14 January 2023 06:03 PM

जोग संजोग टाइम्स,
करमीसर रोड स्थित वार्ड नं.-3 में अपनी बुआ की करोड़ों रुपए की जमीन को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर हड़पने के मुख्य आरोपी की जमानत अर्जी खारिज कर उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। इस संबंध में आरोपी जगदीश माली व अन्य के खिलाफ गंगाशहर पुलिस थाना में 4 सिंतबर 2021 को सत्यप्रकाश गहलोत ने धोखाधड़ी के आरोप में मामला दर्ज कराया था। रिपोर्ट में आरोप लगाया कि प्रार्थी की मां आशादेवी की करमीसर ग्राम पंचायत में 23 बीघा 15 बिस्वा कृषि भूमि उसके नाम थी, इसमें से 7 बीघा 18 बिस्वा भूमि भंवरलाल पुत्र टीकूराम गहलोत निवासी श्रीरामसर, बीकानेर को आशादेवी ने 31 मार्च 2008 को बेच दी थी। इसके बाद 11 जनवरी 2014 को आशादेवी का निधन हो गया।
आशादेवी के भतीजे जगदीश पुत्र भंवरलाल माली ने कूटरचित मुखत्यारनामा तैयार कर 15 बीघा 17 बिस्वा जमीन अपनी पत्नी मनोज देवी, चचेरी बहन ममोलदेवी पत्नी ओमप्रकाश के नाम कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर रजिस्ट्री करवा दी। उसके कुछ समय पश्चात जगदीश माली ने अपनी चचेरी बहन ममोलदेवी से पावर ऑफ अटार्नी लेकर अपने पुत्र रमेश माली के नाम करीब साढ़े सात बीघा जमीन रजिस्ट्री करवा दी। आरोपियों ने बाद में करोड़ों रुपए की इस भूमि पर प्लॉट काटकर बेच दिए। इस मामले में पुलिस ने जांच में जगदीश माली व अन्य को दोषी पाया है। जांच में दोषी पाए गए चार में से एक मुख्य आरोपी जगदीश माली ने बीकानेर की एसीजेएम कोर्ट में 10 जनवरी को सरेंडर कर दिया था, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
जोग संजोग टाइम्स,
करमीसर रोड स्थित वार्ड नं.-3 में अपनी बुआ की करोड़ों रुपए की जमीन को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर हड़पने के मुख्य आरोपी की जमानत अर्जी खारिज कर उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। इस संबंध में आरोपी जगदीश माली व अन्य के खिलाफ गंगाशहर पुलिस थाना में 4 सिंतबर 2021 को सत्यप्रकाश गहलोत ने धोखाधड़ी के आरोप में मामला दर्ज कराया था। रिपोर्ट में आरोप लगाया कि प्रार्थी की मां आशादेवी की करमीसर ग्राम पंचायत में 23 बीघा 15 बिस्वा कृषि भूमि उसके नाम थी, इसमें से 7 बीघा 18 बिस्वा भूमि भंवरलाल पुत्र टीकूराम गहलोत निवासी श्रीरामसर, बीकानेर को आशादेवी ने 31 मार्च 2008 को बेच दी थी। इसके बाद 11 जनवरी 2014 को आशादेवी का निधन हो गया।
आशादेवी के भतीजे जगदीश पुत्र भंवरलाल माली ने कूटरचित मुखत्यारनामा तैयार कर 15 बीघा 17 बिस्वा जमीन अपनी पत्नी मनोज देवी, चचेरी बहन ममोलदेवी पत्नी ओमप्रकाश के नाम कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर रजिस्ट्री करवा दी। उसके कुछ समय पश्चात जगदीश माली ने अपनी चचेरी बहन ममोलदेवी से पावर ऑफ अटार्नी लेकर अपने पुत्र रमेश माली के नाम करीब साढ़े सात बीघा जमीन रजिस्ट्री करवा दी। आरोपियों ने बाद में करोड़ों रुपए की इस भूमि पर प्लॉट काटकर बेच दिए। इस मामले में पुलिस ने जांच में जगदीश माली व अन्य को दोषी पाया है। जांच में दोषी पाए गए चार में से एक मुख्य आरोपी जगदीश माली ने बीकानेर की एसीजेएम कोर्ट में 10 जनवरी को सरेंडर कर दिया था, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
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