05 September 2021 08:47 AM
बीकानेर, राजकीय डूंगर कॉलेज में जैनोलोजी में ग्रेजुएशन पाठ्यक्रम खोलने पर जैन समाज की ओर से शनिवार को गंगाशहर स्थित सींगी भवन में उच्च शिक्षा मंत्री भंवर ंिसह भाटी का स्वागत किया गया और आभार व्यक्त किया गया।
उच्च शिक्षा मंत्री का तेरापंथ सभा गंगाशहर, तेरापंथ सभा भीनासर, तेरापंथ योग परिषद गंगाशहर व अणुव्रत समिति गंगाशहर की ओर से साफा पहनाकर, पताका भंेट कर, जैन साहित्य प्रदान कर और शॉल ओढ़ाकर स्वागत एवं अभिनंदन किया गया। वक्ताओं ने उच्च शिक्षा मंत्री भँवर सिंह भाटी के प्रति आभार जताया और कहा कि राजस्थान सरकार ने दुनिया में बढ़ती हिंसा, कोरोना महामारी और तनाव के चलते अवसाद के इस दौरान जेनॉलॉजी का यह पाठ्यक्रम शुरू कर नवाचार किया।
इस अवसर पर भाटी ने कहा कि जैनोलोजी विषय से विद्यार्थियों में अच्छे संस्कार उत्पन्न होंगे। नई पीढ़ी संस्कारित और सुशिक्षित होगी। उन्होंने कहा कि भगवान महावीर के उपदेशों को जीवन में अपनाएं तो जीवन का अर्थ सफल हो जायेगा। उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वजों ने जो संस्कारित ज्ञान दिया था, उससे नई पीढ़ी को जोड़ना है, हमारी संस्कृति से परिचय करवाना है। उन्होंने शिक्षा की प्रगति मे जैन समाज व सेठ साहूकारों के योगदान पर भी प्रकाश डाला।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में इन्द्र चंद सींगी, रिद्धकरण सेठिया, इसर बोथरा उपस्थित थे। मनोज सेठिया, शान्ति लाल सेठिया, प्रकाश भंसाली सहित जैन समाज के प्रबुद्धजन उपस्थित थे।
बीकानेर, राजकीय डूंगर कॉलेज में जैनोलोजी में ग्रेजुएशन पाठ्यक्रम खोलने पर जैन समाज की ओर से शनिवार को गंगाशहर स्थित सींगी भवन में उच्च शिक्षा मंत्री भंवर ंिसह भाटी का स्वागत किया गया और आभार व्यक्त किया गया।
उच्च शिक्षा मंत्री का तेरापंथ सभा गंगाशहर, तेरापंथ सभा भीनासर, तेरापंथ योग परिषद गंगाशहर व अणुव्रत समिति गंगाशहर की ओर से साफा पहनाकर, पताका भंेट कर, जैन साहित्य प्रदान कर और शॉल ओढ़ाकर स्वागत एवं अभिनंदन किया गया। वक्ताओं ने उच्च शिक्षा मंत्री भँवर सिंह भाटी के प्रति आभार जताया और कहा कि राजस्थान सरकार ने दुनिया में बढ़ती हिंसा, कोरोना महामारी और तनाव के चलते अवसाद के इस दौरान जेनॉलॉजी का यह पाठ्यक्रम शुरू कर नवाचार किया।
इस अवसर पर भाटी ने कहा कि जैनोलोजी विषय से विद्यार्थियों में अच्छे संस्कार उत्पन्न होंगे। नई पीढ़ी संस्कारित और सुशिक्षित होगी। उन्होंने कहा कि भगवान महावीर के उपदेशों को जीवन में अपनाएं तो जीवन का अर्थ सफल हो जायेगा। उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वजों ने जो संस्कारित ज्ञान दिया था, उससे नई पीढ़ी को जोड़ना है, हमारी संस्कृति से परिचय करवाना है। उन्होंने शिक्षा की प्रगति मे जैन समाज व सेठ साहूकारों के योगदान पर भी प्रकाश डाला।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में इन्द्र चंद सींगी, रिद्धकरण सेठिया, इसर बोथरा उपस्थित थे। मनोज सेठिया, शान्ति लाल सेठिया, प्रकाश भंसाली सहित जैन समाज के प्रबुद्धजन उपस्थित थे।
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