। उसे तय पते पर पार्सल डाक विभाग के कर्मचारी पहुंचाएंगे। कुरियर कंपनियाें की तुलना में कम रुपए लगेंगे। एजेंटाें से राहत मिलेगी। खासबात यह है कि देश के कई स्टेशनाें पर इसका ट्राॅयल शुरू हाे चुका है। डाक अधीक्षक सीताराम खत्री ने बताया कि अभी तक 35 किलाे वजन से कम के पार्सल डाक विभाग भेजता था। अब ज्यादा वजन के पार्सल काे वह संबंधित फर्म या शख्स के पते से क्लेक्ट करेगा।
फिर उसे रेलवे स्टेशन के पार्सल घर में जाकर गंतव्य के लिए बुक करवाएगा। पार्सल के बदले में उसके वजन व किलाेमीटर के हिसाब से शुल्क वसूला जाएगा। जिस जगह पर पार्सल पहुंचेगा। वहां डाक विभाग के कर्मचारी पार्सल काे उसके मालिक तक पहुंचाएंगे। दाेनाें महकमाें के संयुक्त प्रयास से इस सुविधा काे शुरू किया जा रहा है। बीकानेर में ऐसे बड़े पार्सल भेजने वाले कस्टमर से डाक विभाग के कर्मचारी संपर्क में जुटे हैं ताकि उन्हें नई व्यवस्था काे शुरू किया जा सके। इस सिस्टम से रेलवे व डाक विभाग दाेनाें काे फायदा हाेगा। साथ ही भेजे जाने वाले पार्सल का बीमा भी हाेगा ताकि किसी तरह का काेई नुकसान न हाे। गाैरतलब है कि रेलवे काे पहले पार्सल से अच्छी खासी इनकम हाेती थी, जाे अब पहले जैसी नहीं है। ऐसे में रेलवे ने पार्सल सेवा के प्रति ग्राहकाें काे रूझान बढ़ाने के लिए अब यह नई स्कीम तैयार की है।
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर ,
अगर आप काेई बड़ा पार्सल रेलवे से दूसरे शहर में भिजवाना चाहते है। ताे इस काम के लिए अब स्टेशन जाने की जरूरत नहीं है। रेलवे व डाक विभाग के बीच ज्वाइंट पार्सल प्राेजेक्ट काे लेकर एक एमआेयू हुआ है, जिसके मुताबिक डाक विभाग का कर्मचारी घर या संबंधित संस्थान आकर पार्सल क्लेक्ट करेगा। फिर उसे रेलवे के पार्सल प्वाइंट तक पहुंचाएगा।
रेलवे उसे रूटीन की तरह गंतव्य के लिए रवाना करेगा। इससे आम आदमी काे बड़ा पार्सल लेने के लिए स्टेशन जाने की जरूरत नहीं हाेगी। उसे तय पते पर पार्सल डाक विभाग के कर्मचारी पहुंचाएंगे। कुरियर कंपनियाें की तुलना में कम रुपए लगेंगे। एजेंटाें से राहत मिलेगी। खासबात यह है कि देश के कई स्टेशनाें पर इसका ट्राॅयल शुरू हाे चुका है। डाक अधीक्षक सीताराम खत्री ने बताया कि अभी तक 35 किलाे वजन से कम के पार्सल डाक विभाग भेजता था। अब ज्यादा वजन के पार्सल काे वह संबंधित फर्म या शख्स के पते से क्लेक्ट करेगा।
फिर उसे रेलवे स्टेशन के पार्सल घर में जाकर गंतव्य के लिए बुक करवाएगा। पार्सल के बदले में उसके वजन व किलाेमीटर के हिसाब से शुल्क वसूला जाएगा। जिस जगह पर पार्सल पहुंचेगा। वहां डाक विभाग के कर्मचारी पार्सल काे उसके मालिक तक पहुंचाएंगे। दाेनाें महकमाें के संयुक्त प्रयास से इस सुविधा काे शुरू किया जा रहा है। बीकानेर में ऐसे बड़े पार्सल भेजने वाले कस्टमर से डाक विभाग के कर्मचारी संपर्क में जुटे हैं ताकि उन्हें नई व्यवस्था काे शुरू किया जा सके। इस सिस्टम से रेलवे व डाक विभाग दाेनाें काे फायदा हाेगा। साथ ही भेजे जाने वाले पार्सल का बीमा भी हाेगा ताकि किसी तरह का काेई नुकसान न हाे। गाैरतलब है कि रेलवे काे पहले पार्सल से अच्छी खासी इनकम हाेती थी, जाे अब पहले जैसी नहीं है। ऐसे में रेलवे ने पार्सल सेवा के प्रति ग्राहकाें काे रूझान बढ़ाने के लिए अब यह नई स्कीम तैयार की है।
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